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YONI MUDRA FOR PERIODS

बेटी को पहली बार हुआ है पीरियड्स, तो जरूर करवाएं ये मुद्रा

पीरियड्स के दौरान आराम पाने के लिए आप अपनी बिटिया से योनि मुद्रा करवाएं। एक्सपर्ट बता रही हैं अभ्यास करने का तरीका। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-10-16, 11:48 IST

Mudra For Period Problems: प्यूबर्टी एक ऐसा फेज जिससे हर लड़की गुजरती है। प्यूबर्टी होने पर लड़कियों के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं और इसी बदलाव का जरूरी हिस्सा पीरियड्स है, जिससे हर किसी को गुजरना पड़ता है। आजकल ज्यादातर 9 से 11 साल की उम्र तक लड़कियों को पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। ये अधिकतर लड़कियों के लिए दर्द भरा होता है। अगर आपकी बिटिया प्यूबर्टी के फेज में पहुंच गई है और आप चाहती हैं कि बेटी का पीरियड्स तकलीफ भरा ना हो तो आप इसके लिए अपनी लाडली से कुछ खास मुद्रा करवाएं।इस मुद्रा का नाम है योनी मुद्रा। इस बारे में योगा एक्सपर्ट,डॉ. नुपुर रोहतगी  जानकारी दे रही हैं। आइए जानते हैं इस मुद्रा से क्या-क्या फायदा मिल सकता है।

क्या होता है योनि मुद्रा?

YONI HAST MUDRA

एक्सपर्ट के मुताबिक योनि मुद्रा हस्त मुद्रा की आध्यात्मिक मुद्राएं  की श्रेणी में आती है। इस मुद्रा को प्रैक्टिस करने से ऊर्जा नीचे की प्रवाहित होती है जिससे नाभि के नीचे मौजूद चक्र और अंग प्रभावित होकर स्वस्थ हो जाते हैं। ये मुद्रा गर्भाशय जैसी दिखती है। इस मुद्र मे में हम बाहरी दुनिया से हटके आंतरिक दुनिया में आते हैं और इससे काफी फायदा मिलता है।

योनि मुद्रा के फायदे जानिए

  • योनि मुद्रा से गर्भ को मजबूत करने में मदद मिलती है।
  • इससे पीरियड रेगुलर होता है।
  • पीरियड क्रैम्प्स से छुटकारा मिलता है।
  • चिंता, चिड़चिड़ापन, गुस्सा कम होता है।
  • इससे हमें पॉजिटिव और तनाव मुक्त महसूस होता है।
  • ये मुद्रा हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करती है।
  • प्रजनन प्रणाली के कामकाज में सुधार करती है।

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कैसे करें योनि मुद्रा ?

 

 

 

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  • सबसे पहले एक शांत जगह पर बैठ जाएं।
  • अब अपनी हथेलियों को खुला रखें।
  • अब अपने हाथों की तर्जनी उंगली और अंगूठे को छोड़ कर बाकी की तीन उंगलियों को मोड़ कर आमने सामने रखें।
  • अब तर्जनी उंगली को एक दूसरे के टिप से मिलाएं।
  • अब अंगूठे को भी एक दूसरे से जोड़ लें।
  • अपने हाथों को इस तरह से जोड़ें कि हथेली की उंगलियां पेट की तरफ हो और अंगूठे को नाभि की तरफ रखें
  • अब सांसों की तरफ ध्यान रखते हुए हाथों को खोलें
  • हर रोज 10 से 15 मिनट इस मुद्रा की प्रैक्टिस करने से फायदा मिलेगा।

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Image Credit: Freepik

 

 

 

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