खाने में नमक की बहुत अहमियत होती है और बिना इसके खाना तो नहीं बनाया जा सकता है। खाना बिना नमक के नहीं बन सकता है फिर भी इसका फैसला कौन करेगा कि आखिर कितना नमक खाना सेहत के लिए सही हो सकता है? इसके बारे में एक अलग धारणा बनाई गई है कि सिर्फ हाई बीपी के मरीजों को ही नमक कम खाना चाहिए और लो बीपी के मरीजों के लिए या सही बीपी वालों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है।
खाने में ज्यादा नमक कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। इसमें किडनी की परेशानी, हार्ट की परेशानी, स्वास्थ्य संबंधित अन्य समस्याएं सब कुछ शामिल हैं। पर एक बात यहां गौर करने वाली है और वो ये कि सोडियम शरीर के लिए ज़रूरी भी है जिसे एक अहम न्यूट्रिएंट माना जाता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की मानें तो एक दिन में 2000mg यानि 2 ग्राम सोडियम से ज्यादा नहीं खाना चाहिए। यहीं अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का मानना है कि 1500 mg सोडियम यानि 1.5 ग्राम प्रति दिन काफी होता है। इसका सीधा सा मतलब ये है कि इंसान को दिन के 6 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए। यानी 1 बड़ा चम्मच नमक एक इंसान के लिए काफी होता है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार अगर खाने में नमक ज्यादा होता है तो लॉन्ग रन में इससे बहुत सारी समस्याएं हो सकती हैं। ये न तो किडनी के लिए सही है न ही हार्ट के लिए।
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पर अक्सर हम जरूरत से ज्यादा नमक कंज्यूम कर लेते हैं। इसके लिए अपने खाने में नमक की क्वांटिटी को कम करना अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। पर इसे कम कैसे किया जाए?
जितना हो सके आप फ्रेश फ्रूट्स, सब्जियां, मीट आदि का इस्तेमाल करें। जितने पैकेज्ड फूड्स होते हैं उनका इस्तेमाल सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। न सिर्फ उनमें फैट कंटेंट ज्यादा होता है बल्कि उनमें नमक की क्वांटिटी भी ज्यादा होती है। फ्रोजन फूड, कैन में आने वाले फूड आदि का इस्तेमाल जितना कम होगा उतना अच्छा है।
अगर आप ज्यादा दिनों तक फ्रिज में खाना स्टोर कर रहे हैं तो वो भी एक संकेत है कि खाने में सोडियम का कंटेंट ज्यादा हो गया है। मसलन अगर रात की बची हुई सब्जी उठाकर फ्रिज में रखी है तो ज्यादा से ज्यादा उसे दूसरे दिन खाएं। इससे ज्यादा अगर उसे फ्रिज में रखा जाएगा तो आपको दिक्कत हो सकती है। बासी खाना सोडियम कंटेंट में हाई होता है।
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बाज़ार से जो भी पैकेज्ड फूड आप ला रही हैं उसका लेबल पढ़ने की आदत डालें। भले ही वो पैकेट में बंद मसाले ही क्यों न हो। बिस्किट, चिप्स, एपल पाई, कोल्डड्रिंक आदि में बहुत सोडियम होता है। ऐसे में सोडियम इंटेक बहुत ज्यादा होता है। पैकेज कंटेंट में देखें अगर नो एडेड शुगर और सॉल्ट वाला ऑप्शन उपलब्ध है तो उसे ही लें। ऐसे में आपके लिए बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं।
जैसे गार्लिक सॉल्ट की जगह गार्लिक पाउडर का इस्तेमाल करें। थोड़ी से मेहनत करके आप एक बार उस तरह के प्रोडक्ट्स की लिस्ट बना लें जिनमें सॉल्ट इनटेक कम हो।
बाहर जाकर खाना खाने से पहले ये ध्यान रखें कि ऐसी बहुत सारी डिश न मंगवाएं जिनमें ज्यादा नमक और मसाले लगते हों। पनीर की सब्जी आदि डिश वैसे तो हाई सोडियम कंटेंट वाली होती है, लेकिन उनका टेस्ट ऐसा आता है जैसे उनमें कम नमक हो। दाल में नमक का पता जल्दी चलता है।
अगर आपका बीपी हाई रहता है तो इस बात का ज़रूर ध्यान दें कि नमक का इंटेक कम हो।
साथ ही साथ, ये भी कोशिश करें कि खाने में नमक कम हो। सब्जी, दाल आदि बनाते समय उसमें कम नमक का इस्तेमाल करें। ये वैसे तो बहुत छोटी-छोटी टिप्स हैं, लेकिन ये बहुत काम की साबित हो सकती हैं। इन टिप्स की मदद से थोड़े ही समय में आपका सॉल्ट इंटेक कम होगा और स्वास्थ्य पर इसका पॉजिटिव असर पड़ेगा।
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