चाइल्डहूड से अडल्टहूड यानी उम्र के 10वें वर्ष से लेकर 19वें वर्ष तक का समय टीनेज कहलाता है। यह समय प्रजनन अंगों के परिपक्व यानी मिच्योर होने का होता है। सैक्शुअल हार्मोंस भी इसी वक्त बनना शुरू होते हैं।
मगर बात जब टीनएज में एचआईवी फैलने की हो तो आपको बता दें कि यह एक महामारी की तरह है। टीनएज के दौरान एचआईवी को संभालने के लिए जागरूकता और उचित शिक्षा की आवश्यकता है। यदि कोई टीनएजर्स एक बार एचआईवी से संक्रमित हो जाता है, तो इस गंभीर और जानलेवा बीमारी से वह पूरा जीवन ही संक्रमित रहता है। सबसे बड़ी परेशानी यह है कि यदि टीनएज में ही किसी को एचआईवी हो जाए तो उसके लिए तो सबसे पहले इस बीमारी को स्वीकार करना ही मुश्किल होता है। वहीं वह अपने परिवार से भी दूरियां बनाने लगता है और पूरी लाइफ उसे इस बीमारी का इलाज करवाना पड़ता है। इतना ही नहीं उन्हें अपनी हेल्थ के साथ-साथ अपने करियर और शादी की चिंता भी सताने लगती हैं। देखा जाए तो किशोर एचआईवी के लिए अत्याधिक संवेदनशील हैं। किसी को भी एचआईवी के बारे में तब तक पता नहीं चल पाता जब तक उसके लक्षण न दिखने लग जाएं। इसलिए बहुत जरूरी है कि एचाआईवी को लेकर लोगों में जागरूक्ता फैलाई जाए और उन्हें शिक्षित किया जाए। इस गंभीर रोग को इसी तरह से रोका जा सकता है। बेहतर तो यही होगा की एचआईवी को फैलने से रोका जाए न की उससे निपटने का सोचाा जाए।
किशोर अवस्था के दौरान एचआईवी संक्रमण हो जाने के कई संभावित कारण हो सकते हैं। इसे सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अंतरों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
इसे जरूर पढ़ें: अगर आपको भी दिखते हैं ये 12 लक्षण तो तुरंत कराएं एचआईवी टेस्ट
यदि इस बीमारी का इलाज जल्द से जल्द हो जाए तो उसका केवल एक ही फायदा होता है और वह कि मरीज का जीवन थोड़ा लंबा हो जाता है। शरीर में सीडी 4 सेल की गिनती का स्तर रोग की गंभीरता बताता है। इस बीमारी में एआरटी (एंटीरेट्रोवाइरल) दवाओं से सीडी 4 सेल्स काउंट के लेवल मेनटेन रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। एचआईवी के मरीज को जीवन भर चिकित्सकों की निगरानी में रहना पड़ता है वह समय के साथ-साथ दवाओं की डोज को बढ़ाते और घटाते रहते हैं।
एचआईवी में सावधानी बरतने और इसकी रोकथाम करने की बहुत जरूरत है। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखें।
इसे जरूर पढ़ें: HIV और एड्स से जुड़े इन 7 Myths पर कभी न करें यकीन
इस बीमारी से टीनएजर्स को बचाने के लिए बहुत जरूरी है कि उनके युवा होने से पहले ही उनको जागरूक कर दिया जाए। वह सैक्शुअल एक्टिव हों इससे पहले ही उन्हें एचआईवे के बारे में शिक्षा दे दी जाए। टीनएज उम्र का बेहद प्रभावशाली पड़ाव होता है। अगर इस वक्त किशोरों को जीवनशैली के साथ-साथ सैक्स और शादी के बारे में सही ज्ञान दे दिया जाए तो शायद इस तरह के संक्रमणों से बचा जा सकता है। यदि सही शिक्षा मिले तो टीनएजर्स खुद को इस जानलेवा बीमारी से बचा सकते हैं। सैक्शुअली ट्रांसमीटेड इनफैक्शन से खुद को बचाने के लिए और एचआईवी से बचने के लिए युवाओं को इस बार में पता होना चाहिए कि वह कैसे खुद को इस बीमारी से बचा सकते हैं।
हमें किशोरों और यौन जागरूकता बनने से पहले जागरूकता फैलाना चाहिए। किशोर उम्र के एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। यह एक जिम्मेदार जीवन शैली की नींव रखने का सबसे अच्छा समय है, जिसमें सेक्स और विवाह शामिल हैं। पर्यावरण और सहायक सेवाओं को सक्षम करने के लिए उन्हें सही जानकारी प्रदान करनी चाहिए ताकि किशोर स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके और एचआईवी / एड्स से बचा जा सके I किशोरों को खुद को बचाने के लिए सक्षम होना चाहिए और एचआईवी की रोकथाम के लिए वकील बनना चाहिए। दूसरे एसटीआई को रोकने और नियंत्रित करके एचआईवी संक्रमण की संभावना को कम करना चाहिएI एक और एसटीआई होने से एचआईवी से संक्रमित होना आसान हो जाता है। किशोर एचआईवी ’को रोकने के लिए नियंत्रण के उपाय किशोर-विशिष्ट होना चाहिए’।
Adolescent HIV/AIDS: Issues and challenges, Smriti Naswa and Y. S. Marfatia
एक्सपर्ट सलाह के लिए डॉ. प्रज्ञा चेंजडे [एम.बी.बी.एस., एम.एस. (प्रसूति और स्त्री रोग), विशेषज्ञ की सलाह के लिए C.P.S, D.G.O, F.C.P.S, F.I.C.O.G, I.B.C.L.C.] को विशेष धन्यवाद ।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।