जब हम काम और अपने जीवन में संतुलन बनाने का प्रयास करते हैं, तो हमारा दिमाग और हमारा शरीर बेहद तनाव से गुजरता है। हमारे शरीर के विभिन्न अंगोंमें से एक अंग हमारे कंधे इस तनाव को सबसे ज्यादा झेलते हैं। हमारे शरीर को इस तरह बनाया गया है कि यह हमेशा चलायामान और सक्रिय रहे। जबकि वस्तुस्थिति यह है कि हम हमेशा अपनी कुर्सी पर बैठे रहते हैं। खाना भी टेबल पर खाते हैं और हमारी जीवनशैली में सक्रियता बहुत कम हो गई है। इस सब का असर हमारे शरीर पर पड़ता है और कंधे सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। उनमें दर्द शुरू होने लगता है और कुछ समय बाद ये जाम (फ्रोजन) हो जाते हैं। जाम कंधां यानी फ्रोजन शोल्डर की समस्या एक कंधे से शुरू होती है और सामान्य तौर पर यह दायां कंधा होता है।
तो इन जाम हो चुके कंधों को हम फिर से सक्रिय या डिफ्रॉस्ट करें। योग से इसका उपचार करने में सहायता मिलती है। हालांकि योग का काम उपचार से ज्यादा बचाव का है। योग के विभिन्न आसन तनाव को खत्म करते हैं और मांसपेशियों को खोलते हैं। यह काम सिर्फ कंधों पर ही नहीं, बल्कि शरीर के पिछले ऊपरी हिस्से और छाती में भी होता है। छाती के ऊपरी हिस्से में बहुत ज्यादा जकड़न भी कंधों में समस्या पैदा करती है और उन्हें कमजोर कर सकती है। योग के आसन रीढ़ की हड्डी को लम्बा और मजबूत करते हैं और इसे नुकसान होने से बचाते हैं। इन योगासन के बारे में हमें योग संस्थान के डायरेक्टर डॉक्टर हंसाजी जयदेव योगेंद्र जी बता रहे हैं। लेकिन योगसन जानने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए ऐसी ही कुछ बातों के बारे में जानें।
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- हमेशा अपने दिन की शुरूआत पैदल चलने से कीजिए। सुबह के समय जब शरीर में अकड़न हो तो आसन करके अपने शरीर पर ज्यादा जोर मत डालिए। पहले पैदल चलिए और शरीर को खुद खुलने दीजिए।
- कुछ ऐसे व्यायाम कीजिए जिससे शरीर ढीला पडे़। इन्हें हम सहज भाव आसन कहते हैं। ये आसन सांस लेते हुए और पूरी तरह जागरूक अवस्था में किए जाने चाहिए।
- सांस अंदर लेते समय कंधे ऊपर उठाइए और छोड़ते समय नीचे कीजिए।
- कंधों को सीधे और उलटी दिशा में घुमाइए। इससे कंधों का तनाव कम होगा और रक्त का संचार बढे़गा।
- आपके पोस्चर या बैठने और खड़े होने के ढंग में सुधार से भी फ्रोजन शोल्डर में आराम मिलता है। इसके लिए एक दीवार का सहारा लेकर खडे़ हो जाइए और पांच बार अपने कंधे को ऊपर उठाइए और नीचे गिराइए।
5 योगासन जो आपको हर रोज करने चाहिए-
पर्वतासन
यह आसन रक्त का संचार ठीक करता है और कंधों की जकड़न को खत्म करता है।
तालासन
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पोस्चर को ठीक करने और शरीर की स्ट्रेचिंग के लिए यह आसान तकनीक है। तालासन सीधे रीढ़ की हड्डी और कंधों की जकड़न पर असर करता है।
गौमुखासन
अपने सारे जोड़ों और जकडे़ हुए कंधों को खोलने का सरल आसन है।
गरूड़ासन
यह आसन न सिर्फ नसों को ठीक करता है, बल्कि शरीर के कसे हुए जोड़ों को भी खोलता है। कंधों की जकड़न दूर करने के साथ यह दिमाग को भी स्थिर बनाता है और तनाव को दूर करता है।
यस्तिकासन
आप अपने दिन की शुरुआत इस आसन से कर सकते है, क्योंकि यह आसन आपके पूरे शरीर को खोल देता है। यस्तिकासन से तनाव दूर होता है और रीढ़ की हड्डी और कंधों में लचीलापन आता है।
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कंधों के दर्द को कम करने के कुछ और उपाय
- बहुत ज्यादा भार उठाने से बचें।
- कंधों का दर्द दूर करने के लिए गर्म पानी की थैली से सेक कीजिए।
- योग के नियमित अभ्यास से आपके शरीर का रक्त संचार बेहतर होगा और कंधों का लचीलापन बढे़गा।
इन योगासन को अपनाकर आप भी फ्रोजन की समस्या में राहत पा सकते है। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।
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