कोरोना के चलते बच्चों का बाहर खेलना पहले के मुकाबले काफी कम हो चुका है। अब बच्चे ज्यादा समय घर पर बैठकर मोबाइल में ही बिताने लगे हैं, जिस कारण मोबाइल उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा। लॉकडाउन के दौरान बच्चों का परिचय ऑनलाइन गेमिंग से हुआ, जिसके बाद से ही इसकी लत ने बच्चों को बुरी तरह से ग्रस्त कर दिया है। ऐसे में माता-पिता इस विषय को लेकर चिंतित हैं कि उनके बच्चे पर गेमिंग की लत का कितना बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
आज के आर्टिकल में हम आपको ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े खतरों और बच्चों पर होने वाले प्रभावों के बारे में बताएंगे। इसके लिए हमने जानी मानी चाइल्ड ऐंड साइकोलॉजिकल स्पेशलिस्ट भावना बर्मी से बात की, उन्होंने बच्चों के बीच इस समस्या के विषय में ये बातें बताई। तो आइए जानते हैं बच्चों की गेमिंग की लत के बारे में कुछ जरूरी बातें।
ऑनलाइन गेमिंग का बच्चों के दिमाग पर पड़ता है प्रभाव-
- डॉक्टर भावना ने बच्चों के दिमाग पर गेमिंग के प्रभावों के बारे में बताया कि बच्चे ऑनलाइन गेम में उलझ कर परिवार वालों से दूर होने लगते हैं।
- इसके अलावा वो बाहर जाना भी बहुत कम पसंद करते हैं। धीरे-धीरे बच्चे खुद में ही आइसोलेट होने लगते हैं, जिस वजह से वो कोई भी समस्या अपने माता-पिता से नहीं कह पाते हैं।
- खेल/कूद करने से बच्चों के शरीर से सेरोटोनिन रिलीज होता है, पर जब बच्चे कोई फिजिकल वर्क नहीं करते तो उन्हें एंग्जायटी जैसी चीजों का सामना करना पड़ता है।
- अगर बच्चे हिंसा से जुड़े ऑनलाइन खेल खेलते हैं तो उनमें गुस्सा और हिंसात्मक गतिविधियां देखने को मिलती हैं।
- इस सभी दिक्तों के चलते आपके बच्चे की मानसिक स्थिति पर भी गहरा असर पड़ता है।
इस उम्र के बच्चों पर है सबसे ज्यादा प्रभावशाली-
जब बात आती है कि किस उम्र के लोग ऑनलाइन गेमिंग की लत के चपेट में आते हैं, तो आपको बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग की लत करीब 15 से 24 साल के लोगों में देखने को मिलती है, पर इसका सबसे ज्यादा गहरा प्रभाव 6 से 18 साल तक के बच्चों पर पड़ता है।
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आपका बच्चा ऑनलाइन गेमिंग का शिकार है, तो आपको इन बातों का ध्यान रखें-
- अगर आपके बच्चे को ऑनलाइन गेमिंग की लत लग चुकी है तो आपको उसे बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
- बच्चों को खेलने के लिए ऐसे गेम दें, जिससे उनका मानसिक विकास हो सके।
- बच्चे को ऑनलाइन गेमिंग के दुष्प्रभावों के बारे में समझाएं ताकि उसकी लत छूटने में आसानी हो।
कोविड के कारण गेमिंग के अलावा बच्चों के पास ये हैं दूसरे ऑप्शन-
- अभी भी कोविड गया नहीं है, जिस कारण माता-पिता अपने बच्चों को बाहर खेलने से मना करते हैं। ऐसे में आपको इंडोर खेलों को घर पर शामिल करना चाहिए।
- बच्चों को अपना काम करने के लिए खुद प्रोत्साहित करें, ताकि इसी बहाने उनकी कसरत भी हो सके। जैसे कमरा साफ करना, सामान सेट करना आदि।
- बच्चों को ऑनलाइन डांस और सिंगिंग क्लासेस के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि उनका ध्यान गेम से हट सके।
- आप बच्चों के साथ खुद भी खेलने का समय निकालें, ताकि वो बोर ना हों।
तो यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हमने बच्चों में बढ़ रही गेमिंग की लत के बारे में आपको बताया, जिसके बाद आपको अपने बच्चे की इस लत पर ध्यान देते हुए ये कदम उठाने चाहिए। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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image credit- unsplash.com
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