बोर्ड एक्ज़ाम जल्द ही शुरू होने वाले हैं। इसको लेकर बच्चों में कम उनके अभिभावक, स्कूल के शिक्षक और ट्यूशन टीचर के ऊपर ज्यादा प्रेशर है। खासकर मम्मियां बच्चों से ज्यादा परेशान हो रही हैं और बच्चों से ज्यादा खुद पढ़ाई कर रही हैं ताकि वे अपने बच्चे को एक्ज़ाम की तैयारी अच्छे से करा सके। तो क्या आप भी अपने बच्चे या छोटे भाई-बहनों की परीक्षाओं को लेकर परेशान होंगी? अगर हां तो, पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने ‘परीक्षा पर चर्चा’ के दौरान बच्चों को स्ट्रेस फी रहने के जो टिप्स दिए हैं वो आपको भी फॉलो करने चाहिए।
पिछले दिनों दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड देने वाले छात्रों के लिए ‘परीक्षा पर चर्चा’ आयोजित करवाई थी। इस कार्यक्रम की शुरुआत ये कहते हुए की कि, 'आज आप भारत के प्रधानमंत्री से नहीं बल्कि अपने दोस्त से बात कर रहे हैं।' इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बहुत सारी जरूरी बातें कीं जो हर बच्चे औऱ उनके अभिभावकों के लिए अच्छी साबित हो सकती हैं। ये रही जरूरी बातें।
अगर जिदंगी में कुछ करना चाहते हैं तो अपने अंदर के विद्यार्थी को कभी भी मरने ना दें। अगर भीतर का विद्यार्थी जीवन भर जीता है तो वह जीने और कुछ करने की प्रेरणा भी देता है।
ये टिप्स हर उन मम्मियों के लिए है जो हर बात में अपने बच्चे को इस बात की दुहाई देती हैं कि अच्छे से पढ़ ले नहीं तो फर्स्ट डीविजन नहीं ला पाओगे। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि स्कूल जाते समय मन में से ये निकाल दें कि कोई आपका एग्जाम ले रहा है, कोई अंक देने वाला है, आप ये सोचिए आप खुद अपना भविष्य बना रहे हैं।
अक्सर मां-बाप बच्चों को पढ़ने के लिए बोलते समय पड़ोस के बच्चे से तुलना कर देते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। किसी भी बच्चे की दूसरे बच्चे से तुलना नहीं करनी चाहिए। पीएम मोदी ने भी यही बात कही। उन्होंने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा, स्वामी विवेकानंद कहा करते थे कि अपने आप को कम मत मानो। वे आत्मविश्वास जगाने की बात किया करते थे। दूसरों से नहीं, बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करें।
उन्होंने यहां के बच्चों को बॉर्न पॉलिटिशियन कहा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत का बच्चा जन्मजात पॉलिटिशियन होता है। संयुक्त परिवार में पलकर वह स्थितियों को भांपकर अपने बड़ों से अपनी बात मनवा लेता है।
एक्ज़ाम पर बात करते हुए पीएम मोदी ने बच्चों से परीक्षा का तनाव ना लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा, जबरदस्ती कुछ ना करें। जो अच्छा लगता है वो करें। हर वक्त करियर और परीक्षा की टेंशन ठीक नहीं है।
इसलिए एक्ज़ाम का स्ट्रेस ना लें और खुद का जो मन करे वो पढ़ें।
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