गले में सूजन को आमतौर पर लोग संक्रमण से जोड़ कर देखते हैं या फिर इसे थायराइड की देन मानते हैं। देखा जाए तो ये दोनों ही स्थितियां अपने आप में खतरनाक है, लेकिन जानने और समझने वाली बात यह है कि गले के सूजन के लिए और भी घातक बीमारियां जिम्मेदार हो सकती हैं। इसलिए समय रहते इसकी असल वजह की पहचान जरूरी है और यहां आपको इसी बारे में सही जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको उन सभी समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके चलते गले में सूजन की समस्या पेश आती है। बता दें कि हमने इस बारे में गुरुग्राम की ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. स्वाति अग्रवाल से बात की और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
डॉ. स्वाति अग्रवाल बताती हैं कि गले में सूजन की समस्या गर्दन में मौजूद लिम्फ नोड्स में सूजन या किसी तरह के संक्रमण के कारण होती है। गौरतलब है कि लिम्फ नोड्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) का हिस्सा हैं, जो बाहरी संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं और शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को फ़िल्टर करती है। ऐसे में संक्रमण के कारण लिम्फ नोड्स की आकृति में परिवर्तन या सूजन (लिम्फैडेनोपैथी) उत्पन्न होता है। अब यहां जानने वाली बात यह है कि आखिर लिम्फ नोड्स में बदलाव किस तरह के संक्रमण या शारीरिक समस्या के कारण आ रहा है। तो चलिए इन समस्याओं के बारे में जरा विस्तार से जान लेते हैं।
कैंसर
गले में सूजन या गले की सूजी हुई लिम्फ नोड्स काफी हद तक कैंसर जैसी घातक बीमारी का संकेत भी दे सकती हैं। ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को लगातार बुखार आना, रात में पसीना आना और तेजी से वजन कम होने की समस्या पेश आ सकती है। इसलिए अगर किसी को गले में सूजन के साथ ही इस तरह के लक्षण भी दिख रहे हैं तो खास तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है, डॉक्टर जांच के आधार पर समस्या की गंभीरता का पता लगा पाएंगे।
बैक्टीरियल संक्रमण
गले में सूजन का मुख्य कारण संक्रमण होता है, जिसमें बैक्टीरियल संक्रमण सबसे अधिक खतरनाक साबित होता है। आमतौर पर सर्दी-जुकाम के कारण होने वाली सूजन जहां काफी हद तक खुद ही ठीक हो जाती है, वहीं बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली सूजन बिना उपचार के ठीक नहीं होती है। इसलिए अगर लंबे समय तक गले में सूजन की समस्या बनी हुई है तो इसके उपचार के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
एचआईवी संक्रमण
यह एक भयावह तथ्य है कि एचआईवी संक्रमण की स्थिति में भी लिम्फ नोड्स में सूजन की समस्या हो सकती है। दरअसल, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एचआईवी संक्रमण लिम्फ द्रव के माध्यम से लिम्फ नोड्स तक पहुंचता है। ऐसे में गर्दन के आसपास, बगल या कमर में सूजन हो सकती है। हालांकि ऐसी संभावना काफी कम होती है, लेकिन किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए जरूरी है कि समय रहते इसकी जांच करवाई जाए।
गर्दन में सूजन का उपचार
गर्दन में सूजन का उपचार काफी हद तक इसकी असल समस्या पर निर्भर करता है। जैसे कि बैक्टीरियल संक्रमण की अवस्था में इसका उपचार एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। जबकि गर्दन के कैंसर के उपचार के लिए सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी अंतिम विकल्प बचते हैं। वहीं अगर थायराइड के कारण गर्दन में सूजन की समस्या आ रही है तो इसके लिए दवाओं के जरिए थायराइड को नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है।
सामान्य परिस्थितियों में गले में उत्पन्न सूजन को गर्म पानी से सिकाई और दूसरे घरेलू उपायों द्वारा भी नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन ध्यान रहे अगर घरेलू उपायों को आजमाने के बावजूद गले में सूजन की समस्या ठीक नहीं हो रही है तो इसके लिए बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर समय रहते इसकी असल समस्या की पहचान कर ली जाए तो काफी हद तक इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
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