हैप्पी बेबी पोज़ जिसे कुछ लोग आनंद बालासन के नाम से भी जानते हैं। इस पोज़ के नाम मात्र से चेहरे पर मुस्कान आना सुनिश्चित है। इसका नाम एकदम सही रखा गया है क्योंकि जब कोई इस मुद्रा में होता है तब वह एक बच्चे के समान दिखता है, जैसे एक बच्चा अपनी पीठ पर अपनी हाथों से अपने पैरों को पकड़े खुशी से लेटा होता है।
यह मुद्रा बहुत सुखदायक और आराम करने वाली है, आमतौर पर इसके कोमल, शांत और कई स्वास्थ्य लाभों के कारण तेज योग करने से पहले एक स्ट्रेच और विश्राम दिनचर्या के रूप में इस योग को किया जाता है। हैप्पी बेबी पोज़ करने के लिए अपेक्षाकृत आसान मुद्रा है और इसलिए इसे ज्यादातर सभी कर सकते हैं। लेकिन प्रेग्नेंट महिलाएं इस मुद्रा को करने से बचें और घुटने और गर्दन की चोट से परेशान लोग भी चिकित्सकों की सलाह से ही इस योगासन को करें। इन योगासन के बारे में हमें योगा मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरू और लाइफस्टाइल कोच ग्रैंड मास्टर अक्षर जी बता रहे हैं।
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इस मुद्रा से सबसे अधिक लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित जरूरतों पर विचार किया जाना चाहिए:
इस योग को करने से तनाव, चिंता और थकान को दूर करने में मदद मिलती है। इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर में तनाव और मन की चिंता को दूर करने में मदद मिलती है। यह शांत होने में मदद करता है और एक कायाकल्प की भावना का अनुभव कराता है।
हिप्स, थाईज के अंदर के हिस्से और कमर पर स्ट्रेच आता है। यह योग एक ऊर्जावान और आराम की भावना पैदा करने के लिए शरीर के टाइट अंगों को खोलने में मदद करता है, इन अंगों को खोलना रीढ़ और पीठ के लिए फायदेमंद होता है।
यह पोज स्ट्रेच करके रीढ़ को शांत करता है। जी हां रीढ़ की हड्डी के क्षेत्र में तनाव से राहत देते हुए मजबूत और लचीली पीठ के विकास में सहायता करता है।
इस योग को करने से हैमस्ट्रिंग को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है। यह मुद्रा हैमस्ट्रिंग को स्ट्रेच करने में उपयोगी है और किसी भी तरह के शारीरक तनाव के जोखिम को रोकता है और मसल्स को मजबूत करता है।
यह योग पीठ के निचले हिस्से में दर्द और तनाव से राहत दिलाता है। इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से पीठ के निचले हिस्से की मजबूती का समर्थन होता है और पीठ के निचले हिस्से में दर्द और अन्य तनावों की शुरुआत कम हो जाती है।
यह ब्रेन को शांत करनेमें मदद करता है। इस मुद्रा का नियमित अभ्यास मन को तनाव और तनाव से छुटकारा दिलाता है और भीतर सकारात्मक एनर्जी को सक्रिय करता है और एक शांत और सुखदायक अनुभव प्रदान करता है।
हेल्दी डाइजेस्टिव सिस्टम एक समग्र अच्छे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और इस मुद्रा का अभ्यास पेट को धीरे से मालिश करके, अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने और उपभोग किए गए भोजन से पोषक तत्वों के उचित अवशोषण को बढ़ावा देकर डाइजेस्टिव सिस्टम को एक्विट करता है।
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सेक्रम (कमर के पीछे की तिकोने हड्डी) रीढ़ और ऊपरी शरीर को सहारा देकर श्रोणि को मजबूत और स्थिर करता है। यह मुद्रा ऊपरी और निचले शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सेक्रम को आराम देती है।
आप भी इस योगासन को रोजाना करके हेल्थ से जुड़े कई फायदे पा सकती हैं। साथ ही तनाव के कम और रीढ़ के मजबूत होने से आप लंबे समय तक जवां दिखाई देती है। फिटनेस से जुड़ी ऐसी ही और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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