गलत खान-पान, एक्सरसाइज की कमी और बिगड़ते लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता हैं। इन्हीं बीमारियों में सबसे आम बीमारी डायबिटीज है, जो इन दिनों बेहद आम हो गई है और हर दूसरी महिला इससे परेशान नजर आती है। Tension और stress डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण है। बॉडी में इंसुलिन की कमी से डायबिटीज होती है और अगर इसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो विकराल रूप ले लेती है और बॉडी में अन्य बीमारियों जैसे हार्ट, किडनी, हाई ब्लड प्रेशर और आंखों की समस्या का कारण बन सकती है। International Yoga Day 2019 के मौके पर हमें इन बीमारियों के बारे में जागरूक होने के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के बारे में सोचना चाहिए।
ज्यादातर महिलाएं इस बात से अनजान हैं कि ये बीमारियां हमारी बॉडी धीमे जहर का काम करती हैं और धीरे-धीरे बॉडी पर अपना असर दिखाती है। इसलिए इन्हें कंट्रोल में करना बहुत जरूरी है। आप परेशान ना हो क्योंकि SPPC के आयुर्वेदिक डॉक्टर दुर्गा आज हमें इसे कंट्रोल में रखने वाले कुछ योगासन के बारे में बता रहे हैं। आइए जानें कौन से हैं ये आसान।
डॉक्टर दुर्गा के अनुसार,
'अपनी लाइफ स्टाइल और खाने-पीने की आदतों में बदलाव के साथ कुछ yoga poses की मदद से आप डायबिटीज को कंट्रोल कर सकती हैं। Yoga poses के प्रभाव से पैनिक्रियाज के beta cells तक ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, cells को ज्यादा oxygen मिलता है, और dead beta cells में नयी energy आती है ताकि ज्यादा इंसुलिन secretion हो सके। योगासनों से इंसुलिन की sensitivity भी बढ़ जाती है।'
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डॉक्टर दुर्गा का यह भी कहना है कि 'डेली लाइफ में योग करने से ब्लड में शुगर की मात्रा कम करके ना केवल डायबिटीज को कंट्रोल कर सकती हैं बल्कि लो ब्लड प्रेशर और वेट भी कंट्रोल करने में हेल्प मिलती है।' आइए Doctor Durga से ऐसे कुछ योगासन के बारे में जानें जो डायबिटीज में तो फायदा करती ही है साथ ही कई अन्य बीमारियों में भी आराम मिलता है।
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यह आसन डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ-साथ मन को शांत करने में भी मदद करता है। इसके अलावा अर्ध मत्स्येन्द्रासन पेट के अंगों की मसाज करता है, लंग्स में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है और रीढ़ की हड्डी में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है जिससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाता है। इस आसन को 1 मिनट के लिए करना चाहिए।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने का तरीका
इस आसन में शरीर का आकार हल जैसा बनता है। इससे इसे हलासन कहते हैं। हलासन हमारे शरीर को लचीला बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे हमारी रीढ़ सदा जवान बनी रहती है। साथ ही यह आसन थायराइड ग्रंथि, पैराथायराइड ग्रंथि, फेफड़ों और पेट के अंगों को उत्तेजित करता है जिससे ब्लज्ञ सुर्कलेशन सिर और चेहरों की और तेज हो जाता है। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है और हार्मोंन का स्तर कंट्रोल में रहता है।
हलासन करने का तरीका
डायबिटीज के लिए रामबाण इस आसन में शीर्ष का अर्थ सिर है। इस आसन में सिर के बल खड़ा होना पड़ता है इसलिए इसे शीर्षासन कहते हैं। इससे सिर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे याद्दशत बढ़ती है। यह आसन Endocrine glands को हेल्दी बनाए रखता है। यह pituitary gland एवं शीर्ष ग्रंथि के काम को बेहतर करते हुए डायबिटीज कंट्रोल करने वाला एक बेहतरीन योग है।
शीर्षासन करने का तरीका
कपालभाति पूरे बॉडी के संतुलन बनाता है, Endocrine glands को हेल्दी बनाए रखता है और pituitary gland को हॉर्मोन स्राव में मदद करता है। यह संचरण को बेहतर बनाकर, वैकल्पिक संकुचन में हेल्प कर निचली मसल्स को आराम देकर Pancreatic को संतुलित करता है। इसके अलावा धीरे धीरे सांस लेने और छोड़ने, ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा जाती है जिससे Blood Circulation सुधरता है। आइए जानें कि इस योग को कैसे किया जा सकता है।
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कपालभाति योग करने का तरीका
सेतुबंधासन डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, तनाव को कम करने और डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखने में हेल्प करता है। गर्दन और रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ-साथ यह आसन पीरियड्स में आने वाली समस्याओं से भी निजात दिलाता है।
सेतुबंधासन करने का तरीका
हमेशा खाली पेट ही इन योगासनों को करें।
ढीले, हल्के व आरामदायक कपड़े पहनें।
यदि शाम में आसन करना हो तो करीब 4 घंटे पहले से कुछ न खाएं।
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