हार्मोन को बैलेंस करने में मददगार हो सकती है सीड्स साइकिलिंग

सीड्स साइकिलिंग के जरिए बॉडी हार्मोन को बैलेंस करने में मदद मिल सकती हैं।

Seed Cycling benefits in hindi

महिलाओं को अक्सर कई बार हार्मोनल उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनके पीरियड्स भी समय पर नहीं आते हैं। ऐसे में अधिकतर महिलाएं दवाइयों का सहारा लेती हैं। लेकिन अगर आप नेचुरल तरीके से अपने शरीर के हार्मोन को बैलेंस करना चाहती है तो ऐसे में सीड्स साइकिलिंग का सहारा लिया जा सकता है।

कुछ अध्ययनों से यह पता चलता है कि सीड्स ना केवल आपके शरीर को लाभ पहुंचाते हैं, बल्कि सीड्स साइकिलिंग के जरिए बॉडी हार्मोन को बैलेंस व सही तरह से स्रावित किया जा सकता है। दरअसल, सीड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फैट व मिनरल्स होते हैं, जो बॉडी के हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करते हैं। तो चलिए इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि सीड्स साइकिलिंग आपके लिए किस तरह लाभदायक है और इससे किस तरह किया जाना चाहिए-

सीड्स साइकिलिंग क्या है

Benefits Of Seed Cycling

सीड्स साइकिलिंग वास्तव में एक खास तरह का साइकल होता है, जिसमें सीड्स को एक खास तरह से लिया जाता है। इसमें वास्तव में दो फेज होते हैं- फॉलिक्यूलर और ल्यूटल। पहला फेस महिला के पीरियड्स के पहले दिन से शुरू होता है और 14 दिनों तक चलता है। जबकि दूसरा फेस ल्यूटल, दिन 14 से 28 का होता है।

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Benefits Of Seed Cycling by expert

ऐसे करते हैं सीड्स साइकिलिंग

सीड्स साइकिलिंग महिला की माहवारी के पहले दिन से शुरू होती है। जिसमें 14 दिनों तक महिला कद्दू के बीज और फ्लैक्स सीड्स का एक-एक चम्मच सेवन करती हैं। इन दोनों बीजों में जिंक की मात्रा अधिक होती है, जो एस्ट्रोजन उत्पादन में मदद करते हैं और साथ ही शरीर को प्रोजेस्टेरोन स्राव के लिए तैयार करते हैं। वहीं, सीड्स साइकिलिंग के दूसरे चरण ल्यूटल के दौरान तिल और सूरजमुखी के बीजों का सेवनकिया जाता है। जो आपके शरीर में एफएसएच और एलएच हार्मोन के स्त्राव को बढ़ाता है। जब ये हार्मोन बढ़ते हैं तो एस्ट्रोजन लेवल कम हो जाता है और प्रोजेस्टेरोन लेवल बढ़ जाता है। ये बीज ओमेगा -6 फैटी एसिड युक्त होते हैं, जो शरीर में प्रोजेस्टेरोन लेवल को बढ़ाने में मदद करते है। इस तरह, सीड्स साइकिलिंग के जरिए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेवल को बैलेंस करने में मदद मिलती है। वहीं, तिल के बीज जिंक में उच्च होते हैं और सूरजमुखी के बीज विटामिन ई में उच्च होते हैं, जो दोनों प्रोजेस्टेरोन उत्पादन का समर्थन करते हैं।

ऐसे पहुंचाता है लाभ

Benefits Of pumpkin Seed

जब महिला को समय पर माहवारी नहीं होती है या फिर कोई भी हार्मोनल इश्यू होते हैं तो शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन सही तरह से नहीं बनते या फिर गलत समय पर स्रावित होते हैं। लेकिन जब आप सीड्स साइकिलिंग करते हैं तो इससे उन्हें सही समय पर स्रावित होने में मदद मिलती है।(रोजाना सिर्फ 1 चम्मच अलसी खाने से मिलेंगे ये फायदे)

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मिलते हैं ये भी फायदे

आमतौर पर, सीड्स साइकिलिंग को हार्मोन को बैलेंस करने और पीरियड्स को रेग्युलेट करने के लिए फॉलो किया जाता है। लेकिन हार्मोन बैलेंस करने कारण यह पीसीओडी की समस्याओं से जूझ रही महिलाओं को भी लाभ पहुंचाता है। इसके अलावा, अगर किसी महिला को थायरॉइड, फर्टिलिटी ऑस्टियोपोरोसिस या ओवर वेट होने की समस्या है तो उन्हें भी सीड्स साइकिलिंग से फायदा मिल सकता है।(कद्दू के बीजों से झटपट कम करें वजन)

तो अब आप भी सीड्स साइकिलिंग को फॉलो कर सकती हैं। हालांकि, ऐसा करने से पहले एक बार डायटीशियन से सलाह अवश्य लें। साथ ही, इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Image Credit- freepik

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