आपके घर में कौन सा तेल आता है? रिफाइंड, सरसों, ऑलिव आदि कई तेल हैं जिनमें खाना पकाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर में मौजूद तेल आपको कितना नुकसान पहुंचा सकता है? तेल का विज्ञापन देखा जाए तो वो आपको बताएंगे कि कितने हेल्दी होते हैं रिफाइंड ऑयल, वो आपके दिल का ख्याल रखेंगे, स्किन चमकदार बनाएंगे, खाने के जरिए होने वाली सारी तकलीफों को दूर करेंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा नहीं होता है।
कई रिसर्च ये बताती हैं कि प्रोसेस्ड वेजिटेबल ऑयल यानि रिफाइंड तेल आपकी सेहत को बहुत खराब कर सकते हैं। ये तेल आपकी सेहत के लिए इतने हानिकारक होते हैं कि लंबे समय में ये कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारी जैसी समस्याएं भी पैदा कर देते हैं।
नई रिसर्च कहती है कि सबसे बेहतर कोल्ड प्रेस्ड ऑयल्स होते हैं जो आपके खाने को बेहतर न्यूट्रिशन दे सकते हैं। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट स्वाति बथवाल से बात की और ये जानने की कोशिश की कि आखिर क्यों रिफाइंड ऑयल को बेहतर नहीं माना जाता और क्यों कोल्ड प्रेस्ड ऑयल्स का चलन बढ़ रहा है।
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स्वाति जी का कहना है कि रिफाइंड ऑयल्स खाने के लिए उतने अच्छे नहीं होते हैं क्योंकि इन्हें हीट प्रोसेस से बनाया जाता है और ऐसा करने पर केमिकल कंपोजिशन खराब हो जाती है। तेल में मौजूद सिंगल बॉन्ड अगर टूट जाता है तो इसका सिर्फ फैट ही रह जाता है और शरीर सिर्फ फैट को एब्जॉर्ब करता है।
कोल्ड प्रेस्ड ऑयल को बिना हीट प्रोसेस के एक्सट्रैक्ट किया जाता है और यही कारण है कि इनमें रिफाइंड ऑयल्स की तुलना में ज्यादा न्यूट्रिशन होते हैं।
रिफाइंड ऑयल्स को बहुत ज्यादा प्रोसेस किया जाता है और यही कारण है कि उसमें से सारे न्यूट्रिएंट्स उड़ जाते हैं। ये दोनों तेल दिखने में एक जैसे लगेंगे, लेकिन ये होते अलग-अलग हैं।
कोल्ड प्रेस्ड ऑयल को निकालने का वो तरीका है जिसमें पेड़ों के बीज को क्रश किया जाता है और बिना हीट के तेल निकाला जाता है। इस पूरे प्रोसेस में तेल निकालते समय कहीं भी हीट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ये खाने और स्किन के इस्तेमाल के लिए बेहतर माने जाते हैं।
रिफाइन करने का मतलब है छानना या फिल्टर करना और इन तेलों को कई तरह के केमिकल्स और हीट के साथ फिल्टर किया जाता है। ऐसे में जो तेल आता है वो काफी हल्का और शाइनी टेक्सचर वाला होता है। इस प्रोसेस में इतने केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है कि तेल में से कई सारे न्यूट्रिएंट्स निकल जाते हैं और ये फैट से भरपूर होते हैं। यही कारण है कि इन्हें हेल्दी नहीं माना जाता है।
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कोल्ड प्रेस्ड ऑयल और रिफाइंड ऑयल में कई समानताएं होती हैं जैसे-
ये पूरी तरह से तेल पर निर्भर करता है कि आप कौन सा तेल इस्तेमाल कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर ऑलिव ऑयल और तिल के तेल को कम तापमान में रखना चाहिए और इसलिए इन्हें सलाद ड्रेसिंग आदि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है या फिर वेजिटेबल टॉस करने के लिए और स्टर फ्राई करने के लिए।
पर सरसों, मूंगफली, नारियल, सोयाबीन आदि तेलों को ज्यादा हीट में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि इनका केमिकल बॉन्ड स्ट्रांग होता है। स्वाति जी का ये भी कहना है कि देसी खाना बनाने जैसे ऑलिव ऑयल में सब्जी, पूरी, पराठा आदि बनाने में नुकसान है और इसे ज्यादा हाई टेम्प्रेचर में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसे खाने के ऊपर से डालना बेहतर होगा और यही आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है।
खाने में कोई भी बड़ा बदलाव करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह लेना सही होता है। अपनी सेहत का ध्यान रखें और अगर ये स्टोरी आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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