कांजीवरम साड़ियां दक्षिण भारत से संबंधित हैं। कांजीवरम साड़ी का ताल्लुक तमिलनाडु में कांचीपुरम से है। इसकी विशेषता मुगल-प्रेरित डिजाइन है जैसे कि जटिल इंटरलीनिंग फ्लोरल और फोलेट मोटिफ्स और बेल, ऊपर की ओर पत्तियों वाला डिजाइन जिसे झालर कहते है। अपने डिजाइन और पैटर्न की गहनता के आधार पर एक साड़ी को बनाने में 15 दिन से एक महीने तक और कभी-कभी तो छह महीने तक का समय लगता है। साथ ही, इसकी क्वालिटी और धागों के डिजाइन के अनुसार इसकी कीमत भी निर्धारित होती है।
कांजीवरम साड़ी आपके वॉर्डरोब की महंगी साड़ियों में से एक होती है। कुछ साड़ियां महिलाओं के वॉर्डरोब का मुख्य हिस्सा होती हैं, जिसमें कांजीवरम साड़ी भी शामिल है। लेकिन आजकल बाजारों में असली के नाम पर नकली कांजीवरम साड़ी बेची जा रही हैं। महिलाएं उसी कीमत पर नकली साड़ियां खरीद भी लेती हैं क्योंकि उन्हें पता ही नहीं चल पता कि कांजीवरम साड़ी असली है या नकली है। लेकिन अब आप नीचे बताए गए टिप्स से आसानी से पता लगा सकती हैं कि कांजीवरम साड़ी असली है या फिर निकली, कैसे आइए जानते हैं।
फैब्रिक से पहचानें
कांजीवरम साड़ी असली है या नकली इस बात का पता आप साड़ी के फैब्रिक से भी लगा सकती हैं। क्योंकि कांजीवरम साड़ी का फैब्रिक अगर असली होगा तो वो दिखने में चमकदार होगा। (साड़ी पहनने की हैं शौकीन, तो जान लें तरह-तरह के फैब्रिक्स के बारे में) कांजीवरम साड़ी को जांचने के लिए उसकी जरी को खुरच कर देखें। अगर उसके नीचे लाल सिल्क निकले तो इसका मतलब है कि आपकी कांजीवरम साड़ी असली है।
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वजन से करें चेक
बहुत-सी महिलाओं को यह भ्रम होगा कि कांजीवरम साड़ी अपने डिजाइन की वजह से भारी होती है। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि कांजीवरम साड़ी हमेशा वजन में हल्की होती है। (खरीदना चाहती हैं बंगाल की फेमस तांत की साड़ी तो ध्यान रखें ये खास बातें) इसका डिजाइन असली और अच्छे माल से तैयार किया जाता है। इसलिए जब भी आप बाजार से कांजीवरम साड़ी खरीदने जाएं, तो साड़ी के वजन पर भी खास ध्यान दें।
जरी को करें चेक
आज कांजीवरम साड़ीकी असली और नकली की पहचान जरी से भी की जा सकती है। इसके लिए साड़ी में जरी के ढीले सिरे को देखें कि जरी को खींचने पर अगर रेशम का धागा लाल नहीं बल्कि सफेद या किसी अन्य रंग का है, तो समझ जाएं कि जो आप साड़ी खरीद रही हैं वह असली कांजीवरम रेशम की साड़ी नहीं है। क्योंकि शुद्ध जरी लाल रेशमी धागे से बनी होती है, जिसे चांदी के धागे से घुमाया जाता है और फिर 22 कैरेट शुद्ध सोने में डुबोया जाता है।
धागे को जलाकर देखें
इसके अलावा, आप साड़ी की पहचान उसके धागे को जलाकर कर सकते हैं। इसके लिए आप ताने और बाने से कुछ धागे निकाल लें और धागों के सिरे पर आग लगा दें। जब आग बंद हो जाए, तो आपको राख का एक गोला पीछे छूटा हुआ मिलेगा। इस गेंद को अपने हाथ में लें और इसे सूंघने के लिए रगड़ें। आपको जले हुए बालों या जले हुए चमड़े की गंध जैसी गंध आएगी।
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अगर ऐसा है, तो आप असली कांजीवरम सिल्क साड़ी खरीद रहे हैं। अगर साड़ी को कृत्रिम रेशों का उपयोग करके बनाया गया है, तो जलने पर कोई राख नहीं होगी। आप ऐसे रेशों को जलाने पर एक चमक देखेंगे जो आम है। ऐसे में बालों के जलने की गंध नहीं आएगी।
इन तरीकों से आप अपनी साड़ी की पहचान कर सकते हैं। यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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