क्या सच में पीरियड्स के दौरान पार्टनर के आस-पास रहने से दर्द कम होता है?

कुछ लोगों का मानना है कि अगर पीरियड्स के दौरान महिलाएं अपने पार्टनर के साथ रहती हैं, तो दर्द की अनुभुति कम होती है। आइए एक्सपर्ट से समझते हैं इस बात कें कितनी सच्चाई है।
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2025-05-09, 17:45 IST
image

पीरियड्स यानी की मासिक धर्म महिलाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा है। यह नेचुरल प्रोसेस है,जिससे हर महीने महिलाओं को गुजरना पड़ता है। लेकिन इसके साथ होने वाला शारीरिक और मानसिक दर्द कई बार बहुत ही ज्यादा परेशान करने वाला होता है। महिलाएं दर्द और ऐंठन से तड़प उठती हैं और आखिरकार उन्हें दवाइयां का सहारा लेना पड़ता है। अगर आप भी ऐसे ही पीरियड में परेशान रहती हैं,तो हम आपको एक ऐसा उपाय बता रहे हैं जिससे आपको फायदा मिल सकता है।

कहा जाता है कि पीरियड्स के दौरान अगर महिला अपने पार्टनर के पास रहती है या उसका इमोशनल सपोर्ट मिलता है, तो उसका दर्द काम हो जाता है । इस बात की पुष्टि करने के लिए हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की। चलिए जानते हैं इस बारे में उनका क्या कहना है।Dr. Chetna Jain Director Dept of Obstetrics & gynecology Cloudnine Group of hospitals, Sector 14, Gurgaon इस बारे में जानकारी दे रही हैं।

क्या सच में पीरियड्स के दौरान पार्टनर के आस-पास रहने से दर्द कम होता है?

staying close to your partner during periods reduce pain

एक्सपर्ट बताती है कि पीरियड्स के समय शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। खासकर प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर में उतार चढ़ाव होता है। इससे महिलाओं के मिजाज में बदलाव,चिड़चिड़ापन ,थकान, पेट और पेट में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। जब ऐसे समय में महिलाएं अपने पार्टनर के साथ होती है, तो इससे उन्हें भावनात्मक समर्थन मिलता है जिस वजह से महिला खुद को ज्यादा सुरक्षित और सहज महसूस करती हैं।

इससे ऑक्सीटोसिन नाम के हार्मोन का रिसाव होता है, जिसे लव हार्मोन भी कहा जाता है। ऑक्सीटोसिन दर्द की अनुभूति को कम करने में मदद करता है और मूड को बेहतर बनाता है। यही कारण है कि कुछ महिलाएं पार्टनर के पास रहकर दर्द को कम महसूस करती हैं। यह पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक और हार्मोनल प्रतिक्रिया का मिश्रण है।

यह भी पढ़ें-डियर लेडीज...आपकी इन तीन गलतियों से कंट्रोल से बाहर होता है पीसीओएस

partner support during period

पीरियड के दौरान एक प्यार भरा स्पर्श जैसे गले लगना, हाथ पकड़ना या पीठ पर हाथ फेरना मानसिक शांति देता है। यह शारीरिक और भावनात्मक दोनों स्तरों पर राहत प्रदान करता है।

हालांकि, अब तक किसी भी बड़े वैज्ञानिक अध्ययन ने स्पष्ट रूप से यह सिद्ध नहीं किया है कि पार्टनर का साथ दर्द को जैविक रूप से काम करता है, लेकिन मानसिक स्थिति का असर शारीरिक अनुभव पर होता है यह बात मेडिकल साइंस में सिद्ध है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर महिला को पार्टनर का भावनात्मक सहयोग मिलता है, तो दर्द की तीव्रता कम महसूस हो सकती है।

लेकिन यह सोचना कि पार्टर की मौजूदगी से दर्द पूरी तरह से खत्म हो जाता है, तो ऐसा नहीं हो सकता है। और जरूरी नहीं है कि यह हर महिला के लिए समान रूप से काम करेगा।

यह भी पढ़ें-क्या आपके भी जांघों पर डिंपल जैसे निशान पड़ते हैं?कहीं आपको यह दिक्कत तो नहीं!

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।


Image Credit:Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP