जब आप ‘योग’ शब्द को देखते हैं तो आपके दिमाग में सबसे पहले क्या चीज आती है?
शायद यह कि योग एक फिजिकल एक्सरसाइज है या फिर सांसों का अभ्यास? यह आपके शरीर की धीमी एक्सरसाइज है या फिर योग की वह आकर्षक मुद्राएं जिन्हें आप अक्सर इंस्टाग्राम पर देखते हैं? काफी समय से जीवनशैली के इस प्राचीन रूप को वास्तविकता से परे गलत तरीके से देखा जाता है। मिथकों और गलतफहमियों से घिरे योग को समाज के सिर्फ कुछ खास वर्गों की जीवनशैली तक ही सीमित माना जाता रहा है। हालांकि, पश्चिमी देशों में इसकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते हाल के वर्षों में योग को नये नजरिये से देखा जा रहा है।
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सर्वा योगा, माइंडफुलनेस एंड बियोंड के को फाउंडर श्री सर्वेश शशि का कहना हैं कि ''योग एक संयोजन है। योग आसनों और श्व्सन क्रिया के माध्यम से दिमाग और शरीर का एक संयोजन है। इसका अभ्यास करने वालों के लिये योग के उनके इस सफर में ये दोनों चीजें बदलाव लाने के लिये एक साथ मिलकर काम करते हैं!'' आइए इस जीवनशैली को दो हिस्सों में बांटते हैं: मस्तिष्क और शरीर।
मस्तिष्क
हमारे रोजमर्रा के जीवन में हमारा सामना कई सारी चुनौतियों से होता है और उनमें से ज्यादातर चीजें हमें मानसिक रूप से प्रभावित करती हैं। दफ्तर में, अपने रिश्तों में, अपने व्यक्तिगत जीवन में, इस समाज का हिस्सा होने पर, हमें काफी सारे प्रेशर से होकर गुजरना पड़ता है! अपनी मानसिक सेहत को मापने का या हर दिन हम जिस तरह की परेशानियों से होकर गुजरते हैं, उसका कोई मापदंड नहीं होता है।
हम सबके लिये यह कहना सही रहता है कि हममें से हर किसी के बुरे दिन होते हैं और जीवन में हर उस बुरे दिन को जी लेते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या जीवन इसी तरह से जिया जाता है? इस धुंधलेपन में जहां पल सिर्फ गुजर जाते हैं? विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया था कि 2020 तक, दिल के रोग के साथ डिप्रेशन दूसरे नंबर पर खड़ा होगा। दुनियाभर की बीमारियों की सूची में दिल की बीमारी सबसे बड़ा हाथ है। डिप्रेशन और अन्य मानसिक समस्याओं की चौंका देने वाली वृद्धि से किस तरह निपटा जा सकता है? जिस सवाल की तलाश आपको है, उसका जवाब योग है। योग ने कई बार इस बात को साबित किया है कि यह दिमाग को शांत करता है, सकारात्मक बनाता है और इससे सुकून प्रदान करने वाला प्रभाव पड़ता है।
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हर पल यह हमें जीवंत महसूस कराने में मदद करने के लिये हाजिर है। यह नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास करने से प्राप्त होता है। ध्यान एक तरीका है आपकी जागरूकता को बढ़ाने और आपको माइंडफुल बनाने के लिये। जब आपकी इंद्रियां अपनी सबसे अच्छी अवस्था में होती है तो आप परिस्थितियों का सामना करते हैं और हर मुश्किल का हल प्रभावी रूप में करते हैं।
शरीर
एक बहुत बड़ी भ्रांति है कि लोगों का रुझान योग की तरफ इसलिये होता है क्योंकि यह धीमी गति से किया जाने वाला वर्कआउट है। दिमाग को शांति पहुंचाने के गुण के कारण लोगों को यह गलतफहमी हो जाती है कि यह वर्कआउट का धीमा और आराम से किया जाने वाला रूप है। अगर कोई लगातार सूर्यनमस्कार के राउंड करता है या पावर योगा के सेशन में शामिल होता है तो वह उपरोक्त बात से सहमत नहीं होगा।
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अपनी जीवनशैली में योग को शामिल करने से यह दिल की सेहत को बेहतर बनाने और वजन घटाने के लिए जाना जाता है तथा कई अन्य लाभ भी पहुंचाता है। इन आसनों का नियमित रूप से अभ्यास करने पर यह आपके जीवन की गुणवत्तान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है।
योग आसनों को अक्सर बिगनर, इंटरमीडिएट और एडवांस मुद्राओं में बांट दिया जाता है। जब आप योग का अभ्यास शुरू करते हैं तो आसन करने का भाव और आखिरकार उसमें सिद्ध होने पर आपको अत्यधिक खुशी और संतोष मिल सकता है। इस तरह की छोटी-छोटी उपलब्धियां आपके पूरे मनोबल को बढ़ाती हैं। योग आसन आपका मानसिक दायरा बढ़ाकर आपको अपने शरीर को अपनी सीमा से बाहर जाने के लिये प्रेरित और प्रोत्साहित करता है।
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''आप कौन हैं इस सवाल का जवाब जानने के लिये योग सबसे सही मौका होता है’’- जैसन क्रैंडल। मस्तिष्क तथा शरीर के दोगुने संयोजन के साथ, यह जीवनशैली आपको खुद को बेहतर समझने का अवसर देती है। आपको जीवन के उद्देश्य तथा खुशियों की तलाश में मदद करता है!
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