बुखार का नाम सुनते ही अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। कुछ याद आता है तो बदन में दर्द, कमजोरी और बेहाल सी हालत। हालांकि, बुखार आना बेहद नॉर्मल है, और यह कई बार जल्दी ठीक भी हो जाता है, लेकिन कुछ मामले में रिकवरी हो ही नहीं पाती है। सुबह बुखार खत्म हो जाता है, तो शाम को फिर से लौट आता है। दवा लेने के बाद भी रिकवर करने में समय लग जाता है। दरअसल इसके पीछे कुछ कारण जिम्मेदार होते हैं। हमारे खाने पीने की आदतों के कारण रिकवरी स्लो हो जाती है। आज हम इस आर्टिकल में उन दो चीजों के बारे में बात करेंगे,जिन्हें बुखार होने पर डाइट में नहीं शामिल करना चाहिए। इस बारे में डाइट एक्सपर्ट लवनीत बत्रा ने जानकारी साझा की है।
बुखार में न खाएं ये दो चीजें, रिकवरी हो सकती है स्लो
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तले-भुने और मसालेदार फूड
बुखार होने पर पूरे बॉडी पर असर पड़ता है। हमारा पाचन तंत्र भी कमजोर पड़ जाता है।वहीं, इस हालत में दिल चाहता है कि कुछ अच्छा क्रिस्पी और मसालेदार खाना खाएं, जिससे मुंह का स्वाद अच्छा हो जाए। लेकिन ऐसा करना आपके लिए भारी पड़ सकता है। तला-भुना खाने को पचाने में पेट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ये भारी खाना पेट में लंबे वक्त तक बना रहता है, जिससे बेचैनी, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं हो सकती है। जब पेट ही हल्का नहीं महसूस करेगा, तो बॉडी कैसे रिकवर होगी। इसलिए हमेशा बुखार में तली हुई चीजें जैसे पकोड़े, समोसे, पूरी मोमोज या कोई भी डीप फ्राई किए हुए व्यंजन से दूरी बनाना ही समझदारी है। इस वक्त पेट को आराम की जरूरत होती है। आप हल्का और एनर्जी से भरपूर खाना खाएं जैसे खिचड़ी, दलिया, फ्रूट्स।
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कैफीन
दूसरे नंबर पर है कैफीन, अक्सर आपने देखा होगी कि लोग बुखार में अच्छा फील करने के लिए चाय या कॉफी पीते हैं, ताकी तुरंत एनर्जी आ जाए। इससे आप थोड़ी देर अच्छा महसूस तो करेंगे, लेकिन सच कहें तो बुखार में ये आपके लिए अच्छी नहीं है। कैफीन डाइयूरेटिक है, जिसका मतलब है ये आपके शरीर को डिहाइड्रेट कर सकती है। बुखार में वैसे ही डिहाइड्रेशन होता है और कैफीन इसे और बढ़ा सकती है। डिहाइड्रेशन आपकी रिकवरी को स्लो करता है और आपको ज्यादा थका हुआ महसूस करा सकता है। इसलिए चाय या कॉफी की जगह पर आप हर्बल टी जैसे विकल्पों को चुन सकते हैं।
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Image Credit:Freepik
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