मुझे नहीं लगता कि 'पीरियड्स लीव्स' की ज़रूरत है- निकिता दत्ता

मिस इंडिया के फिनाले वाले दिन मुझे पीरियड्स थे, पर मुझमें कॉन्फिडेंस की कमी नहीं आई- निकिता दत्ता

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पीरियड्स की वजह से कभी नहीं सोचा कि मैं यह काम नहीं कर सकती - निकिता दत्ता
‘पीरियड्स’ को लेकर आए दिन चर्चाएं होती रहती हैं, आपके आस-पास भी पीरियड्स को लेकर तरह-तरह की बातें होती रहती होंगी। 'पीरियड्स के दौरान मंदिर जाना मना है' से लेकर डेली रूटीन की चीजों को न छूने तक...न जाने कैसे-कैसे रूल्स समाज में मौजूद हैं। और कहीं ना कहीं लड़कियां इसे फॉलो भी कर रही हैं। लेकिन कुछ लड़कियों का मानना है कि यह सब आपकी सोच में हैं। पीरियड्स तो काफी हेल्दी चीज़ है, इससे आप महिलाओं को अछूत कैसे मान सकते हैं। वैसे, हाल ही में इस बारे में हमसे शो ‘एक दूजे के वास्ते’ की सुमन मल्होत्रा यानि निकिता दत्ता ने खुल कर बात की है और उनका भी यही मानना है कि पीरियड्स के टॉपिक को बीच में लाकर बहुत बार लोग लड़कियों को लडको से कम आंकते हैं।

मुझे नहीं लगता इतनी कमज़ोर हैं लड़कियां

निकिता ने कहा, “मैंने हमेशा से ही इक्वेलिटी में विश्वास रखा है। सिर्फ पीरियड्स है, इसलिए अप लड़कियों को कहीं बाहर जाने नहीं देंगे, उन्हें घर पर आराम करने के लिए कहेंगे...ये गलत है। मुझे नहीं लगता लड़कियां इतनी कमज़ोर हैं।“ आपको बता दें कि इन दिनों बहुत सी विदेशी कम्पनियां ऑफिस और वर्कप्लेस पर ‘पीरियड्स लीव्स’ की चर्चाओं में लगी हैं। बहुत सी महिलओं का मानना है कि पीरियड्स के दौरान उन्हें कभी-कभी असहनीय दर्द को झेलना पड़ता है और इसके साथ-साथ घर के काम और ऑफिस का काम उनके लिए काफी मुश्किल हो जाता है। इस वजह से बहुत सी वर्किंग वुमन का मानना है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को ऑफिस में कम से कम दो दिनों की छुट्टी मिले। जब इस बारे में हमने निकिता से बात की तो उन्होंने कहा कि छुट्टी की बात करके लोग भेदभाव करते हैं। निकिता ने बताया, “मैं खुद बास्केटबॉल खेलती थी। और मैं पीरियड्स में भी बास्केटबॉल को मिस नहीं करती। मुझे पर्सनली कोई दर्द या कमज़ोरी महसूस नहीं होती तो, मुझे नहीं लगता कि छुट्टियों की ज़रूरत है। ख़याल रखना ज़रूरी है और हाँ, जब प्रेगनेंसी हो तो बात अलग है।“

पीरियड्स के दौरान ही था मिस इंडिया का फिनाले

आपको बता दें कि निकिता मिस इंडिया 2012 के फाइनलिस्ट में से एक थीं। निकिता ने यह भी कहा कि मिस इंडिया का फिनाले भी उनके पीरियड्स के दौरान ही था। “मेरे पीरियड्स के दौरान ही मिस इंडिया का फिनाले था लेकिन इस वजह से मेरे अन्दर कॉन्फिडेंस की थोड़ी भी कमी नहीं आई। मुझे ज़िन्दगी में कभी नहीं लगा कि पीरियड्स के दौरान मैं कोई चीज़ नहीं कर पाउंगी। मैं अब भी शूट करती हूँ। मैं किसी और के बारे में नहीं कह सकती, पर मुझे नहीं लगता कि ‘'पीरियड्स लीव्स’ की ज़रूरत है," निकिता ने कहा।

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