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HZ Educate: PhD नहीं.. अब ऐसे भी बन सकते हैं सरकारी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर, जानें

असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए सिर्फ आप पीएचडी करके ही नहीं, बल्कि आप अन्य तरीकों से भी ये पद पा सकते हैं। आइए हम इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं। 
Editorial
Updated:- 2024-09-14, 08:00 IST

How To Become Assistant Professor: हर साल कई छात्र कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर बनने की चाहत के साथ पीएचडी डिग्री या यूजीसी नेट परीक्षा में शामिल होते हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पहले पीएचडी करना जरूरी होता था। हालांकि, अब ऐसा नहीं है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की आधिकारिक सूचना के अनुसार, सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर बनने के लिए अब जरूरी नहीं कि वे पीएचडी करे ही। अभ्यर्थी अब अन्य परीक्षा देकर भी प्रोफेसर का पद हासिल कर सकते हैं।

ऐसा बिल्कुल नहीं है कि पीएचडी की मान्यता खत्म हो गई है। आपको बता दें कि अभ्यर्थियों के पास दो में एक योग्यता होना जरूरी है। चलिए हम आपको बताते हैं कि आप पीएचडी के अलावा और कैसे सहायक प्रोफेसर बन सकते हैं। 

पीएचडी के अलावा ऐसे बन सकते हैं असिस्टेंट प्रोफेसर

How To Become Assistant Professor

कॉलेज या विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन करने के लिए UGC NET न्यूनतम मानदंड है। नेट के अलावा, SET और SLET परीक्षा भी उन उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम पात्रता मानदंड है, जो असिस्टेंट प्रोफेसर बनना चाहते हैं। पीएचडी भी मान्य है, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि कैंडिडेट के पास पीएचडी की डिग्री होना अनिवार्य है। आपको बता दें, यूजीसी नेट, सेट या स्लेट उत्तीर्ण सभी उम्मीदवार असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी के लिए पात्र हैं। 

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क्या है NET, SET और SLET?

how to become a professor

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से हर साल यूजीसी नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में 75 फीसदी से पास होने वालों को जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी JRF मिलता है। वहीं, पास होने वाले कैंडिडेट्स को NET सर्टिफिकेट मिलता है। नेट पास होने के बाद PhD में दाखिला ले सकते हैं या आप चाहें तो असिस्टेंट प्रोफेसर भी बन सकते हैं। बात SET की बात करें तो यह स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट है, जो राज्य स्तर पर कराई जाती है, वहीं SLET का पूरा नाम स्टेट लेवल एलिजिबिलिटी टेस्ट है, जो कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के न्यूनतम पात्रता मानदंड में से एक माना जाता है।

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Image credit- Herzindagi, Freepik

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