योग सबके लिए है। यह आपके ब्रेन को ताजा रखता है व आपकी एनर्जी को बढ़ाता है, ताजगी व उत्साह से भर देता है। यह हमारे शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक तौर पर हर तरह के अस्तित्व पर काम करता है। योग हमारे हार्मोन्स को संतुलित रखने के साथ ही शरीर के प्रकृति व आंतरिक अवयवों को तंदुरूस्त रखता है, शारीरिक संतुलन को बनाए रखता है एकाग्रता और याददाश्त को बढ़ाता है, अनेकानेक फायदे देता है। ऐसी कई यौगिक तकनीकें हैं जो तुम अपनी उम्र के हिसाब से कर सकते हो या करना ही चाहिए। वैज्ञानिक तौर पर योग तुम्हारे दिमाग को भी सही प्रशिक्षण देता है। दार्शनिक तौर पर तुम्हारे जीवन का मकसद खोजने में मदद करता है। जीवन में तुम जो भी करो उसका एक मकसद होना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उम्र के साथ यह आता है कि किस तरह करने की बजाय कितना करना है पर ध्यान देना चाहिए।
योग संस्थान के डायरेक्टर डॉक्टर हंसाजी जयदेव योगेंद्र का कहना है कि ''उम्र बस एक अंकमात्र है। लेकिन जब शारीरिक शरीर की बात आती है तब यह थोड़ा कमजोर होने लगता है। हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, दर्द और अकड़न की शिकार होने लगती हैं। स्वास्थ्य संबंधी तकलीफें बढ़ जाती हैं और इन सबके साथ अवसाद के चिन्ह नजर आने लगते हैं।''
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उनका यह भी कहना है कि ''योग की प्रैक्टिस इंसान को हेल्दी, खुश और एक्टिव रखती है। आपको बस प्रतिदिन आसन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास पूरी लगन के साथ करना है। ना सिर्फ यह आपकी बढ़ती उम्र को धीमा करेगा बल्कि आपकी उम्मीद की किरण को जगाएगा। कुछ ऐसा होगा जो आप स्वेच्छा से नियमित करना चाहेंगे।'' यहां कुछ आसन बताये गये हैं जिसकी प्रैक्टिस आप अपनी सुविधानुसार चटाई पर, कुर्सी पर यहां तक कि बिस्तर पर भी कर सकते हैं साथ ही अपने शरीर की क्षमता का ध्यान जरूर रखें। आइए जानें कौन से हैं ये योगासन।
1. यष्टिकासन
यह बहुत आसान बहुत ही आसन है। इसे आप बिस्तर पर जागते ही कर सकते हैं। बस आपको यह करना है कि श्वास भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर खींचिये, साथ ही पैरों के अंगूठे व अंगुलियों को बाहर की तरफ खींचिये। कुछ देर रूकने के पश्चात श्वास छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाइये व पैरों व शरीर को शिथिल कीजिए। यह आपके शरीर के ढांचे या कुबड़ेपन को ठीक करने के साथ ही शरीर के तनाव को भी दूर करता है।
2. सुप्त भद्रासन
यह आसन करते समय तितली के पंख फड़फड़ाने के तरह ही लगता है। सीधे लेट जाएं व पैरों को सीधा कर लें, अब के तलवों को मिलाकर अपने शरीर के जितने नजदीक ला सकें ले आएं घुटने दोनों तरफ फैले हों। या तो इसी तरह रूके रहें या पैरों के घुटने ऊपर नीचे करें। यह बहुत ही उत्तम आसन है, किडनी एवं ब्लैडर को बहुत फायदा पहुंचाता है। इसके अभ्यास से मलत्याग संबंधी सभी बीमारियां ठीक होती हैं हिप्स का जोड़ भी लचीला होता है।
3. पवनमुक्तासन
उम्र के बढ़ने के साथ ही वायु विकार भी बढ़ता है। बढ़ती उम्र में पाचन संबंधी समस्याओं का होना बहुत आम है। पवनमुक्रासन सीधे पेट की ग्लैंड को एक्टिव बनाता है जिससे आप इन सभी समस्याओं से मुक्ति पाते हैं। इसके लिये सीधे लेट जाएं धीरे से श्वास छोड़ते हुए पैरों को मोड़ें अपने पेट के पास लाएं, पेट पर दबाव बनाएं कुछ इस तरह की आप अपने आपको गले लगा रहे हैं। इस समय सामान्य श्वास लेते रहें। धीरे से आसन से बाहर आ जाएं।
4. मकरासन
मकरासन बढ़ती उम्र की महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि सभी के लिए उपयोगी होता है। इसे करने के लिए आप सभी पेट के बल लेट जाएं व ध्यानपूर्वक अपने शरीर को ढीला छोड़ते जाएं लेकिन ध्यान रहे सोना नहीं है। सामान्यतः बढ़ती उम्र की महिलाओं में नींद नहीं आने वाली बीमारी रहती है। ऐसे में मकरासन करने पर इस समस्या में सुधार आता है। यह एकाग्रता बढ़ाता है साथ ही डायबिटीज व पाचन संबंधी समस्या में फायदा पहुंचाता है।
5. सहज भावासन
आप योग की इस आसान तकनीक को कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं। आपको अपने शरीर के सभी जोड़ों को, स्नायुओं को शिथिल छोड़ते जाना है।
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योगा आप अपनी क्षमता के हिसाब से कर सकते हैं और यह सबके लिए सहज होता है। यह आपको जवान दिखने व महसूस करने में मददगार होता है। जब आप अंदर से जवान और उर्जावान महसूस करें तब उम्र के अंक की किसको पड़ी है। बस नियमित रूप से आप जो व जितना अभ्यास कर सकते हैं, उसे चेहरे पर एक मीठी मुस्कान और दिल में एक खुशी के साथ करें.....
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