गोरा बनाने वाली क्रीम कहीं आपको ना बना दें बीमार

महिलाएं गोरी और सुंदर दिखने की चाह में महंगी स्किन लाइटनिंग क्रीमें खरीदती हैं, लेकिन इस दौरान वे इस बारे में नहीं सोचतीं कि इससे उनकी स्किन को कितना नुकसान पहुंच सकता है।

 
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आजकल गोरा दिखने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। हर महिला चाहती है कि उसके चेहरा दमकता हुआ नजर आए। वह जहां भी जाए, लोग उसकी खूबसूरती के चर्चे करते नजर आएं। इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए महिलाएं अपनी त्वचा का विशेष खयाल रखती हैं। बहुत सी महिलाएं इसके लिए स्किन लाइटनिंग यानी गोरा बनाने वाली क्रीमों का सहारा भी लेती हैं।

गोरा बनाने वाली क्रीमों से चेहरे पर नजर आने वाले दाग-धब्बे हल्के हो जाते हैं और पूरी त्वचा ग्लो करती हुई ही नजर आती है। महिलाएं इस तरह की महंगे ब्रांड वाली क्रीम खरीदना अपनी शान समझती हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि इस तरह की क्रीम लगाने से किस तरह के नुकसान हो सकते हैं।

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इस शोध से डॉक्टर दे सकेंगे बेहतर दवाइयों का परामर्श

बॉस्टन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने उन लोगों के बारे में स्टडी की, जो ये क्रीम लगाते हैं। इन शोधकर्ताओं ने उन वजहों को तलाशने की कोशिश की, जिनके चलते लोग इन क्रीमों को लगाने के लिए प्रेरित होते हैं। साथ ही उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया कि ये क्रीम कैसे काम करती है। इन जानकारियों के आधार पर डॉक्टरों को मदद मिल सकती है और वे अपने मरीजों को बेहतर दवाइयों की सलाह दे सकते हैं, जो इस्तेमाल में सुरक्षित हों और जिसका हानिकारक असर भी ना हो।

गोरा बनाने वाली क्रीमों से हो सकती है स्किन डिजीज

गोरा बनाने वाली क्रीमों पर पर शोधकर्ताओं ने 406 एडल्ट्स से बात की, जिन्हें काफी ज्यादा दानों की वजह से डर्मेटोलॉजी क्लीनिक में इलाज करा रहे थे। इस दौरान मरीजों के गोरा बनाने क्रीम के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने की बात सामने आई, जो त्वचा को बहुत ज्यादा खूबसूरत बना देने का दावा करती हैं। स्टडी में शामिल सभी लोगों की स्किन टाइप की डायग्नोसिस हुआ और यह भी पता लगाया गया कि उनकी बीमारी कितनी गंभीर थी। स्किन लाइटनिंग से ज्यादातर मरीजों में मेलास्मा (कत्थई से लेकर भूरे-कत्थई पैच त्वचा पर नजर आना ) और पोस्ट इन्फ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन की समस्या देखी गई। आधे से भी कम मरीजों ने गोरा बनाने वाली इन कीमों से त्वचा थोड़ी बेहतर दिखने की बात कही। जिन लोगों ने इस तरह की क्रीम का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया था, उनमें से 27 फीसदी ही नतीजों से संतुष्ट थे। ध्यान देने वाली बात ये है कि जिन लोगों को अपने इलाज में स्थितियां बेहतर होती नजर आईं, उनके लिए ट्रिपल कॉम्बिनेशन क्रीम इस्तेमाल में काफी प्रभावी रही।

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