अर्थराइटिस के कुछ लक्षणों में जोड़ों में दर्द, जकड़न और सूजन शामिल हैं। यह समस्या सर्दियों में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और इससे रोजमर्रा के कामों को करने में भी परेशानी होती है। इस स्थिति में योगासन हमारी बहुत मदद कर सकते हैं। योगासन हमारे वर्कआउट को आसान करते हैं, मसल्स में फैलाव लाते हैं, हमारी ताकत और लचीलेपन को बढ़ाते हैं।
इसलिए आज हम जोड़ों के दर्द को कम करने वाले कुछ योगासन के बारे में बता रहे हैं। नीचे दिए गए आसनों को धीरे-धीरे करें और प्रत्येक आसन को कम से कम दस से पंद्रह सेकंड के लिए पकड़े। इन योग के बारे में हमें योगा मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरू और लाइफस्टाइल कोच हिमालयन सिद्ध अक्षर जी बता रहे हैं।
अक्षर जी का कहना है, 'अर्थराइटिस के 100 से अधिक ज्ञात रूप हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। अर्थराइटिस की विभिन्न किस्में एक अतिसक्रिय इम्यून सिस्टम द्वारा कार्टिलेज और स्ट्रेच (जैसे पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटाइड अर्थराइटिस) से जुड़ी सूजन है।'
योगासन
हस्तोत्तानासन
हस्तोत्तानासन तीन शब्दों हस्त, उत्ताना और आसन से मिलकर बना है। हस्त, उत्ताना और आसन बाजुओं, स्ट्रेच और आसन को संदर्भित करते हैं।
- धीरे-धीरे सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
- फिा हथेलियों को आपस में फंसा लें।
- जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं।
- सांस छोड़ते हुए, अपनी बाजुओं को समस्तीथी स्थिति में घुमाएं।
समस्तीथी / ताड़ासन
- सीधे खड़े हो जाएं।
- कंधों को रिलैक्स रखें और पेट की मसल्स को सिकोड़ें।
- इस स्थिति में 5-8 सांसों के लिए रुकें और सांस लें।
- वजन को दोनों पैरों के बीच समान रूप से वितरित करने पर ध्यान दें।
मलासन
- समस्तीथी में पैरों को अलग और कंधों को अलग करके खड़े हो जाएं।
- धीरे से नीचे झुकें और पैरों को अलग करें ताकि वे शरीर से थोड़े चौड़े हो जाएं।
- धड़ को इस तरह झुकाएं कि सांस छोड़ते समय यह जांघों के बीच अच्छी तरह से फिट हो जाए।
- पैरों को फर्श पर सपाट रखें और हथेलियों को आपस में मिला लें।
पश्चिमोत्तानासन
- पैरों को आगे की ओर तानना पहला स्टेप है।
- सुनिश्चित करें कि ऐसा करते समय घुटने थोड़े मुड़े हुए हों।
- बाजुओं को ऊपर की ओर खींचते हुए रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- सांस छोड़ते हुए कूल्हों के बल आगे झुककर शरीर के ऊपरी हिस्से को निचले शरीर पर रखें।
- पैर की उंगलियों को पकड़ने की कोशिश करें।
धनुरासन
- घुटनों के बल झुककर एक दूसरे के समानांतर पेट के बल लेट जाएं।
- हाथ से एड़ियों को मजबूती से पकड़ लें। जितना हो सके हाथों और पैरों को ऊपर उठाएं।
- ऊपर देखते हुए पोज़ को होल्ड करें।
सिद्ध वॉक
सिद्ध वॉक एक पारंपरिक यौगिक आध्यात्मिक अभ्यास है। इसमें हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने की शक्ति है। यह विज्ञान पर बनी एक गतिशील प्रणाली है जो लोगों के शारीरिक और मानसिक बनावट को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखती है।
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सिद्ध वाक् में, अंक 8 या अनंत एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली भूमिका निभाता है। जब हम दक्षिण से उत्तर की ओर चलते हैं तो सिद्ध वॉक के अभ्यास की प्रक्रिया में अंक 8 बनाना होता है। दक्षिण दिशा से उत्तर की ओर 8 के इस आकार में कम से कम 11 मिनट तक चले। राउंड की आवश्यक अवधि पूरी करने के बाद उत्तर से दक्षिण की ओर 11 मिनट तक चलना चाहिए।
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Image Credit: Shutterstock
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