वेजाइना से जुड़े मिथकों के बारे में बात शुरू की जाए, तो शायद समझ ही नहीं आएगा कि यह खत्म कहां होगी। ऐसा कई लड़कियों के साथ होता है कि उन्हें अपने शरीर की जानकारी नहीं होती और डॉक्टर से बात करते हुए उनके मिथक टूटते हैं। 21वीं सदी की महिलाएं भी वर्जिनिटी और वेजाइना जैसे शब्दों का प्रयोग आसानी से नहीं कर पाती हैं। इसके पीछे की झिझक मैं समझ सकती हूं क्योंकि हमारे देश में निजी विषयों पर बात करना टैबू समझा जाता है।
यही कारण है कि आज भी कई महिलाएं अपनी शारीरिक समस्याओं के बारे में खुलकर बात नहीं कर पाती हैं। लैप सर्जन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर गरिमा श्रीवास्तव एमडी (MRCOG (UK)) ने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है। उन्होंने वर्जिनिटी और वेजाइना से जुड़े मिथकों के बारे में बात की है।
अगर आप इस सवाल को गूगल करेंगी, तो इसके सर्च रिजल्ट देखकर चौंक जाएंगी। वर्जिनिटी को लेकर पूछे जाने वाले सबसे कॉमन सवालों में से एक यही है। वेजाइनल ब्लीडिंग को लेकर जो भ्रांति है वो तो है ही, लेकिन इसके लचीलेपन को लेकर भी सवाल उठते हैं। डॉक्टर गरिमा के मुताबिक ऐसा कुछ भी नहीं है। वेजाइनल पेनिट्रेशन कुछ समय के लिए लचीलापन ला सकता है, लेकिन इससे वेजाइना के साइज पर परमानेंटली कोई असर नहीं होगा।
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इसका भी जवाब है नहीं। सेक्सुअल इंटरकोर्स की फ्रीक्वेंसी का भी इसपर कोई असर नहीं होगा। अगर आपकी सेक्सुअल लाइफ पहले एक्टिव थी और अब नहीं है, तो वेजाइनल ओपनिंग अपने आप सिकुड़ जाएगी।
डॉक्टर गरिमा के मुताबिक सिर्फ दो ही चीजें हैं जिनके कारण वेजाइनल इलास्टिसिटी बढ़ सकती है। यह है नेचुरल डिलीवरी और उम्र के कारण शरीर में आने वाला ढीलापन। इसके अलावा, किसी भी तरह के सेक्सुअल प्लेजर से असर नहीं होगा।
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हमने एक और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर अमीना खालिद से इसके बारे में बात की। उनका कहना है कि वेजाइना सेल्फ क्लीनिंग होती है और किसी भी तरह के खुशबूदार प्रोडक्ट यूज करने की जरूरत नहीं है।
आप पानी से आउटर लेबिया को साफ कर सकती हैं, लेकिन वेजाइनल क्लीनिंग की जरूरत नहीं है। वेजाइना की अपनी यूनिक स्मेल हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि उन्हें स्क्रब करने या फिर परफ्यूम बॉडी वॉश से साफ करने की जरूरत पड़े। वेजाइना पर इस तरह के प्रोडक्ट्स को यूज करना अच्छे से ज्यादा बुरा करेगा।
वेजाइना को लेकर देसी नुस्खों की भी कमी नहीं है, लेकिन एक बात आपको समझ लेना चाहिए कि इनमें से कुछ भी साइंटिफिक फैक्ट नहीं है। यीस्ट इन्फेक्शन हाइजीन, बैक्टीरिया या किसी दवा के रिएक्शन के कारण भी हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
यह भी एक बड़ा मिथक है। वेजाइनल इन्फेक्शन हमेशा खराब ही हो यह जरूरी नहीं है। यह लगभग सभी महिलाओं के साथ होता है। पीरियड्स के पहले या बाद में ऐसा होना भी वाजिब है। कुछ को यह कम तो कुछ को ज्यादा होता है। हां, अगर डिस्चार्ज से बदबू आ रही है, उसका रंग रेगुलर से अलग है, वेजाइनल इचिंग हो रही है, तो एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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Image Credit: Freepik
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