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लाइलाज नहीं है कैंसर, पता लगने पर तुरंत करवाएं इलाज

बॉलीवुड एक्‍ट्रेस सोनाली बेंद्रे कैंसर से पीड़ित हैं। इस मामले के सामने आने पर इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि लाइफ के हर लेवल पर समय-समय पर हेल्‍थ चेकअप करवाएं।
IANS
Updated:- 2018-07-05, 13:50 IST

कैंसर ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनकर ही हम घबरा जाते हैं लेकिन कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं हैं। समय रहते अगर इस बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। जी हां बॉलीवुड एक्‍ट्रेस सोनाली बेंद्रे ने खुलासा किया कि वह हाई ग्रेड कैंसर से पीड़ित हैं। उनसे पहले एक्‍ट्रेस मनीषा कोइराला और एक्‍टर इरफान खान ने कैंसर से पीड़ित होने की जानकारी दी थी। इन मामलों के सामने आने के साथ इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि समय की आवश्यकता है कि लाइफ के हर लेवल पर समय-समय पर हेल्‍थ चेकअप करवाएं। साथ ही इस तरह की समस्याओं से बचाव के बारे में जागरूकता पैदा करना भी जरूरी है।

भारत में कैंसर से करीब 25 लाख लोग पीड़ित हैं और हर साल सात लाख से अधिक नए मामले दर्ज होते हैं। कैंसर के सभी प्रकारों में, पुरुषों में मुंह व फेफड़ों का कैंसर और महिलाओं में गर्भाशय या सर्विक्स व ब्रेस्‍ट कैंसर अधिक होता है। देश में होने वाली सभी संबंधित मौतों में लगभग 50 प्रतिशत योगदान इन्हीं कैंसर का है।

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क्‍या है कैंसर

हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉक्‍टर के. के. अग्रवाल ने कहा, सोनाली बेंद्रे को कैंसर होने की खबर केवल एक तथ्य की ओर इशारा करती है कि समय पर निदान और कार्रवाई का बड़ा महत्व है। कैंसर उन कई संबंधित बीमारियों का समूह है जो तब होती हैं जब असामान्य कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगता है। इस तरह से अक्सर ट्यूमर बन जाते हैं। ट्यूमर या तो नॉर्मल होते हैं या घातक।

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कैंसर की रोकथाम

कैंसर के लिए चार प्रमुख प्रकार की रोकथाम की जरूरत है : टीकाकरण, स्क्रीनिंग, परामर्श (लाइफस्‍टाइल में बदलाव) और केमोप्रिवेन्शन। उन्होंने कहा, स्क्रीनिंग से एक विषम बीमारी, अस्वास्थ्यकर स्थिति या जोखिम कारक की पहचान की जाती है। शुरुआती रोकथाम बीमारी को होने से रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयास हैं, सेकेंडरी प्रीवेंशन में बीमारी को पकड़ने की कोशिश की जाती है और बीमारी की जटिलताओं को कम करने के रूप में तृतीयक रोकथाम की जाती है।

 



डॉक्‍टर अग्रवाल ने कहा, कैंसर का अगर जल्दी पता चल जाता है, तो इसका इलाज बहुत कम लागत पर किया जा सकता है। अगर शुरुआती लक्षण प्रकट होते ही लोग स्क्रीनिंग कराने जाते हैं, तो मृत्यु की आशंका कम हो जाती है। दुर्भाग्यवश, कैंसर के लगभग दो-तिहाई मामलों का निदान लास्ट स्टेज में किया जाता है, जिससे रोगियों के इलाज और उनके बचने के अवसर कम हो जाते हैं।

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कैंसर के खतरे को कम करने के टिप्‍स

  • डॉक्‍टर अग्रवाल ने कुछ सुझाव दिए हैं जिन्हें अपनाकर कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
  • लक्षणों पर ध्यान देकर और नियमित रूप से जांच कराकर खतरे को कम किया जा सकता है।
  • तंबाकू की लत छोड़ना या कम करना कैंसर की रोकथाम में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
  • नल के पानी को ठीक से फिल्टर करें क्योंकि इससे संभावित कैंसर कारकों और हार्मोन को नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल से बचाव हो सकता है।
  • समय पर और शेड्यूल के अनुसार टीकाकरण करवाएं, बहुत सारा पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से यूरीन में कैंसर पैदा करने वाले एजेंटों को फ्लश करने में हेल्‍प मिलती है, जिससे मूत्राशय के कैंसर का खतरा कम करने में मदद मिल सकती है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हेल्‍दी डाइट लें और रेगुलर एक्‍सरसाइज करने की आदत डालें। फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होती हैं, जो बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती हैं।

 

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