भूख नहीं लगती है आपको? हो सकता है इन गंभीर बीमारियों का खतरा

स्वस्थ रहने के लिए सही भोजन करना जरूरी होता है क्‍योंकि इससे शरीर को पोषण मिलता है। लेकिन, शरीर में मौजूद कई बीमारियों के चलते भूख कम हो जाती है।  

reasons of not feeling hungry by expert

भूख कम लगना आमतौर पर किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत होता है। महिलाओं को एक दिन में लगभग 2 हजार कैलोरी का सेवन करना चाहिए। हालांकि, आवश्यकताएं एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग होती हैं और यदि आपकी फिजिकल एक्टिविटी का लेवल और मसल्‍स मास ज्‍यादा है, तो आपको इससे ज्‍यादा की आवश्‍यकता हो सकती है।

आजकल हमारा खान-पान ऐसा हो गया है कि हम सभी अधिक खाने के लिए ललचाते हैं, क्योंकि तरह-तरह का टेस्‍टी फूड्स आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। यही कारण है कि आज अधिकांश लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्‍या कैलोरी का ज्‍यादा सेवन है। इस कंडीशन में भूख कम लगती है और अधिक खाने के लिए संघर्ष करना पड़ता हे। यह शरीर में मौजूद समस्याओं का संकेत हो सकता है। कौन सी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं में भूख कम हो जाती है? इसके बारे में iThrive की सीईओ और फाउंडर, फंक्शनल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट मुग्धा प्रधान बता रहे हैं।

भूख कम लगने के अंदरुनी कारण बहुत सारे हैं। इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों कारण शामिल हैं। हालांकि, समस्या की पहचान करने के लिए स्वास्थ्य का मूल्यांकन और मूल कारण के बारे में जानना जरूरी होता है। लेकिन, सबसे आम समस्याओं में शामिल हैं-

never feeling hungry disorder

आंतों की समस्याएं

आंतों की समस्याएं, जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD), डाइजेस्टिव सिस्‍टम के काम में बाधा उत्पन्‍न करके भूख को कम करती हैं। इससे पेट में दर्द, मतली और मल त्याग में बदलाव हो सकता है, ये सभी भूख को कम कर सकते हैं।

जब डाइजेस्टिव सिस्‍टम ठीक से काम नहीं कर रहा होता है और प्रेशर में होता है, तो शरीर को कुछ भी खाने का मन नहीं करता है।

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थायरॉइड और अन्य हार्मोनल समस्‍याएं

not feeling hungry in thyroid problem

थायरॉइड और अन्य हार्मोनल असंतुलन शरीर में हार्मोन के सामान्य संतुलन को बाधित करके भूख कम कर सकते हैं। लेप्टिन, घ्रेलिन और कोर्टिसोल ऐसे हार्मोन हैं, जो भूख को नियंत्रित करने में भूमिका निभाते हैं।

  • लेप्टिन- यह फैट सेल्‍स से बना हार्मोन है, जो भूख को दबाने में मदद करता है।
  • घ्रेलिन- यह पेट द्वारा उत्पादित हार्मोन है, जो भूख को उत्तेजित करता है।
  • कोर्टिसोल- यह तनाव हार्मोन है, जो अनहेल्‍दी फूड्स की लालसा को बढ़ाकर भूख को प्रभावित करता है।
  • जब ये हार्मोन संतुलन से बाहर हो जाते हैं, तब इससे भूख में बदलाव हो सकता है।

इसके अलावा, हाइपोथायरायडिज्म या अंडरएक्टिव थायरॉइड ग्‍लैंड, भूख कम होने का आम कारण है।

मनोवैज्ञानिक समस्‍याएं

मनोवैज्ञानिक समस्‍याएं भूख की धारणा को बदलकर भूख में कमी का कारण बनती हैं। एनोरेक्सिया एक मानसिक समस्‍या है, जो व्यक्ति के पतले होने के तर्कहीन जुनून के कारण भूख में कमी लाती है। क्लिनिकल डिप्रेशन भी आमतौर पर भूख न लगने से जुड़ा होता है।

स्‍लो मेटाबॉलिज्‍म

slow metabolism

स्‍लो मेटाबॉलिज्‍म शरीर की एनर्जी को कम करता है, जिससे भूख कम हो जाती है। यह आमतौर पर थायरॉइड के कामों को कम और हार्मोनल समस्‍याओं के कारण होता है। यह उम्र बढ़ने और गतिहीन जीवनशैली से भी बढ़ जाता है।

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भूख न लगना एक गंभीर समस्या है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि समस्या बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही, सही मार्गदर्शन और स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव के साथ, कोई भी अपनी समस्याओं को दूर कर सकता है और स्‍वस्‍थ जीवन जी सकता है।

आपको भी हेल्‍थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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Image Credit: Freepik & Shutterstock

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