NAAC, भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाली एक स्वायत्त संस्था है, जिसे 1994 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा स्थापित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शैक्षणिक मानकों का मूल्यांकन कर उन्हें ग्रेडिंग प्रदान करना है, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
NAAC ग्रेडिंग प्रक्रिया पर आए दिन सवाल खड़े होते रहते हैं, जब भी रिश्वत लेकर अच्छी ग्रेडिंग देने का मामला सामने आता है। ऐसे में, यह समझना जरूरी है कि NAAC क्या है, यह कैसे काम करता है और कॉलेजों की ग्रेडिंग प्रक्रिया किस आधार पर होती है? तो चलिए बिना देरी किए इस बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
क्या होती है NAAC Grading?
NAAC, भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता मूल्यांकन और प्रमाणन करने वाली एक स्वतंत्र संस्था है। इसे साल 1994 में यूजीसी द्वारा स्थापित किया गया था। NAAC विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का शैक्षणिक प्रदर्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी, रिसर्च, गवर्नेंस, स्टूडेंट सपोर्ट और अन्य मापदंडों के आधार पर मूल्यांकन करता है। इसके बाद, संस्थानों को एक ग्रेड दिया जाता है, जो उनकी गुणवत्ता का संकेतक होता है। इसमें A++ ग्रेड उत्कृष्ट माना जाता है। वहीं, D ग्रेडिंग वाले कॉलेज को अयोग्य माना जाता है, क्योंकि यह निम्म ग्रेडिंग स्केल होता है।
NAAC ग्रेडिंग स्केल
NAAC संस्थानों को उनके प्रदर्शन के आधार पर ग्रेडिंग प्रदान करता है। ग्रेडिंग इस प्रकार होती है-
- A++ (3.51 – 4.00) – उत्कृष्ट (Excellent)
- A+ (3.26 – 3.50) – बहुत अच्छा (Very Good)
- A (3.01 – 3.25) – अच्छा (Good)
- B++ (2.76 – 3.00) – संतोषजनक (Satisfactory)
- B+ (2.51 – 2.75) – औसत (Average)
- B (2.01 – 2.50) – सामान्य (Below Average)
- C (1.51 – 2.00) – कमजोर (Weak)
- D (< 1.50) – अयोग्य (Not Accredited)
इसे भी पढ़ें-Medical Colleges in India: भारत के सबसे सस्ते मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? एडमिशन से पहले जानें सीट और फीस
NAAC ग्रेडिंग से कॉलेज को कैसे मिलता है फायदा?
- उच्च ग्रेड मिलने पर संस्थान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल जाती है।
- सरकार और अन्य एजेंसियां फंडिंग प्रदान करते समय अच्छे ग्रेड वाले कॉलेजों को प्राथमिकता देती हैं।
- NAAC ग्रेडिंग से कॉलेज में योग्य प्रोफेसर्स और होनहार छात्र दाखिला लेने के लिए प्रेरित होते हैं।
- NAAC का मूल्यांकन कॉलेजों को अपनी सुविधाओं में सुधार करने के लिए प्रेरित करता है। इससे कॉलेज में अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ रिसर्च डेवलपमेंट में भी फायदा होता है।
इसे भी पढ़ें-टॉप आईआईएम कॉलेज में बिना कैट एग्जाम के भी पा सकते हैं एडमिशन, देखें कोर्स से जुड़ी डिटेल
NAAC ग्रेडिंग से स्टूडेंट्स को कैसे मिलता है फायदा?
- उच्च ग्रेड वाले कॉलेजों में बेहतर फैकल्टी, सुविधाएं और शिक्षा प्रणाली होती है।
- कंपनियां आमतौर पर उच्च ग्रेड वाले कॉलेजों के छात्रों को प्राथमिकता देती हैं।
- कई विदेशी विश्वविद्यालय NAAC ग्रेड को मान्यता देते हैं, जिससे छात्रों को एडमिशन में आसानी होती है।
- अच्छी ग्रेड वाले कॉलेजों के छात्रों को सरकारी और निजी स्कॉलरशिप मिलने की संभावना अधिक होती है।
इसे भी पढ़ें-Highest Ranked Colleges Of India: साल 2024 में इन 10 कॉलेजों को मिली हाईएस्ट रैंकिंग, यहां देखें लिस्ट
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ
Image credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों