जेआरएफ यानी जूनियर रिसर्च फेलोशिप और एसआरएफ यानी सीनियर रिसर्च फेलोशिप दोनों ही भारत में पीएचडी करने वाले अभ्यर्थियों को मिलता है। जानकारी के लिए बता दें कि JRF रिसर्च छेत्र में करियर की शुरुआत करने वालों के लिए होता है। वहीं, इसमें जो कैंडिडेट दो साल पूरी कर लेते हैं, उन्हें SRF में प्रमोट कर दिया जाता है। फिर, भी कई लोग इन दोनों फेलोशिप में कई बार कंफ्यूज हो जाते हैं। ऐस में, अगर आपको भी जेआरएफ और एसआरएफ को समझने में दिक्कत होती है, तो चलिए आज हम आपको इन दोनों के बीच का फर्क आसान भाषा में समझाते हैं।
जेआरएफ और एसआरएफ में क्या है अंतर?
योग्यताओं में फर्क
जेआरएफ उन्हें ही मिलता है, जो यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण होने के साथ अच्छे रैंक होल्डर होते हैं। इसके लिए न्यूनतम 55% अंकों के साथ मास्टर डिग्री होना आवश्यक होता है। साथ ही, जेआरएफ सिर्फ वही कैंडिडेट को मिलता है, जिनकी उम्र 30 वर्ष से अधिक नहीं होती है।
वहीं, बात एसआरएफ की करें तो यह जेआरएफ के रूप में दो साल की शोध अवधि पूरी करने के बाद कैंडिडेट को मिलता है। यानी जो अभ्यर्थी जेआरएफ के साथ पीएचडी की डिग्री में दो साल पूरी कर लिए हैं, उन्हें ही SRF के रूप में प्रमोट कर दिया जाता है। इसके लिए उम्मीदवार की आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इसे भी पढ़ें-पहली बार में ही क्वालीफाई करना चाहते हैं UGC NET, तो इन टिप्स को फॉलो करें
JRF और SRF की अवधि में अंतर
जेआरएफ अधिकतम 5 वर्षों की अवधि होती है, जिसके पहले दो वर्षों में, पीएचडी शोध पर काम करना होता है। बाद के तीन वर्षों में, उन्हें सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने का अवसर मिल सकता है।
वहीं, एसआरएफ के लिए अधिकतम 3 वर्षों की अवधि तय की गई है। एसआरएफ को अपने पीएचडी शोध या पोस्ट-डॉक्टोरल शोध पर काम करना होता है।
इसे भी पढ़ें-अब 4 साल के स्नातक डिग्री वाले भी नेट परीक्षा देकर सीधा ले सकते हैं PhD में प्रवेश, बस पूरी करनी होगी ये शर्त
JRF और SRF को कितना मिलता है फेलोशिप?
जेआरएफ और एसआरएफ के मासिक स्टाइपेंड में बड़ा अंतर होता है। जेआरएफ कैंडिडेट को प्रति माह 31,000 रुपये और कुछ अतिरिक्त भत्ते भी प्रदान किए जाते हैं, जैसे कि आकस्मिकता भत्ता, यात्रा भत्ता आदि। वहीं, एसआरएफ को 35,000 रुपये प्रति माह मिलने के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त भत्ते भी प्रदान किए जाते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप चाहें तो यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं।
इसे भी पढ़ें-असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए क्यों जरूरी है UGC NET, जानें कब किया गया लागू?
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
Image credit- Herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों