करियर में इन लर्निंग से कम समय में बेहिसाब सफलता मिल सकती है। यह निश्चित रूप से संभव है, लेकिन इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। सबसे पहले, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप जिस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उसमें आपकी रुचि और प्रतिभा हो। अगर आप किसी क्षेत्र में रुचि नहीं रखते हैं, तो आपको सफल होने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आप इन आसान तरीकों से करियर में गोल सेट कर सकते हैं और लर्निंग हासिल कर सकते हैं।
कैरियर काउंसलर सौरभ नंदा के मुताबिक कृत्रिम मेधा ने मशीनी दुनिया को एक नई पहचान दी है। इसके नए-नए आविष्कारों से लोगों को न सिर्फ सहूलियत मिल रही हैं, बल्कि तकनीकी विकास से हाल के दौर में इससे जुड़े क्षेत्र युवाओं में भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। आज युवा मशीन लर्निंग व डीप लर्निंग की बात कर रहे हैं। मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम मेधा का एक भाग है। वहीं डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग का एक भाग होने के साथ एक मल्टी न्यूरल नेटवर्क भी है, जो मस्तिष्क की संरचना और कार्य से प्रेरित होता है और उसे मशीन में उतारने की कोशिश करता है।
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डीप लर्निंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आप 12वीं साइंस स्ट्रीम से करने के बाद जेईई मेन, जेईई एडवांस्ड जैसी प्रवेश परीक्षाएं देकर बीटेक और बी ई ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। स्नातक करने के बाद अगर आप इस क्षेत्र में अपने नॉलेज के लेवल को बढ़ाना चाहते हैं, तो पोस्ट ग्रेजुएशन में प्रवेश के लिए गेट परीक्षा देकर एमटेक और एम ई कर सकते हैं।
डीप लर्निंग के क्षेत्र में अपनी योग्यता को बढ़ाने के लिए आप ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से पीजी में मशीन लर्निंग एंड बिग डाटा एनालिटिक्स, बिग डाटा आदि सब्जेक्ट में सर्टिफिकेट कोर्स कर के अपने करियर को शेप दे सकते हैं। ये सर्टिफिकेट कोर्स न केवल आपकी योग्यता को बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि इस क्षेत्र में आपको प्रैक्टिकल स्किल्स भी दिलाएंगे।
अगर आप डीप लर्निंग के क्षेत्र में अभी शुरुआती पड़ाव पर हैं, तो ऐसी कंपनियों की तलाश करें, जहां आप बतौर इंटर्न के तौर पर न्यूरल नेटवर्क, डाटा विश्लेषण और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में कार्य करके अपना अनुभव बढ़ा सकते हैं। इंटर्नशिप के साथ-साथ नेटवर्किंग में सक्रिय रहें, मजबूत ऑनलाइन मौजूदगी बनाएं और काम के क्षेत्र में अपने स्किल्स और क्रिएटिविटी को भी समय-समय पर अपने मैनेजर के सामने प्रजेंट करें। उन कंपनियों को तलाशें जहां न्यूरल नेटवर्क और मशीन लर्निंग में इंटर्नशिप की जा सकती हो। इससे आप अपनी प्लानिंग को आसानी से इंप्लिमेंट कर पाएंगे।
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डीप लर्निंग इंजीनियर बनने के लिए आपके पास औपचारिक शैक्षिक योग्यताओं के अलावा इस क्षेत्र से संबंधित कौशल का होना भी अनिवार्य है। आपको क्लाउड कंप्यूटिंग का ज्ञान, एल्गोरिदम की समझ और पाइथन, जावा, जावा स्क्रिप्ट जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज का ज्ञान होना बेहद जरूरी है।
एक डीप लर्निंग इंजीनियर के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मौजूद हैं, जिनमें सेवाएं शामिल हैं। वहीं, कैरियर काउंसलर शमा खान का मानना है कि सफल करियर बनाने के लिए अलग-अलग अनुभव लेना, उन्हें समझना और उन अनुभवों से अपने आपको सही रास्ता दिखाना बहुत जरूरी होता है।
सैलरी पैकेज की बात की जाए, तो एक जूनियर डीप लर्निंग इंजीनियर प्रतिमाह लगभग 50 हजार रुपये और सीनियर डीप लर्निंग इंजीनियर प्रतिमाह लगभग 80 हजार रुपये तक कमा सकता है।
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