महिलाओं के लिए फिजिकल कनेक्शन बहुत ज्यादा जरूरी नहीं माना जाता है। उनके लिए फिजिकल और इमोशनल कनेक्शन दोनों ही बहुत जरूरी होते हैं। अगर डीप कनेक्शन ना हो, तो उन्हें फिजिकल होने में मुश्किल होती है। वहीं, पुरुषों के लिए ऐसा माना जाता है कि उन्हें फिजिकल होने के बाद ही प्यार का अहसास होता है। पर सही मायने में ये सिर्फ स्टीरियोटाइप्स हैं जिन्हें बनाया गया है। यह सही है कि महिलाओं के लिए इमोशनल कनेक्शन बहुत जरूरी होता है, लेकिन उतना ही जरूरी फिजिकल कनेक्शन भी है।
महिलाओं के लिए फिजिकल कनेक्शन इंटिमेसी के तौर पर आता है। फिजिकल इंटिमेसी के दौरान उनके शरीर से जो हार्मोन्स निकलते हैं उनकी वजह से शरीर में कई बदलाव भी होते हैं। कोविड लॉकडाउन के समय आपने देखा होगा कि कितने लोग डिप्रेशन और एंग्जायटी का शिकार हो गए थे। इसका कारण क्या सिर्फ बीमारी था? कई मामलों में फिजिकल इंटिमेसी और ह्यूमन टच हमारे शरीर से हैप्पी हार्मोन निकलते हैं, ये हार्मोन्स पूरे शरीर के लिए जरूरी होते हैं।
महिलाओं की ज्यादा सोचने या ओवरथिंकिंग की आदत के बारे में सभी को पता है। ऐसे में फिजिकल इंटिमेसी और हैप्पी हार्मोन की कमी क्या कर सकती है इसके बारे में आप खुद ही सोच लें।
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हमने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट की सीनियर चाइल्ड और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और हैप्पीनेस स्टूडियो की फाउंडर डॉक्टर भावना बर्मी से बात की। उन्होंने हमें बताया कि किस तरह से शरीर को यह एहसास हो जाता है कि फिजिकल इंटिमेसी कम हो रही है। उन्होंने ऐसे कई इमोशनल इम्पैक्ट का जिक्र किया जिससे महिलाओं को तकलीफ हो सकती है।
डॉक्टर भावना के मुताबिक, फिजिकल इंटिमेसी से इमोशनल क्लोज़नेस और सिक्योरिटी मिलती है। अगर यह खत्म हो जाता है, तो महिलाओं को अकेलापन महसूस होता है। ऐसा हो सकता है कि उन्हें प्यार की कमी महसूस होने लगे और वो अपने पार्टनर से ही अलगाव महसूस करने लगें। फिजिकल इंटिमेसी की कमी दुख या डिप्रेशन तक पहुंच सकती है। अधिकतर लोगों को इसका पता नहीं होता, लेकिन यह पूरी तरह से आपके रिएक्शन पर निर्भर करता है।
इंटिमेसी कम होने के कारण महिलाओं की खुद्दारी पर भी असर पड़ सकता है। महिलाएं अपनी अट्रैक्टिवेनेस या खूबसूरती को लेकर डाउट कर सकती हैं। उन्हें अपने शरीर को लेकर परेशानी हो सकती है। उन्हें लग सकता है कि उनमें कुछ कमी है इसलिए वह इंटिमेसी नहीं बना पा रही हैं। कॉन्फिडेंस कम होने के कारण उन्हें अपना रोजमर्रा का काम करने में भी परेशानी हो सकती है।
फिजिकल टच और इंटिमेसी से हमारे शरीर से ऑक्सीटोसिन रिलीज होता है। इसके कारण स्ट्रेस और एंग्जायटी दोनों कम होते हैं। इसके बिना स्ट्रेस बढ़ता है और पूरी मेंटल हेल्थ पर इसका असर हो सकता है। स्ट्रेस बढ़ने के कारण कई फिजिकल समस्याएं भी होती हैं। उदाहरण के तौर पर आपको सडनली चक्कर आना, एकदम से रोने लगना, दुखी रहना या फिर एजिंग के असर दिखने जैसी समस्या हो सकती है।
फिजिकल इंटिमेसी की कमी के कारण रिलेशनशिप पर भी असर पड़ता है। आपको कई तरह की मिस अंडरस्टैंडिंग हो सकती हैं। ऐसा भी हो सकता है कि इमोशनल डिस्टेंस हो जाए या फिर आपके कई तरह के झगड़े होने लगें। फिजिकल इंटिमेसी का सीधा असर रिलेशनशिप पर पड़ता है।
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इंटिमेसी से इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। आपकी पूरी हेल्थ बेहतर हो सकती है। इसके बिना महिलाएं फिजिकल बीमार महसूस कर सकती हैं। सेहत खराब होने का मुख्य कारण निराशा हो सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि आप दुखी होने के कारण बीमार महसूस कर रही हों।
यह इमोशनल और फिजिकल दोनों इंटिमेसी खत्म होने के बाद आता है। महिलाएं किसी और महिला या पुरुष से अपनी इंटिमेसी खत्म करने की कोशिश करने लगती हैं। जैसे फ्रेंड्स से इमोशनल सपोर्ट लेना, कोई नई हॉबी लेना या किसी और के साथ इमोशनली या फिजिकली इन्वॉल्व होना। हालांकि, पार्टनर के साथ फिजिकल इंटिमेसी की समस्या को खत्म नहीं किया जा सकता है।
इंटिमेसी की कमी के कारण और भी कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आपको बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। अगर कोई समस्या लग रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें या फिर किसी रिलेशनशिप काउंसिलर से बात करें। कम्युनिकेशन को ठीक करना आपके लिए बेहतर हो सकता है।
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