सोशल मीडिया के इस दौर में आज बहुत सारे लोग बॉडी शेमिंग से परेशान हैं, क्योंकि लोगों का सामाजिक दायरा काफी बढ़ चुका है और ऐसे में जाने-अंजाने दूसरों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया या आलोचना आपको खुद की बॉडी इमेज के प्रति निराश बना देती है। कई बार तो बॉडी शेमिंग लोगों को मानसिक अवसाद के गर्त में भी ले जाती है। ऐसे में सही वक्त पर इस समस्या का निदान जरूरी है, ताकि व्यक्ति इस तरह के मानसिक अवसाद से बच सके।
इस आर्टिकल में हम आपको बॉडी शेमिंग से उबरने का बेहद व्यवहारिक और कारगर तरीका बताने जा रहे हैं, जिसे मेडिकल दुनिया में मिरर एक्सपोजर थेरेपी के नाम से जानते हैं।
क्या है मिरर एक्सपोजर थेरेपी?
असल में मिरर एक्सपोजर थेरेपी एक मनोवैज्ञानिक तकनीक है, जो लोगों को अपने शरीर के प्रति बनी नकारात्मक छवि से बाहर निकलने में मदद मिलती है। इस थेरेपी में बॉडी शेमिंग से निराश हो चुके लोगों को अपने शरीर के प्रति बनाई गई नकारात्मक छवि से निकालने के लिए आईने का सामना करवाया जाता है। इस दौरान शरीर के उस अंग विशेष या अपनी उस कमी को देखने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिसके प्रति लोगों के मन निराशा होती है।
जैसे कि अगर कोई व्यक्ति अपने नाक के आकार से परेशान है, या शरीर के बढ़ते वजन को लेकर चिंतित है तो उसे आईने में अपनी इन्ही समस्या पर फोकस करने के लिए कहा जाता है। इसके साथ ही उसे अपने शरीर के उस अंग विशेष के बारे में खुलकर कहने का मौका दिया जाता है, ताकि वो खुद को उस कमी के साथ स्वीकार कर सके। इस दौरान मनोचिकित्सक उससे बात कर उसके भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं कि किस हद तक व्यक्ति अपनी कमी को लेकर परेशान है।
बॉडी शेमिंग से पीड़ित व्यक्ति के साथ यह प्रक्रिया बार-बार कराई जाती है, ताकि खुद की बॉडी इमेज को लेकर उसके अंदर बैठी कुंठा बाहर निकल जाए। आजकल बहुत सारे मनोचिकित्सक इस थैरेपी का अभ्यास अपने उन पेशेंट से कराते हैं जो किसी तरह की शारीरिक कमी को लेकर मानसिक रूप से पीड़ित रहते हैं। इस थैरेपी की मदद से व्यक्ति की खुद के प्रति बनाई गई अवधारणा बदलने लगती है और इससे उसे बॉडी शेमिंग से उबरने में मदद मिलती है।
कैसे काम करती है यह थैरेपी?
अब बात करें कि यह थैरेपी कैसे काम करती है तो इसके जरिए लोगों के मन-मस्तिष्क में खुद के प्रति सकारात्मक छवि का निर्माण किया जाता है। जिससे व्यक्ति में खुद को स्वीकार करने का आत्मविश्वास आता है और दूसरों द्वारा बनाई गई नकारात्मक छवि से वह बाहर निकल पाता है। असल में मनोविज्ञान में, आईने को एक शक्तिशाली संसाधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है, जो व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर बड़ा प्रभाव डालने का काम करता है।

मिरर एक्सपोजर थेरेपी में आईने की इसी प्रभावशीलता के जरिए व्यक्ति को बॉडी शेमिंग से बाहर निकालने का प्रयास किया जाता है। इस थेरैपी के अभ्यास के जरिए मनोचिकित्सक व्यक्ति को खुद की छवि के प्रति बेहतर महसूस कराते हैं। इस तरह व्यक्ति को भावनात्मक और मानसिक संबल मिलता है और वो मानसिक अवसाद से बाहर आ पाता है।
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Image Credit:Freepik
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