कंज्यूमर होने के नाते हमें कई अधिकार दिए गए हैं। लेकिन हममें से बहुत कम लोग ही इन अधिकारों के बारे में पूरी तरह से जानते होंगे। ये सभी अधिकार आपको कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत दिए जाते हैं। बता दें कि अपने अधिकारों के बारे में कम जानकारी होने के कारण लोग छोटी-छोटी खरीदारी में अपना नुकसान कर बैठते हैं।
कई बार दुकानदार कम जागरूक ग्राहक को देखकर उसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। इस कारण आपको अपने कुछ बेसिक कंज्यूमर अधिकारों के बारे में जरूर पता होना चाहिए, ताकि आप एक जागरूक खरीदार बन सकें।
आज के आर्टिकल में हम आपको बेसिक कंज्यूमर अधिकारों के बारे में बताएंगे, जिनका इस्तेमाल करके आप एक सतर्क और जागरूक ग्राहक बन सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिर हमारे मूल कंज्यूमर राइट्स कौन-कौन से हैं और हमें किस तरह इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
राइट टू सेफ्टी-
राइट टू सेफ्टी आपको सुरक्षा का अधिकार देता है। बता दें कि कोई भी दुकानदार अपने ग्राहक को खराब वस्तु नहीं दे सकता है, जिससे भविष्य या वर्तमान में ग्राहक को उस सामान से कोई भी नुकसान हो। इस अधिकार के जरिए किसी भी दुकानदार को सामान देते वक्त इस बात का खासा ध्यान रखना चाहिए कि सामान की गुणवत्ता खराब ना हो। अगर कोई सामान खराब दिया जाता है, तो ग्राहक होने के नाते आप उसे बदलवा सकते हैं। अगर दुकानदार ऐसा करने से मना करता है, तो उसपर याचिका भी दायर की जा सकती है।
राइट टू इन्फॉर्मेशन-
राइट टू इन्फॉर्म के तहत हर कंज्यूमर को किसी भी प्रोडक्ट की क्वालिटी या क्वांटिटी के विषय में जानने का पूरा अधिकार है। ग्राहक होने के नाते आपके पास पूरा अधिकार है कि आप प्रोडक्ट या सर्विस की शुद्धता,मूल्य और क्वालिटी स्टैंडर्ड से जुड़ा कोई भी सवाल दुकानदार से पूछ सकते हैं।
राइट टू चूज-
राइट टू चूज आपको यह अधिकार देता है कि आप अपनी पसंद के किसी भी प्रोडक्ट का चुनाव करें। कोई भी दुकानदार आपको किसी भी सामान या सर्विस को चुनने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
ग्राहक सभी प्रकार की चीजों को देखकर अपनी पसंद के हिसाब से कोई भी सामान खरीद सकता है। ऐसा करने से ग्राहक को एक बेहतर कॉम्पिटेटिव मार्केट मिलता है, जिस कारण दुकानदार अपने ग्राहकों के लिए बेहतर प्रोडक्ट बनाने का प्रयास करते हैं।
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राइट टू हर्ड-
हर्ड का मतलब होता है सुनना या सुने जाना, ग्राहक होने के नाते आपका यह अधिकार है कि यदि आपके साथ कोई अन्याय हो तो उसे सुना जाए। बता दें कि कोई भी दुकानदार अपने ग्राहक के साथ बुरा व्यवहार नहीं कर सकता है, वहीं अगर ग्राहक के साथ कोई बेईमानी हो जाए, तो वह कंज्यूमर कोर्ट जाकर अपनी बात रख सकता है।
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राइट टू रिड्रेसल-
अगर दुकानदार ग्राहक को कोई खराब सामान देता है, तो उसे ग्राहक को रिलीफ अमाउंट या दूसरा सही प्रोडक्ट देना चाहिए। ऐसे में अगर किसी दुकानदार ने आपको खराब प्रोडक्ट दिया है तो आप उसे या तो बदलवा सकते हैं या उसकी जगह दुकानदार से रिलीफ अमाउंट की मांग कर सकते हैं।
राइट टू कंज्यूमर राइट्स एजुकेशन-
ग्राहक होने के नाते आपको यह अधिकार है कि आप अपने अधिकारों के प्रति पूरी तरह से जागरूकता और जानकारी रखें। आपको अपने साथ होने वाले फ्रॉड या अन्याय के प्रति जानकारी हो, इसलिए भारत सरकारको समय-समय पर ग्राहक जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, जिसमें आपको आपके अधिकारों के बारे में बताया जाए। जैसे कि आपने अक्सर टीवी पर प्रचार देखा होगा ‘जागो ग्राहक जागो’ जिसमें आपके सभी बेसिक कंज्यूमर राइट्स के बारे में बताया गया है।
तो यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हमने आपको भारत में ग्राहकों को मिलने वाले बेसिक राइट्स के बारे में बताया। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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