वक्रासन दो शब्दों के मेल से बना है, वक्र जिसका अर्थ है मुड़ा हुआ और आसन जिसका अर्थ है योग मुद्रा। पहले, वक्रासन अर्धमत्स्येन्द्रासन का एक सरलीकृत रूप था। वक्रासन लचीले योग पोज में से एक है जहां रीढ़ की हड्डी के क्षेत्र में घुमाव देखा जाता है और इसे मुड़ी हुई मुद्रा या बैठा हुआ मोड़ योग मुद्रा भी कहते है।
हालांकि, वक्रासन लोगों के लिए एक सरल योग है, लेकिन यह रीढ़ की हड्डी और पेट के निचले हिस्से में पर्याप्त खिंचाव और मरोड़ प्रदान करता है। स्पाइनल ट्विस्ट योग सिटिंग पोस्टिंग में किया जाता है और सिर को दोनों ओर मोड़ दिया जाता है। मुड़ी हुई मुद्रा लीवर, किडनी, अग्न्याशय, ओवरीज, पेट और आंत सहित शरीर के विभिन्न अंगों के लिए फायदेमंद है।
वक्रासन या बैठा हुआ मोड़ लचीलापन बढ़ाता है और पेट की चर्बी को खत्म करता है। डायबिटीज की कंडीशन में वक्रासन के नियमित अभ्यास से लाभ मिलता है। इस योग की जानकारी अक्षर योग संस्थान, हिमालय योग आश्रम, विश्व योग संगठन के संस्थापक, योग और आध्यात्मिक नेता हिमालयन सिद्ध अक्षर जी दे रहे हैं।
वक्रासन से मेरुदंड और पीठ की नसें को लाभ मिलता हैं। मुड़ आसन का अभ्यास रीढ़ और पीठ की नसों के उत्कृष्ट संपीड़न और विस्तार प्रदान करने के लिए जाना जाता है, जिससे पीठ, रीढ़ और मसल्स की नसों की स्थिति में सुधार होता है।
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योग मुद्रा से मोड़ और संपीड़न शरीर को रीढ़ की हड्डी के एरिया से सुस्त और रुके हुए ब्लड को निचोड़ने में मदद करता है और इसे शुद्धिकरण के लिए लंग्स और हार्ट में प्रसारित करता है। इससे लंग्स की क्षमता और शुद्धि में वृद्धि होती है।
वक्रासन का अभ्यास यूरिन एरिया में ऑक्सीजन, ब्लड और पोषक तत्वों का उचित फ्लो सुनिश्चित करता है और इस प्रकार एक हेल्दी यूरिन सिस्टम रहती हैं और यूटीआई की रोकथाम करता है।
वक्रासन के नियमित अभ्यास से कमर दर्द, सिरदर्द और गर्दन के दर्द के इलाज में लाभ मिलता है।
वक्रासन योग के बाद की सबसे अच्छे आसनो में से एक है जो शरीर में अकड़न को कम करती है और इसके लचीलेपन को बढ़ाती है। कठोर शरीर वाले लोगों को नियमित रूप से वक्रासन का अभ्यास करना चाहिए।
वक्रासन कशेरुकाओं को आपस में जुड़ने से रोकता है जो बुजुर्ग लोगों में एक आम समस्या है।
योगाभ्यास स्लिप डिस्क और साइटिका के हल्के मामलों के उपचार में मददगार है।
डायबिटीज के मामलों में वक्रासन लाभकारी है। योग आसन अग्न्याशय सहित पेट के अंगों को उत्कृष्ट मालिश प्रदान करती है। आसन का अभ्यास अग्न्याशय को उत्तेजित करता है और अधिक इंसुलिन स्रावित करने के लिए अग्न्याशय की बीटा सेल्स को संकेत देता है। इंसुलिन स्राव ब्लड शुगर नियंत्रण सुनिश्चित करता है और इस प्रकार डायबिटीज में लाभ होता है।
योग आसन पेट क्षेत्र में पर्याप्त मोड़ और संपीड़न देती है और आसन के नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी और लव हैंडल को कम करने में मदद मिलती है।
पेट के अंगों में संपीड़न और खिंचाव ब्लड के पुन:संचार और संबंधित नसों के टोनिंग की सुविधा प्रदान करता है।
आगे की ओर झुकने वाले आसनों के अभ्यास के कारण पीठ में तनाव या खिंचाव का अनुभव करने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी योग आसन है।
वक्रासन डाइजेस्टिव सिस्टम में सुधार करता है क्योंकि पेट एरिया में मरोड़ और संकुचन पाचक रसों की रिहाई को बढ़ावा देता है।
स्पाइनल ट्विस्ट योग मुद्रा हमारे ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन में मदद करती है और इससे सिरदर्द से छुटकारा पाने में मदद मिलती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है।
यदि आप निम्नलिखित स्थितियों से पीड़ित हैं तो वक्रासन का अभ्यास न करने की सलाह दी जाती है:
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आप भी इस योग की मदद से ये सारे फायदे पा सकती हैं। अगर आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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