पाचन से जुड़ी दिक्कतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हेल्दी रहने के लिए, पाचन का सही होना बहुत जरूरी है। रोज सुबह पेट साफ होना, अच्छी गट हेल्थ की निशानी है। वहीं, पेट में गैस बनने पर फार्ट आना भी नेचुरल है। लेकिन, बहुत अधिक गैस बनना, एसिडिटी होना, पेट साफ होने में मुश्किल होना या पेट बार-बार साफ होना सही नहीं है। क्या आपको पता है कि 1 दिन में कितनी बार फार्ट करना और पेट साफ होना सही है? चलिए, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी, Dr. Naveen Polavarapu, Senior Consultant Gastroenterologist, Liver Specialist & Advanced Therapeutic Endoscopist & Endosonologist,Yashoda Hospitals, दे रहे हैं।
1 दिन में कितनी बार फार्ट करना और पेट साफ होना नॉर्मल है? (Is it normal to fart a lot every day?)
- पेट साफ होना और फार्ट करना नेचुरल प्रोसेस हैं, जो हर व्यक्ति के लिए एक-दूसरे से अलग हो सकते हैं।
- बड़ी आंत में गट बैक्टीरिया द्वारा अपचित भोजन कणों के बैक्टीरियल डाइजेशन में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाई ऑक्साइड, हाइड्रोजन और मीथेन गैस निकलती है।
- खाने या पीने के दौरान हवा फंसने से भी गैस जमा हो सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि दिन में 10 से 20 बार गैस पास करना नॉर्मल माना जाता है। अगर आप हाई फाइबर डाइट लेते हैं, तो आपके लिए यह दिन में 25-30 बार हो सकती है।
- बाउल मूवमेंट की फ्रीक्वेंसी भी सभी व्यक्तियों में अलग-अलग होती है। यह हाइड्रेशन, खान-पान और गट हेल्थ से प्रभावित होती है। कई लोगों का पेट दिन में एक बार भी सही से साफ नहीं होता है। वहीं, कई लोगों को दिन में 3 बार तक वॉशरूम जाने की जरूरत पड़ती है।
- अगर आपका स्टूल बहुत अधिक टाइट या लूज नहीं है, तो कई लोगों का पेट दिन में 5 बार तक भी साफ हो सकता है और इसे भी नॉर्मल माना जाएगा।
- आमतौर पर दिन में 1-2 बार बाउल मूवमेंट सही माना जाता है और यह हेल्दी गट की निशानी है। यह गट माइक्रोबायोटा को भी बढ़ावा देता है क्योंकि गट बैक्टीरिया फाइबर को पचाने में मदद करते हैं।
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- डाइजेस्टिव हेल्थ, फार्ट आने और पेट साफ होने की फ्रीक्वेंसी पर काफी हद तक निर्भर करती है।
- खान-पान की आदतों और बॉडी रिदम के हिसाब से कुछ लोगों का पेट दिन में तीन बार तो कुछ का हफ्ते में तीन बार भी साफ हो सकता है।
- दिन में एक से दो बार मल त्याग को गोल्डी लॉक्स जोन कहा जाता है। यह हेल्दी गट माइक्रोबायोटा को बढ़ावा देता है क्योंकि गट बैक्टीरिया फाइबर को पचाते हैं।
- खान-पान की आदतें, फार्ट और पेट साफ होने दोनों को प्रभावित करती हैं।
- बीन्स, प्याज, लहसुन और क्रूसिफेरस सब्जियों सहित उच्च फाइबर वाले भोजन, कोलन में बैक्टीरिया के फर्मेंटेशन के कारण, पेट फूलने की समस्या को और बढ़ा सकते हैं। इसी तरह, फाइबर का सेवन, स्टूल साइज और उसके रेगुलर होने को बढ़ावा देता है। यह बाउल मूवमेंट को कंट्रोल करने के लिए बहुत जरूरी है।
यह है एक्सपर्ट की राय
- एक्सपर्ट का कहना है कि यह प्रोसेस सभी के लिए अलग हो सकते हैं। इसके सही न होने के पीछे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम या फूड इनटॉलरेंस जैसे कारण भी हो सकते हैं। अगर आपको पेट से जुड़ी दिक्कते हैं, बहुत अधिक गैस बन रही है, फार्टिंग या पेट साफ होने की आदतों में अचानक बदलाव महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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अगर आपको पेट में ज्यादा गैस बनती है, फार्ट अधिक आते हैं या पेट सही से साफ नहीं होता है, तो इस पर जरूर ध्यान दें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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