थायराइड का प्रेग्नेंसी पर क्या असर पड़ता है?

थायराइड आजकल एक बेहद आम समस्या बन गई है। हालांकि प्रेग्नेंसी पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है। इसके कारण गर्भपात का भी खतरा बढ़ सकता है।
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2024-11-05, 15:34 IST
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थायराइड मेटाबॉलिज्म से जुड़ी एक समस्या है जिससे अधिकतर महिलाएं प्रभावित होती हैं। थायराइड आपके गर्दन के सामने वाले भाग पर एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है, जिससे थायराइड नाम के हार्मोन का स्राव होता है यह हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है।

अगर थायराइड ग्रंथि में दिक्कत होती है तो इसकी वजह से यह हार्मोन शरीर में बहुत ज्यादा हो जाता है जिसे हम हाइपरथाइरॉयडिज़्म के नाम से जानते हैं वहीं जब शरीर में कम थायराइड हार्मोन का उत्पादन होता है तो इसे हम हाइपोथायरायडिज्म के नाम से जानते हैं। दोनों ही समस्या में अगर ध्यान न दिया जाए तो दिक्कत होती है। वहीं अब सवाल है कि अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है, उसे पहले से थायराइड है तो इसका प्रेग्नेंसी पर क्या असर पड़ता है? इसको लेकर हमने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शकुंतला नाग जी से बात की। आइए जानते हैं।

थायराइड का प्रेग्नेंसी पर क्या असर पड़ता है?

how thyroid affects pregnancy (2)

हाइपरथाइरॉयडिज़्म

  • हाइपरथाइरॉयडिज़्म में समय से पहले गर्भवती महिला को प्रसव हो सकता है।
  • शिशु का वजन सामान्य से कम हो सकता है जिसके कारण विकास संबंधी समस्याएं हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान महिला को उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
  • शिशु के थायराइड पर भी असर पड़ सकता है जिससे उसका विकास प्रभावित हो सकता है।
  • हाइपरथाइरॉयडिज़्म से मां को हृदय संबंधी समस्याएं जैसे दिल की धड़कन का तेज होना हो सकता है।
  • हाइपरथाइरॉयडिज़्म गर्भपात का जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

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हाइपोथाइरॉयडिज़्म

thyroid effects on pregnancy

  • हाइपोथायरायडिज्म के कारण भी गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
  • महिला को खून की कमी हो सकती है जिससे मैटरनल एनीमिया हो सकती है। इससे थकान और कमजोरी महसूस होती है।
  • हाइपोथायरायडिज्म के कारण गर्भवती महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज होने का खतरा होता है।
  • मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी हो सकती है।
  • इसके कारण भी समय से पहले प्रसव हो सकता है और बच्चे का जन्म सामान्य से कम हो सकता है।
  • हाइपोथायरायडिज्म के कारण शिशु का मानसिक विकास धीमा हो सकता है, इससे दीर्घकालिक समस्याएं हो सकती है।


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Image Credit:Freepik

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