पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (PTM) यानी अभिभावक-शिक्षक बैठक, माता-पिता और शिक्षक के बीच एक बैठक होती है, जिसमें बच्चे की सीखने और प्रगति के बारे में बातचीत की जाती है। इस बैठक का मकसद, माता-पिता और शिक्षक के बीच मिलकर काम करना होता है, ताकि बच्चे के शैक्षणिक और सह-शैक्षणिक विकास में मदद मिल सके। इस बैठक में, शिक्षक और माता-पिता आपस में ये बातें कर सकते हैं।
बच्चे की उपलब्धियों पर सकारात्मक टिप्पणियां
- एकेडमिक परफॉर्मेंस और व्यवहार पर चर्चा
- किसी भी चिंता को दूर करना
- सुधार के लिए स्ट्रैटिजी बनाना
- माता-पिता को अपनी अंतर्दृष्टि और सुझाव साझा करना
- बच्चे की परीक्षा की तैयारी
- बच्चे का ओवरऑल व्यवहार
- बच्चे की कमजोरियों को दूर करने की कोशिश करना
- बच्चे की ग्रोथ के लिए शिक्षक की मदद लेना

कैरियर काउंसलर शमा खान के मुताबिक माता-पिता और शिक्षक के बीच इन बातों का ध्यान रखना चाहिए कि क्या बच्चा क्लास एक्टिविटी में अच्छे से पार्टिसिपेशन लेता है या नहीं। अपने क्लास के बच्चों की केयरिंग करता है या नहीं। अपने टीचर से खुल कर बात करता है या घबराता है। अपने दोस्तों से अपनी चीजें शेयर करता है, जैसे फूड आइटम्स या स्टडी मटेरियल या फिर बच्चों को देने के डर सें छुपा लेता है। किसी बात के अनबन होने पर बच्चा क्लास में फाइट करता है या फाइट बैक करता है या फिर टीचर से कंप्लेंट करता है। ग्रुप एक्टिविटी में इसका कितना इंवॉल्वमेंट होता हौ। स्पोर्ट करता है,लीड करता है या फिर दूसरों पर डिपेंडेंट रहता है।
कुछ ऐसे सवाल, जिनके जवाब आपको मिलने चाहिए
- क्या आपका बच्चा कक्षा में भाग लेता है और सवाल पूछता है?
- क्या वह अन्य बच्चों के साथ सहयोग करता है?
- क्या वह शिक्षक के निर्देशों का पालन करता है?
- क्या वह अपनी बात को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकता है?
- क्या वह नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक है?
- क्या वह अपनी गलतियों से सीखता है?

पेरेंट्स भी अपने सवालों को शेयर कर सकते हैं
PTM के दौरान, शिक्षक माता-पिता को कक्षा में बच्चे के प्रदर्शन के बारे में जरूरी जानकारी देते हैं और उनकी सीखने की क्षमता को मजबूत करने के लिए रणनीतियां सुझाते हैं। वहीं, माता-पिता भी अपनी चिंताओं या सवालों को शेयर कर सकते हैं। इस तरह, दोनों तरफ से बातचीत करने से यह सुनिश्चित होता है कि दोनों एक ही पन्ने पर हों और बच्चे की पढ़ाई में साथ मिलकर काम कर सकें। ज़्यादातर स्कूलों में, फाइनल एग्जाम से पहले PTM आयोजित की जाती है। हालांकि, कुछ स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र से हर महीने भी PTM का आयोजन किया जाता है।
पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) में टीचर से ये सवाल पूछे जा सकते हैं
- बच्चा स्कूल में कैसा महसूस करता है?
- बच्चा टीचर और क्लासमेट्स के साथ कैसा व्यवहार करता है?
- बच्चा अपने दोस्तों के साथ कैसा व्यवहार करता है?
- बच्चा कक्षा में ध्यान देता है या नहीं?
- बच्चा कक्षा में पहल करता है या नहीं?
- बच्चा किसी विषय में तेज है या कमजोर?
- बच्चा होमवर्क करने में कितना समय लगाता है?
- बच्चे को घर पर किसी विषय में ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है या नहीं?
- बच्चे को स्कूल, टीचर, या क्लासमेट्स को लेकर कोई चिंता है या नहीं?
- बच्चे की ग्रोथ के लिए टीचर किस तरह से मदद कर सकते हैं?
- अगर बच्चे को कोई एक्टिविटी पसंद है, तो उसके बारे में टीचर से जानकारी ली जा सकती है?

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अगर बच्चे का स्कूल में व्यवहार अच्छा नहीं है, तो हो सकता है कि उसे कोई परेशानी हो। जैसे, अगर बच्चा घर पर खुश रहता है, लेकिन स्कूल में शांत और चुप-चुप रहता है। इसी तरह, अगर बच्चा किसी विषय में कमजोर है, तो समय रहते उसकी मदद की जा सकती है, ताकि उसकी रुचि पढ़ाई में बढ़ सके।
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