कई बार हम बहुत सी चीजों को बेकार समझ कर उसे फेंक देते हैं और यह नहीं सोचते हैं कि वह कितना गुणकारी हो सकता है। ऐसा ही कुछ तीखुर के साथ है। अधिकतर लोग तीखुर के औषधीय गुण के बारे में नहीं जानते हैं। तीखुर का इस्तेमाल मेरी मां और दादी मां कई सालों से करती आ रही हैं। इसके इस्तेमाल से बुखार, खांसी, चोट लगने पर मामूली घाव, अधिक प्यास लगने जैसी समस्या से उन्हें छुटकारा मिला है। यह यूरिन इन्फेक्शन यानी पेशाब में जलन की समस्या को दूर करने में काफी मददगार साबित हुआ है। इस कारण आपके साथ यह लेख शेयर कर रही हूं जिससे आप भी इसके औषधीय गुणों के बारे में जान सकें।
तीखुर के पेड़ में तना नहीं होता है और दिखने में इसका पेड़ हल्दी जैसा होता है। यह पेड़ कई सालों तक जिंदा रहता है। इसके पत्ते 30-45 सेंटीमीटर लंबे और देखने में बहुत नोकदार होते है। इसके पत्ते हल्दी के पत्तों के समान होते है और इसका रंग हरा होता है। तीखुर के पेड़ पर फूल भी होता है जो अंडे के आकार का होता है। इसका राइजोम लंबा और गूदेदार होता है। तीखुर के पेड़ में फूल और फल नवंबर के महीने में आते हैं। यह ज्यादातर देश के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और साउथ इंडिया में मिलता है। यह ज्यादातर हिमालय की 1000-1300 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है।
तीखुर की तासीर बहुत ठंडी होती है इस कारण गर्मियों में यह शरबत बनाने के काम भी आता है। यह कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट बहुत अच्छा स्रोत होता है। यह छोटे बच्चों के लिए भी बहुत लाभकारी होता है इसलिए इसका इस्तेमाल कई बेबी फूड्स में भी किया जाता है। यह पेट की बीमारियों के इलाज में भी यूज किया जाता है।
कई बार गैस की परेशानी लोगों के लिए बड़ी समस्या का कारण बन जाती है। गैस की परेशानी होने से कई लोगों का पेट फूलने लगता है। तीखुर को 2-3 ग्राम मात्रा में रोज लें और साथ में पानी पी लें। यह गैस की समस्या से आपको मुक्ति देगा और पेट फूलने की परेशानी को भी दूर होगी।
अगर आपको दस्त की समस्या है तो तीखुर राइजोम को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को दूध और शक्कर के साथ मिलाकर खाएं। यह दस्त की परेशानी में लाभ करेगा।
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गर्मियों के समय में बहुत से लोगों को पेशाब में जलन, रुक-रुक कर यूरिनआना जैसी समस्या होती है। तीखुर की तासीर ठंडी होने के कारण यह यूरिन इन्फेक्शन को दूर करने में मदद करता है। अगर आपको भी यूरिन में जलन हो तो तीखुर के प्रकंद का चूर्ण बनाकर उसे 1-2 ग्राम मात्रा में लें। यह जलन को दूर करने में मदद करेगा। अगर यूरिन में दर्द की परेशानी है तो तीखुर के प्रकंद के चूर्ण को दूध और शक्कर में मिलाएं और इसका सेवन करें। पेशाब में दर्द की समस्या जल्द दूर होगी।
अगर आपको लंबे समय से खांसी आ रही है तो 2-3 ग्राम तीखुर चूर्ण को गाय के घी में मिलाकर खाएं। यह खांसी को दूर करने में मदद करता है। इस उपाय को अपनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि घी थोड़ा गर्म करके ही उसमें तीखुर चूर्ण मिलाएं।
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तीखुर से कई तरह के पकवान जैसे हलुआ, खीर आदि बनते हैं। तीखुर के औषधीय गुणों के कारण इसकी विदेशों में भी मांग लगातार बढ़ रही है। हालांकि, यह हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है लेकिन एक बार इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर सलाह ज़रूर लें। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। (इस लेख में दी गई जानकारी निजी अनुभव पर आधारित है और उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।)
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