शहरीकरण के इस दौर में वूमेन इश्यू पर जितनी बातें हो रही हैं उससे ज्यादा वूमेन के खिलाफ अपराध हो रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि इन अपराधों के बारे में खुद लड़कियों को ही नहीं मालूम होती है। मतलब कि कई बार लड़कियों को ही नहीं मालूम होता है कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है। इसी के प्रति जागरुकता लाने के लिए इस बार गर्मियों में लखनऊ के स्कूलों में लड़कियों के लिए ‘वूमेन एम्पावर ह्यूमेनिटीज’ की क्लासेस दी जाएंगी।
इसके अलावा आज भी हमारे स्कूलों में लड़के-लड़कियां अलग-अलग बैठते हैं। खेलते अलग हैं। जेंडर गेप से रिलेटेड बातें इस सेमिनार में की जाएंगी।
जूलाई में चलेंगी क्लासेस
ये क्लासेस 1 से 15 जूलाई तक लखनऊ के स्कूलों में चलेंगी। हाई स्कूल की लड़कियों को एक प्लेटफॉर्म दिया जाएगा जहां वे “इंटरडिसिपिलनरी आउटलुक” को डेवलप कर सकेंगी। ये इंटरडिसिपिलनरी क्लासेस वूमेन इश्यूज़ से रिलेटेड होंगी। इन क्लासेस में ह्यूमेनिटीज के बारे में पढ़ाया जाएगा। इस दो सप्ताह के सेमिनार में मानविकी के बारे में पढ़ाया जाएगा।
बाहर के स्कोलर्स आएंगे पढ़ाने
इस सेमिनार में ग्लोबल स्कोलर लेकचर देने वाले हैं। प्रतिभागियों को शिक्षित करने के लिए दुनिया भर के विद्वानों को इस सेमिनार के लिए इंवाइट किया गया है। ये स्कोलर्स शास्त्रीय अध्ययन, कला, दर्शन, संगीत, भाषा, साहित्य और राजनीति में जेंडर इश्यू के बारे में पढ़ाएंगे। आज के डेट में हर क्षेत्र में जेंडर गेप देखने को मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमें बचपन से ही इसके बारे में बताया जाता है। ये स्कोरलर्स इसी जेंडर गेप के बारे में बच्चियों को सिखाएंगे। इसके अलावा इस कार्यक्रम में नैतिकता का भी पाठ पढ़ाया जाएगा।
डेनसन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर Hosna Sheikholeslami और Mariana Saavdera-Espinosa इस सेमिनार में लेकचर देने वाली हैं।
पंथालासा करने वाला यह कार्यक्रम आयोजित
यह कार्यक्रम पंथालासा आयोजित करने वाला है जो कि एक नॉन-प्रोफिट ऑर्गनाइजेशन है। पंथालासा की फाउंडर और सीईओ मृणालिनी मित्रा कहती हैं कि इस प्रोग्राम का सारा खर्चा यूएसए की डेनसन यूनिवर्सिटी के सहयोग से पंथालासा उठाएगी। जिसमें क्लास मटेरियल, ब्रंच (ब्रेकफास्ट और लंच साथ में) और प्रोग्राम के शुरू होने का खर्चा और फाइनल डे का सेलीब्रेशन शामिल है।
आगे उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में आयोजित किया जाएगा। जो भी बच्चे इस कार्यक्रम में अच्छे ग्रेड हासिल करेंगे उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा।”
बच्चों को दिए जाएंगे प्रोजेक्ट
इस कार्यक्रम में बच्चों को प्रोजेक्ट बनाने के लिए दिए जाएंगे। दरअसल बच्चों से उम्मीद की जाएगी वे इस पूरे कार्यक्रम का एक जर्नल तैयार करें और अंत में एक फाइनल वाला प्रोजक्ट बनाएं। मित्रा कहती हैं, “यह प्रोजेक्ट सेमिनार में दिए गए लेकचर्स पर आधारित होगा। छात्रों को पढ़ने और लिखने की कला और शोध कौशल का प्रदर्शन करने में सक्षम होना चाहिए।”
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