स्किन पिग्मेंटेशन के ये हैं कारण, न्यूट्रिशनिस्ट ने बताए इसे नियंत्रित करने के तरीके

क्या आपको पता है कि इंसुलिन रेजिस्टेंस और लिवर की समस्या के कारण स्किन पिगमेंटेशन हो सकता है। आइए जानें कि यह कैसे स्किन के कलर को प्रभावित करता है।

how insulin resistance affects skin pigmentation

क्या आपने हाल ही में अपनी त्वचा पर पिग्मेंटेशन होते देखा है? दरअसल हमारी त्वचा कई अलग-अलग तरह के सेल्स से तैयार होती है। इनका अलग काम होता है। शायद आपको न पता हो, लेकिन हमारी त्वचा इंसुलिन के प्रति संवेदनशील होती है। आपने सुना भी होगा कि डायबिटीज त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। जिन लोगों को डायबिटीज होता है, उनकी त्वचा ज्यादा ड्राई होती है और उन्हें खुजली की समस्या भी बहुत ज्यादा होती है।

इसके कारण कई बार स्किन इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ता है। आपने नोटिस किया होगा कि डायबिटीज के मरीजों को यदि कोई चोट लगे, तो उसे भरने में वक्त लगता है। फंक्शनल हार्मोनल न्यूट्रिशनिस्ट शिखा गुप्ता अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसके बारे में जानकारी भी देती हैं। उनके मुताबिक, "हमारी त्वचा इंसुलिन के प्रति संवेदनशील होती है, इसलिए इंसुलिन में होने वाले बदलाव त्वचा में भी दिखाई देते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस के अर्ली साइन में स्किन पिग्मेंटेशन भी एक साइन है। यह ज्यादा मेलेनिन के प्रोडक्शन के कारण होता है।"

वह आगे यह भी बताती है कि क्लॉग्ड लिवर भी स्किन पिग्मेंटेशन का कारण होता है। चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से जानें कि इन दोनों के कारण स्किन पिग्मेंटेशन कैसे होता है।

क्या है स्किन पिग्मेंटेशन?

त्वचा का काला पड़ना, जिसे हाइपरपिग्मेंटेशन भी कहा जाता है, यह संकेत दे सकता है कि आपकी त्वचा अतिरिक्त मेलेनिन का उत्पादन करती है। मेलेनिनके कारण ही हमारी त्वचा को उसका रंग मिलता है। बहुत अधिक मेलेनिन उत्पादन (हाइपर मेलानोसिस)त्वचा पर छोटे काले धब्बेपैदा कर सकता है।

स्किन पिग्मेंटेशन के कारण-

skin pigmentation

सन डैमेज के कारण स्किन पिग्मेंटेशन होना सबसे आम बात है। यह आमतौर पर त्वचा के उन हिस्सों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है, जो सूर्य के संपर्क में अधिक आते हैं। इसके अलावा पिग्मेंटेशन के अन्य कारण इस प्रकार हैं-

  • कीमोथेरेपी के इलाज के दौरा ली गई दवाओं के कारण
  • गर्भावस्था हार्मोन
  • एंडोक्राइन डीजीज, जैसे एडिसन रोग
  • मेलास्मा
  • इंसुलिन प्रतिरोध
  • लिवर की समस्या

इंसुलिन प्रतिरोध कैसे करता है स्किन पिग्मेंट को प्रभावित

इंसुलिन ग्लूकेज लेने की क्षमता को उत्तेजित करता है, इसके कारण डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। इसके कारण ही आपके खून में लिपिड्स भी बढ़ जाते हैं। अब यह इंसुलिन केराटिनोसाइट्स और मेलानोसाइट्स को भी उत्तेजित करता है। मेलनिन चूंकि इंसुलिन के प्रति संवेदनशील होता है, तो इसका सीधा अर्थ है कि इसके कारण मेलनिन का प्रोडक्शन बढ़ता है और स्किन भी डार्क होती जाती है।इसलिए इंसुलिन प्रतिरोध का जल्दी पता लगाना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे आगे की स्वास्थ्य जटिलताओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

लिवर की समस्या से भी हो सकता है स्किन पिग्मेंटेशन

खराब लिवर फंक्शन के कारण व्यक्ति का शरीर टॉक्सिन्स को प्रभावी ढंग से तोड़ नहीं पाता है, जिससे ये टॉक्सिन्स ब्लड स्ट्रीम और अन्य टिश्यू और अंगों में जमा हो जाते हैं। यदि आपका लिवर सुस्त है या उससे ठीक से काम नहीं हो रहा है, तो इससे भी स्किन पिग्मेंटेशन हो सकती है। यह अधिक मेलेनिन उत्पादन का कारण बनता है और त्वचा पर पिग्मेंट और शरीर पर दाग-धब्बे नजर आने लगते हैं।

इसे भी पढ़ें: स्किन पिगमेंटेशन की है समस्या तो डाइट में करें ये बदलाव

स्किन पिग्मेंटेशन के लिए इन चीजों का करें परहेज

what to eat for skin pigmentation

ऐस में आपको अपने खानपान का बहुत ज्यादा ध्यान देना चाहिए। आपको अपने आहार से शुगर की मात्रा को घटाना चाहिए। इसके अलावा मसालेदार भोजन और/या तले हुए खाद्य पदार्थ भी शरीर में अत्यधिक सूजन पैदा करने वाले होते हैं। उन खाद्य पदार्थों को सीमित किया जाना चाहिए क्योंकि वे त्वचा के हाइपरपिग्मेंटेशन को भी ट्रिगर कर सकते हैं। अगर आप ज्यादा कार्बोहाइडेट ले रहे हैं, तो उससे भी परहेज करें। अपने आहार में खूब सारी रंग-बिरंगी सब्जियों को शामिल करें।

हमें उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। साथ ही स्किन पिगमेंटेशन की गंभीर समस्या के लिए एक्सपर्ट से सलाह लें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

Image credit: Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP