महिलाओं के फैशन में काफी तेज़ी से बदलाव आया है और कपड़ों के स्टाइल हमेशा बदले हैं। एक चीज़ जो 1800 के दशक से कॉमन रही है और महिलाओं और पुरुषों दोनों के ही लिए समान है वो है जीन्स। जीन्स का इस्तेमाल 1800 के दशक से किया जा रहा है और 1829 में जब से लेविस कंपनी ने छोटे-छोटे पॉकेट बटन्स लगाने शुरू किए थे तब से ही जीन्स की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि अब वो हर किसी के वॉर्डरोब का एक अहम हिस्सा बन गई है।
जीन्स की बात करें तो इतनी कॉमन चीज़ से जुड़ी कई बातें हैं जिन्हें हम नहीं जानते हैं। इनमें से एक है जीन्स के पीछे होने वाला गैप। अधिकतर ये महिलाओं की जीन्स में दिखता है और ऐसा लगता है जैसे बिना बेल्ट के ये गैप और बढ़ता या घटता है। पर क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि ऐसा होता क्यों है?
तो चलिए आज जीन्स के बारे में ही थोड़ी बात कर लेते हैं और आपको ये बताते हैं कि महिलाओं की जीन्स पुरुषों के मुकाबले इतनी अलग क्यों होती है।
इसके पीछे का सीधा सा लॉजिक है महिलाओं के फिगर से जुड़ा। पहले के जमाने में जहां कस्टम मेड कपड़े बनते थे तब इसे लेकर इतनी परेशानी नहीं होती थी, लेकिन अब जब सब कुछ एक लॉट में बनता है तो अलग-अलग बॉडी टाइप के लिए एक ही पैमाने पर कपड़े डिजाइन किए जाते हैं।
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दरअसल, जीन्स में हिप्स और कमर के साइज में थोड़ा तो अंतर होता है, लेकिन इसे बनाया एवरेज कमर के हिसाब से जाता है। जैसे 32 इंच हिप साइज है तो 26 इंच तक कमर हो सकती है, लेकिन अलग-अलग बॉडी टाइप के कारण कमर कई बार ढीली नजर आती है। ये ऐसे दिखती है जैसे पीछे की ओर गैप आ गया हो।
पुरुषों की जीन्स की बनावट ऐसी होती है जिससे उनका हिप एरिया बहुत ज्यादा सुडौल न लगे और बैक और फ्रंट में थोड़ी स्पेस रहे, लेकिन महिलाओं की जीन्स में हिप्स को फिगर हगिंग बनाने की कोशिश की जाती है और इसलिए कमर और हिप्स का मेजरमेंट और ज्यादा बदल जाता है। यही कारण है कि पीछे की ओर से गैप दिखने लगता है।
महिलाओं की जीन्स में बॉडी टाइप में हिप्स और कमर का अंतर 10 इंच तक भी हो सकता है। कुछ समय पहले लेविस ने ही इलास्टिक बैंड वाली जीन्स निकाली थी जो कमर में भी परफेक्ट फिट होती थी। इसके बाद जॉगर्स का चलन बढ़ा और पीछे दिखने वाले इस गैप की समस्या को स्टाइल से बदला गया।
पर हाई वेस्ट जीन्स में तो ये समस्या और ज्यादा दिखती है। ऐसे में अगर किसी जीन्स की फिटिंग अच्छी है तो आप बेल्ट लगाकर उसे कवर कर सकती हैं।
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महिलाओं और पुरुषों की जीन्स की बात करें तो और भी कई अंतर दिखेंगे, जैसे-
महिलाओं की जीन्स में जिपर छोटा होता है। महिलाओं को पुरुषों की तरह जिपर की जरूरत नहीं होती, लेकिन ये मौजूद होता है क्योंकि महिलाओं का हिप साइज पुरुषों की तुलना में बड़ा होता है और ये जिपर उन्हें जीन्स ठीक से पहनने में मदद करता है। अगर ये नहीं होगा तो हिप एरिया में जीन्स को चढ़ाना लगभग नामुमकिन सा होगा और अगर इसमें हमेशा इलास्टिक लगा दी जाएगी तो हिप एरिया में वो शेप नहीं दिखेगा जैसा फिटिंग वाली जीन्स में दिखता है।
महिलाओं की जीन्स में पॉकेट भी छोटे होते हैं। ये ज्यादातर सिर्फ फैशन के लिए होते हैं और ऐसा पहले से ही चला आ रहा है। आखिर क्यों इस तरह से बनाया जाता है उसके पीछे भी एक कारण है। इसका कारण बहुत ही डिटेल में इस स्टोरी में समझाया गया है। (महिलाओं की जीन्स में इसलिए नहीं होते गहरे पॉकेट्स)
महिलाओं की जीन्स की लेंथ भी पुरुषों के मुकाबले 1-2 इंच कम ही होती है। ये भी उनके फिगर और हाइट के आधार पर ही किया जाता है। हालांकि, कुछ ब्रांड्स जीन्स में ज्यादा लंबाई रखते हैं, लेकिन उनका पेल्विक एरिया हमेशा छोटा ही रहता है। ऐसे में कई बार लंबी लड़कियों को जीन्स की फिटिंग के लिए थोड़ी समस्या हो जाती है।
तो ये थे महिलाओं की जीन्स से जुड़े कुछ फैक्ट्स जिनके बारे में आपको शायद पता नहीं होगा। इसके अलावा, जीन्स की पॉकेट्स में लगे छोटे-छोटे बटन्स की कहानी भी बहुत दिलचस्प है जो आपको इस लिंक पर क्लिक करके पता चल जाएगी। (आखिर क्यों जीन्स की पॉकेट पर होते हैं छोटे बटन)
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