जोड़ों का दर्द आजकल युवाओं को भी परेशान कर रहा है। अक्सर जोड़ों के दर्द को अर्थराइटिस समझा जाता है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। जोड़ों के दर्द की वजह से कई बार रोजमर्रा के कामों को करने में भी दिक्कत आती है। अगर आप भी जोड़ों के दर्द से परेशान हैं और इसे दूर करने के लिए अलग-अलग तरीके आजमा चुके हैं तो अब आपको स्वीमिंग की मदद लेनी चाहिए। स्वीमिंग जोड़ों के दर्द को कम कर सकती है। इतना ही नहीं, यह इंजरी के बाद रिकवरी में भी मदद करती है। इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं।
यह जानकारी डॉक्टर सैय्यद इमरान दे रहे हैं। वह कंसल्टेंट ऑर्थोपैडिक, ऑर्थ्रोस्कोपी और ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन हैं। उन्होंने एमबीबीएस, डी ऑर्थो, डीएनबी ऑर्थोपैडिक सर्जरी, ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट में फेलोशिप और रिविजन ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट (जर्मनी) में फेलोशिप की है।
जोड़ों के दर्द वाले पेशेंट्स कर सकते हैं स्वीमिंग
जोड़ों के दर्द में बेशक आपको रनिंग या जम्पिंग भी मुश्किल आ सकती है, लेकिन आप स्वीमिंग कर सकते हैं। यह जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए बेस्ट एक्सरसाज है। इससे जोड़ों पर कम दवाब पड़ता है और मसल्स मजबूत होती हैं।
स्वीमिंग से बढ़ती है मसल्स की स्ट्रेंथ
स्वीमिंग, रेजिस्टेंट ट्रेनिंग के बराबर ही मानी जाती है। पानी में कूदना, किक करना या फिर आगे बढ़ना, इन सब के लिए नेचुरल रेजिस्टेंस के विरोध में आपके शरीर को काम करना पड़ता है और यह एक वर्कआउट की तरह ही है। इसलिए स्वीमिंग से टोंड मसल्स मिलती हैं और शरीर की स्ट्रेंथ बढ़ती है। स्वीमिंग से मसल बैलेंस मिलता है, जिसकी वजह से इंजरी से हुए डैमेज में भी राहत मिलती है।
स्वीमिंग से बढ़ता है लचीलापन
स्वीमिंग करने में कई मांसपेशियां और जोड़ों पर दवाब पड़ता है जिसकी वजह से पूरे शरीर में लचीलापन बढ़ता है। खासकर, कंधे, हिप्स और घुटनों के लिए यह बहुत अच्छी होती है। वहीं, अगर आप गुनगुने पानी में स्वीमिंग करते हैं तो मसल्स की स्टिफनेस कम होती है और जोड़ों की सेहत अच्छी रहती है।
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वजन घटाने में मिलती है मदद
स्वीमिंग, वेट लॉस के लिए भी अच्छी होती है। वजन अधिक होने के कारण भी जोड़ों में दर्द हो सकता है। क्योंकि वजन अधिक होने पर घुटने, हिप्स और एंकल्स पर अधिक दवाब पड़ता है। लेकिन स्वीमिंग की वजह से जोड़ों पर कोई दवाब नहीं पड़ता है और इससे जोड़ों का दर्द कम होता है।
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यह है एक्सपर्ट की राय
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Image Credit:Freepik
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