World Malaria Day: मलेरिया के लक्षण और बचाव के तरीके एक्‍सपर्ट से जानें

इस बार वर्ल्‍ड मलेरिया डे 2023 की थीम 'टाइम टू डिलिवरी जीरो मलेरियाः इनवेस्ट, इनोवेट, इंप्लीमेंट' है। इस थीम से डब्‍लूएचओ बीमारी से लड़ने के लिए उपलब्ध उपकरणों को अमल में लाने पर जागरूकता फैलाना चाहता है।

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हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्‍ड मलेरिया डे मनाया जाता है। इस दिन को मानने का मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक और उनकी जान की रक्षा करना है, क्‍योंकि मलेरिया से हर साल लाखों लोग जान गवां देते हैं। आज इस खास दिन पर हम आपको मलेरिया क्‍या है, इसके लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में बताएंगे। इसकी जानकारी बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. अतुल भसीन शेयर कर रहे हैं।

क्‍या है मलेरिया?

मलेरिया एक परजीवी संक्रमण है, जो मच्छर के काटने से होता है। मच्छर के काटने से प्लाज्मोडियम नामक परजीवी फैलता है। मलेरिया फैलाने वाली 5 प्रजातियां होती हैं, जो विशेष रूप से मनुष्यों में इस रोग को फैलाती हैं।

इस मच्छर के काटने से व्यक्ति के शरीर में प्लाज्मोडियम नामक बैक्‍टीरिया प्रवेश करता है। इसके बाद वह रोगी के शरीर में पहुंचकर उसमें कई गुना वृद्धि करता है। यह बैक्‍टीरिया लिवर और ब्‍लड सेल्‍स को संक्रमित करके व्‍यक्ति को बीमार बनता है। समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।

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मलेरिया के प्रकार

जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि मलेरिया 5 प्रकार का होता है-

प्लास्मोडियम फैल्सीपेरम

इस रोग से पीड़ित व्यक्ति एकदम बेसुध हो जाता है। उसे मालूम ही नहीं होता है कि वह बेहोशी में क्‍या बोल रहा है। इसमें बहुत तेज ठंड लगती है और सिर में दर्द और उल्टियां भी हो सकती हैं।

प्लास्मोडियम विवैक्स

विवैक्स परजीवी ज्यादातर दिन के समय काटता है। यह मच्छर बिनाइन टर्शियन मलेरिया पैदा करता है, जो हर तीसरे दिन अर्थात 48 घंटों के बाद अपना असर दिखाना शुरू करता है। इसमें कमर, सिर, हाथों और पैरों में दर्द के साथ भूख ना लगना और कंपकपी के साथ तेज बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

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प्लास्मोडियम ओवेल

इस तरह के मलेरिया को भी बिनाइन टर्शियन पैदा करता है।

प्लास्मोडियम मलेरी

यह क्वार्टन मलेरिया उत्पन्न करता है, जिसमें मरीज को हर चौथे दिन बुखार आता है। जब किसी व्यक्ति को यह रोग होता है तब उसके यूरिन से प्रोटीन निकलने लगता है जिससे शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है और सूजन आने लगती है।

प्लास्मोडियम नोलेसी

यह आमतौर पर दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक प्राइमेट मलेरिया परजीवी है। इस मलेरिया से पीड़ित रोगी को ठंड लगने के साथ बुखार आता है। इसके लक्षणों में सिर दर्द, भूख ना लगना आदि शामिल हैं।

मलेरिया के लक्षण

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इसके लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के कुछ दिनों बाद दिखाई देते हैं।

  • ठंड लगना
  • बुखार
  • सिरदर्द
  • उल्टी
  • शरीर में दर्द
  • बेहोशी

समय पर इलाज न होने पर यूरिन में ब्‍लड आना और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के साथ गंभीर संक्रमण देखने को मिलता है।

मलेरिया से बचने के उपाय

  • इस बीमारी की रोकथाम के लिए घर के आस-पास साफ-सफाई का ध्‍यान रखें।
  • कूड़ा या गंदगी वाली जगहों पर ना जाएं, क्‍योंकि वहां मच्‍छरों के पनपने का खतरा ज्‍यादा होता है।
  • पौधों और बर्तनों में पानी जमा न होने दें। इससे मलेरिया के जीवाणु पैदा होने का खतरा रहता है।
  • मलेरिया से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
  • मलेरिया के मच्छर ज्‍यादातर शाम या रात को काटते है। इसलिए इस समय संभव हो तो घर में ही रहे।
  • मच्छर हमेशा घर के दरवाजे और खिड़कियों के पास और कोनों में छिपे रहते हैं। इन जगहों पर मच्छर मारने वाला स्प्रे डालें।

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