Budget 2024: केंद्र सरकार हर साल संसद में बजट पेश करती है। इसके माध्यम से वित्त वर्ष के दौरान होने वाली आय और व्यय का ब्यौरा तय किया जाता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो सरकार देश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे- उद्योग, विनिर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि में विकास के साथ इसमें आने वाले खर्चों का भी अनुमान लगाती है। भारत में बजट तैयार करने के लिए वित्त मंत्रालय के साध नीति आयोग और खर्च से जुड़े मिनिस्टर्स शामिल होते हैं। भले ही इसे पेश करने की तारीख तय है। लेकिन बजट को बनाने में कई महीने लग जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं इसे कैसे तैयार किया जाता है और संविधान में बजट की जिक्र कहां है। अगर नहीं, तो यहां जानिए इससे जुड़े सारे सवालों के जवब।
भारत में बजट कौन तैयार करता है? (Who Prepare The Indian Budget)
भारत का बजट तैयार करने में काफी समय लगता है। इसे बनाने के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री के साथ नीति आयोग और खर्च से जुड़े मंत्रालय शामिल होते हैं। इन सभी मंत्रालय की मदद से वित्त मंत्रालय एक प्रस्ताव तैयार करता है। फिर, वित्त मंत्रालय के अंदर आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग का बजट सेक्शन आगे की प्रक्रि को करते हैं।
बजट तैयार करने की प्रक्रिया क्या है
- बजट सेक्शन इसके लिए सबसे पहले सभी मंत्रालयों जैसे- केंद्र, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त संस्थानों, विभागों और सैन्यबलों को एक सर्कुलर जारी करता है, जिसमें उन्हें आगामी साल के लिए खर्चों का आकलन तैयार करने को कहा जाता है। सभी की मांगें रखने के बाद वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग सभी केंद्रीय मंत्रालयों से डिस्कशन करते हैं।
- इसके अलावा, आर्थिक मामलों के विभाग और राजस्व विभाग किसानों, अर्थशास्त्रियों, व्यापारियों, सिविल सोसाइटी संस्थानों से बजट को लेकर नजरिया पेश करने की मांग करते हैं, जिसे प्री बजट डिस्कशन कहा जाता है। इसके बाद वित्त मंत्री ही टैक्स से जुड़ा अंतिम फैसला लेते हैं और बजट के फाइनल होने से पहले सारे प्रस्तावों के बारे में प्रधानमंत्री से चर्चा की जाती है। साथ ही उन्हें आगामी फैसलों के बारे में भी बताया जाता है।(आइए जानते हैं हर साल पेश होने वाले आम बजट के बारे में ये 10 रोचक बातें)
- आखिर में, वित्त मंत्रालय बजट तय करने के लिए इनसे जुड़े सभी विभागों से आमदनी और खर्च की रसीद की मांग करता है। इन आंकड़ों से अगले साल की कमाई और खर्चों की योजना को तैयार किया जाता है। बता दें, सरकार बजट को पूरी तरह से कंप्लीट करने के लिए एक बार फिर राज्यों, बैंकरों, अर्थशास्त्रियों, व्यापारियों और कृषि क्षेत्र के लोगों के साथ बैठक करती है। इसमें इन्हें मिलने वाले टैक्स में छूट और आर्थिक मदद जैसी बातों का जिक्र किया जाता है। इसके बाद संशोधित बजट अनुमानों के आधार पर वित्ति मंत्रालय एक बजट भाषण तैयार करता है।(मिडिल क्लास को मिलने वाली सुविधा)
संविधान में कहां है बजट की चर्चा
संविधान में यूं तो बजट शब्द का जिक्र नहीं किया गया है। लेकिन, अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण की चर्चा की गई है। इसके अंतर्गत ही सरकार को अपने हर साल के आय और व्यय का लेखा-जोखा देना होता है।
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Image credit: Twitter, HerZindagi
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