'मैं' वाली फिलिंग सभी में होती हैं, और अपने आप से प्यार करना कुछ हद तक जरूरी और ठीक भी है। क्योंकि इसी भावना के कारण आपमें आत्मविश्वास आता है और आपको आगे बढ़ने में मदद मिलती है। लेकिन इस भावना का जरूरत से ज्यादा आना आपके लिए अच्छा नहीं हैं। खुद से प्यार करने की ऐसी भावना हमने हिना खान में भी देखी।
जी हां लोकप्रिय टीवी शो में ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में ‘आदर्श बहू’ का किरदार निभाने वाली हिना खान ने रियलिटी शो ‘खतरों के खिलाड़ी शो’ और बिग बॉस सीजन-11 से लोगों के बीच काफी पहचान बना ली है। बिग बॉस में दिखाए जाने वाले फुटेज से ऐसा लगता है कि हिना खान खुद से बेहद प्यार करती हैं और इसमें कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन वह अपनी काबिलियत खुद से ही तय करती हैं और खुद को दूसरों से बेहतर साबित करने की false arguments देती हैं।
हिना घर के हर सदस्य को अपने मन-मुताबिक चलाने की कोशिश करती हैं, लेकिन जब कोई उनकी बात नहीं सुनता है तो उसे गलत साबित करने की कोशिश लगती हैं। एक बार तो उन्होंने सलमान खान को भी इस लड़ाई में घसीट लिया था। हिना खान ने एक एपिसोड में यह बात कबूली थी कि शिल्पा शिंदे, अर्शी खान और आकाश ददलानी उनकी हिट लिस्ट में हैं। वह इन तीनों के साथ बुरा व्यवहार करती हैं। हिना खान ने बिग बॉस में उनकी senior contestants और बिग बॉस-7 की विनर रह चुकीं गौहर खान को खुद से कमतर बता कर शो के बाकी कंटेस्टेंट के सामने अपनी शेखी बघारने की कोशिश करती नजर आईं।
कपड़ों का विशेष ध्यान
वैसे तो बिग बॉस में कई सेलिब्रिटीज हैं जो अपने कपड़ों का विशेष रूप से ध्यान रखते हैं लेकिन कपड़ों के मामले में हिना कहीं न कहीं सब पर भारी पड़ती नजर आ रही हैं। नाईट ड्रेस हो या फिर दिन में पहने वाले कपड़े वो हर चीज में एकदम परफेक्ट लगती है। बिग बॉस में हिना न केवल तरह-तरह की ड्रेसिंग पहनती हुई दिखाई दी बल्कि वो एक से बढ़कर एक हेयर स्टाइल में भी दिखाई देती हैं।
शिल्पा से तू-तू, मैं-मैं
इस तरह घर में एक टास्क के दौरान हिना और शिल्पा में तू-तू, मैं-मैं हो गई थी। असल में हुआ यह था कि शिल्पा को बिग बॉस की दी हुई चिट्ठी हिना, प्रियांक और अर्शी को सुनानी थी। लेकिन शिल्पा इसे अच्छे नहीं पढ़ पा रही थीं। तब हिना चिट्ठी शिल्पा के हाथों से लेकर खुद पढ़ने लगीं। इसी बात में दोनों में बहस हो गई। जिसके बाद हिना खान ने गुस्से में शिल्पा की English skills पर कमेंट किया और कहा कि मेरी इंग्लिश शिल्पा से अच्छी है। इसके बाद हिना ने कहा, अगर शिल्पा को इंग्लिश नहीं आती तो उन्हें बोलने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए। यानी हिना में मैं-मैं की भावना थोड़ी ज्यादा हैं। हम यह नहीं कह रहे कि हिना में ऐसा कुछ हैं लेकिन अगर मैं-मैं की भावना जरूरत से ज्यादा होने लगे तो यह डिस्आर्डर बन जाती है। आइए जानें क्या हैं यह डिस्आर्डर और इसके क्या लक्षण है।
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क्या है Narcissism?
यह समस्या क्या है इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने बात की MAX hospital के वरिष्ट मनोचिकित्सक Dr. Sumit Gupta से तब उन्होंने हमें इसके बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताईं। डॉ. सुमित गुप्ता के अनुसार 'खुद से प्यार कुछ हद तक जरूरी है लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा होने लगता है यानी जब आप खुद को जरूरत से ज्यादा महत्व देने लगते हैं तो यह डिस्आर्डर बन जाता है। जी हां Narcissism किसी व्यक्तित्व से जुड़ा मनोरोग है जिसमें इंसान का खुद के प्रति लगाव इतना बढ़ जाता है कि उसे दूसरों की परवाह नहीं रहती।' कई नार्सिसिस्ट अपने रंग-रूप, बॉडी और आदतों को बढ़ा-चढ़ाकर अपनी कमजोरियों को छिपा सकते हैं। ये अपनी आदतों के चलते ना केवल आकर्षक लगते बल्कि दूसरों को भी आकर्षित कर लेते हैं।
Narcissism के लक्षण
- दूसरों की लाइफ को नकार देते हैं और हमेशा एकतरफा ही सुनना पसंद करते हैं।
- ग्रूमिंग पर तरफ जरूरत से ज्यादा ध्यान देते हैं। और खुद को मैनटेन रखने के लिए जरूरत से ज्यादा समय लगते हैं। इसके अलावा यह हेल्थ पर भी जरूरत से ज्यादा ही ध्यान देते हैं।
- सब कुछ उन्हीं के बारे में होना चाहिए जैसे मैं अधिक जानती हूं, मैं बेहतर हूं मैं बहुत interesting हूं। जब भी इनसे बात की जाए तो ज्यादातर बातें उन्हीं के बारे में होती हैं। यानी लगभग सभी चीजें उन्हीं के बारे में होनी चाहिए, जो मैंने किया है, मैं किस बारे में सोच रही हूं और पता नहीं क्या-क्या।
- नियम मेरे लिए लागू नहीं होते हैं यानी वे खुद को दूसरों के ऊपर अनुभव करते हैं, इसलिए नियम उन पर लागू नहीं होते हैं।
- आपकी चिंताएं वास्तव में उनके लिए आलोचनाएं हैं, और उन्हें आलोचना से सख्त नफरत है। अलोचना से उन्हें तकलीफ होती हैं लेकिन वह दूसरों की आलोचना कर सकते हैं और अक्सर करते हैं, लेकिन अगर दूसरों उनकी आलोचना करते हैं तो उनकी भावनाओं को आहत होता है।
- वह खुद को सही मानते हैं और दूसरे को गलत। और उनका मानना है कि जब चीजें गलत हो जाती है तो यह हमेशा दूसरों की गलती के कारण होता है। उनसे मांफी मांगने या दोष स्वीकार करने की उम्मीद नहीं करना चाहिए।
- इस बात में कोई शक नहीं कि क्योंकि अधिकांश Narcissism अपनी उपस्थिति को इतना आकर्षक और मजबूत बना लेते हैं कि, उनके संबंध बड़े और काम के लोगों में बन जाते हैं।
यानी Narcissism के लक्षणों में अपने में ही रहना और स्वार्थ से भरे काम करना, खुद को सबसे ऊपर मानना, आलोचना न सहन करना, जिम्मेदारी लेने से साफ इंकार कर देना और बहुत जल्दी गुस्सा हो जाना शामिल हैं। कहीं आपमें भी ऐसी ही कुछ भावनाएं तो नहीं हैं?
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