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ब्लड क्लॉटिंग की समस्या को दूर करने के लिए अपनाएं यह घरेलू उपाय

ब्लड क्लॉटिंग की समस्या कभी-कभी जानलेवा भी हो सकती है। इससे निजात पाने के लिए आप कुछ आसान उपाय अपना सकती हैं। 
Editorial
Updated:- 2022-11-10, 17:00 IST

ब्लड क्लॉटिंग एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति के शरीर के ब्लड वेसल्स में रक्त के थक्के बनने शुरू हो जाते हैं। अधिकतर मामलों में रक्त के थक्के पैरों में बनते हैं, जिसके कारण पैरों की नसें फूल जाती हैं और वह अलग से नजर आती हैं। आमतौर पर लोग ब्लड क्लॉटिंग को बहुत अधिक गंभीर नहीं समझते हैं, लेकिन वास्तव में अगर इसका इलाज ना किया जाए तो यह घातक साबित हो सकती है।

दरअसल, जब व्यक्ति के ब्लड वेसल्स में रक्त के थक्के बनते हैं तो व्यक्ति के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो पाता है। जिसके कारण हार्ट पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है और व्यक्ति को सांस लेने में दिक्क्तत, सीने में दर्द या सामान्य से तेज दिल की धड़कन जैसी समस्याएं होती हैं। आमतौर पर, मोटापे से लेकर हार्मोन थेरेपी आदि के कारण व्यक्ति को यह समस्या हो सकती है। इस समस्या को मैनेज करने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं, जिसके बारे में आज आपको सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी बता रही हैं-

हल्दी

haldi ke karan blood clotting

हल्दी अपने औषधीय गुणों के कारण बेहद ही लोकप्रिय है। इसमें करक्यूमिन नामक एक एक्टिव इंग्रीडिएंट पाया जाता है, जो एक ब्लड थिनर की तरह भी काम करता है। इसलिए, अगर हल्दी को डाइट में शामिल किया जाए तो इससे व्यक्ति को रक्त को पतला करने में मदद मिलती है।

अदरक

adrak for blood clotting

अदरक में एंटी- इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं और यह रक्त को पतला करने में मदद कर सकता है। ऐसा इसमें मौजूद सैलिसिलेट नामक प्राकृतिक एसिड के कारण होता है। आप अदरक को अपने आहार में कई तरीकों से शामिल कर सकते हैं।

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तुलसी

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तुलसी का इस्तेमाल लंबे समय से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसके औषधीय गुणों के कारण आप ब्लड क्लॉटिंग की समस्या को दूर करने के लिए भी तुलसी का सेवन कर सकते हैं। इसके फायदे के लिए आप तुलसी के ताजे पत्ते चबा सकते हैं या तुलसी की चाय पी सकते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर व छानकर भी पिया जा सकता है।

लाल मिर्च

lal mirchi for blood clotting

अदरक की तरह ही लाल मिर्च में भी सैलिसिलेट्स होते हैं और इसलिए यह एक प्रभावशाली ब्लड थिनर के रूप में काम करता है। साल 2019 के एसेंडेंस एशिया जर्नल ऑफ मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च के एक अध्ययन में भी यह पाया गया है कि लाल मिर्च का अर्क टाइप O+ ब्लड के नमूनों में रक्त के थक्के को धीमा कर देता है।

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नीम

कुछ अध्ययन यह बताते हैं कि नीम के अर्क को डाइट में शामिल किया जाए, तो इससे रक्त के थक्कों को तोड़ने में मदद मिलती है। जिससे व्यक्ति की स्थिति धीरे-धीरे बेहतर होती है। नीम से मिलने वाले लाभ पाने के लिए, आप नीम के पत्तों के अर्क या नीम की गोलियों का सेवन कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर- किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। ब्लड थिनर दवाइयों के साथ इनका सेवन आप पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।

तो अब आप भी इन आसान तरीकों की मदद लेकर अपने शरीर में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाएं और कई अन्य बीमारियों के जोखिम को कम करें।

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Image Credit- freepik

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