दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में सर्दी का कहर बहुत ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में सभी ठंड से बचाव की कोशिश में हैं। ऐसे में शीत लहर से बचने के लिए डॉक्टर भी लोगों को सर्दी से बचने और खुद को गर्म रखने की सलाह दे रहे हैं। भयंकर शीतलहर के साथ कड़कड़ाती ठंड से बचने के लिए कौन से उपाय अपनाने चाहिए। इस बारे में आईएनएस को एम्स के एक वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर अमरिंदर माल्ही ने बताया है। आप भी इस बारे में विस्तार से जानें। ताकि इन उपायों को अपनाकर आप खुद को गर्म रख सकें।
डॉक्टर अमरिंदर माल्ही का कहना है, ''ज्यादार मरीज अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूआरटीआई), लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (एलआरटीआई), स्ट्रेस, स्ट्रॉक और म्योकार्डियल इंफेक्शन की शिकायत लेकर आ रहे हैं। लेकिन इन बीमारियों से बचने के लिए खुद को गर्म रखना बहुत जरूरी होता है। और खुद को गर्म रखने के लिए कुछ उपायों को अपनना बेहद जरूरी है।''
वहीं मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शीत लहर का यह दौर कुछ और समय के लिए जारी रह सकता है। इस पर भारत आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र जेनामणि ने कहा, ''यह लंबी अवधि वाला अलग तरह की ठंड है, जिससे पूरा उत्तर भारत प्रभावित है। आमतौर पर कोई अत्यधिक ठंड की अवधि 5 से 6 दिनों की होती है, लेकिन इस साल 13 दिसंबर से तापमान लगातार निम्नतम है, जो असाधारण है।''
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गर्म पानी पीना
अक्सर लोग सर्दियों में पानी पीना कम कर देते हैं। लेकिन सर्दियों में बॉडी में पानी की कमी होना वास्तव में बहुत हानिकारक होता है और इसके कारण कई गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। इस मौसम में भी पर्याप्त पानी पीना इसलिए जरूरी है क्योंकि इस मौसम में हमारी बॉडी कम मात्रा में पानी जमा करती है जिसके कारण स्किन ड्राई और फीकी पड़ जाती है और किडनी सहित अन्य समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा ज्यादातर लोग पानी की जगह पूरे दिन चाय कॉफी पीना अधिक पसंद करते हैं। इसके कारण बॉडी में जमा टॉक्सिन बॉडी से बाहर नहीं निकल पाता है और व्यक्ति कई तरह की बीमारियां घेरने लगती है। इसलिए लोगों को प्रतिदिन चार से पांच गिलास गर्म पानी जरूर पीना चाहिए।
तेल वाले हीटर
सर्दी में लोग अक्सर कमरे को गर्म रखने के लिए ब्लोअर और हीटर का इस्तेमाल करते हैं। ये आपकी बॉडी को तो गर्म रखते हैं, लेकिन आपकी हेल्थ के साथ-साथ स्किन को भी नुकसान पहुंचाते हैं। स्किन ड्राई होने लगती है जिससे जल्दी रैशेज पड़ने लगते हैं। इलेक्ट्रॉनिक हीटर आपके कमरे की हवा को गर्म तो बना देता है पर कमरे की सारी नमी भी चुरा लेता है। हवा में नमी होना आपकी त्वचा के लिए भी अच्छा है लेकिन जब यह नमी हीटर द्वारा चुरा ली जाती है तो इसका असर आपकी त्वचा पर भी पड़ता है। हीटर न सिर्फ कमरे की हवा को ड्राई कर देता है बल्कि आंखों की नमी भी छीन लेता है। जिससे ड्राई आई की समस्या भी हो सकती है। ड्राई हवा में सांस लेने से सांस संबंधी समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए यह और भी समस्याएं पैदा कर सकता है। पारंपरिक हीटर के बजाय तेल वाले हीटर का प्रयोग करें, क्योंकि पारंपरिक हीटर वातावरण को ड्राई कर देते हैं।
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गर्म कपड़ों का इस्तेमाल
अपने बॉडी को ऊंनी कपड़े, दस्ताने, टॉपी, मोजे आदि से ही गर्म रखें। ठंड के दिनों में सिर ही ऐसा बॉडी पार्ट है जो हमेशा खुला रहता है। इससे बॉडी की गर्मी को सिर से बाहर निकलने का मौका मिल जाता है। इसलिए सर्दियों में सिर को हमेशा कवर करके रखना चाहिए। इसके लिए आप चाहें तो हैट, कैप या स्कार्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें भी स्कार्फ काफी असरदार होता है। इससे न केवल बाहर की ठंडी हवाओं से बचाव होगा, बल्कि बॉडी की गर्मी को भी बचाकर रख सकेंगे। ठंड के दिनों में पैरों को गर्म और ड्राय रखने के लिए विंटर सॉक्स पहनना बहुत जरूरी है।
इन टिप्स को अपनाकर आप भी कड़कड़ाती ठंड से आसानी से खुद को गर्म रख सकती हैं।
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