B.Ed, BTC and ITEP Differences: भारत में सरकारी स्कूल का शिक्षक बनने के उम्मीदवारों को बी.एड, बीटीसी और आईटीईपी जैसे कोर्स करना अनिवार्य है। शिक्षक प्रशिक्षण के लिए बी.एड और डीएलएड दो मुख्य विकल्प हैं। हालांकि, इनमें अब ITEP कोर्स भी जुड़ चुका है। जानकारी के लिए बता दें कि डीएलएड को पहले बीटीसी कहा जाता था।
ITEP यानी इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम, जिसे साल 2023 से महत्व दिया जा रहा है। ऐसे में, अब लोगों का सवाल यह उठता है कि आखिर गवर्नमेंट स्कूल में टीचर बनने के लिए इन तीनों में से कौन सा कोर्स करना ज्यादा सही होगा। सही कोर्स का चुनाव किस आधार पर कर सकते हैं, आइए इन कोर्सेस के बीच के अंतर के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) 2 साल का शिक्षक प्रशिक्षण डिग्री कोर्स है। इसके लिए उम्मीदवार को स्नातक (BA, B.Sc, B.Com आदि) में कम से कम 50% अंक प्राप्त करने आवश्यक हैं। बी.एड करने के बाद उम्मीदवार कक्षा 6 से 12 तक के लिए शिक्षक बनने के पात्र होते हैं।
वहीं, DElEd (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है, जिसे 12वीं के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स के लिए न्यूनतम 50% अंकों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है। डीएलएड करने के बाद उम्मीदवार कक्षा 1 से 5 तक के लिए प्राथमिक शिक्षक बनने के योग्य होते हैं।
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जबकि, ITEP की करें तो यह शिक्षक बनने के लिए नया विकल्प है, जो 4 वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम है। 12वीं के बाद उम्मीदवार इस कोर्स में प्रवेश लेकर BA+B.Ed या B.Sc+B.Ed कर सकते हैं। इस कोर्स को 2030 तक सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य किए जाने की योजना है। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत इस कोर्स को प्राथमिकता दी जा रही है। ITEP कोर्स करने के बाद, उम्मीदवार कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए योग्य मानें जाएंगे।
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शिक्षक बनने के लिए सही कोर्स चुनना बेहद महत्वपूर्ण है। DElEd प्राइमरी टीचिंग के लिए, B.Ed सेकेंडरी टीचिंग के लिए बेहतरीन कोर्स है। इसके अलावा, ITEP भविष्य की भर्ती प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभाने वाला कोर्स बनने जा रहा है। साल 2030 के बाद, ITEP शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य हो सकता है, इसलिए 12वीं के बाद शिक्षक बनने की सोच रहे उम्मीदवारों के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। अगर आप कक्षा 1 से 5 तक का शिक्षक बनना चाहते हैं, तो DElEd आपके लिए बेस्ट ऑप्शन होगा। वहीं अगर आप सेकेंडरी टीचिंग यानी कक्षा 6 से 12 वीं तक का शिक्षक बनने की चाहत रखते हैं, तो इसके लिए आपको B.Ed कोर्स करना अनिवार्य है।
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