गर्मियों के सीजन में कोई आम न खाए, ऐसे भला कैसे हो सकता है। आम के दीवाने आपको हर घर में मिलेंगे, जो गर्मियों का इंतजार सिर्फ आम के कारण ही करते हैं। इसे सिर्फ ऐसे ही खाया नहीं जाता बल्कि इससे कई सारी रेसिपी बनाई जाती हैं। रात का खाना खाने के बाद तो आम खाना तय होता ही है।
अब एक बात बताइए कि आप आम खाते कैसे हैं? क्या सही ढंग से आम खाने का तरीका पता है आपको? अब आप सोचेंगे कि सही ढंग से आम खाने का क्या मतलब है? आपने सुना होगा गांव-देहात में या अपने ही घर में दादी, नानी और मम्मी आम को लाते ही पहले पानी में भिगोने की सलाह देती थीं।
खाने से पहले आम भिगोने से क्या फायदा है और क्या नहीं, इसके पीछे के विज्ञान को समझना भी बहुत जरूरी है। साथ ही क्या आपको पता है कि अगर आम सही ढंग से खाया जाए तो आपको वजन कम करने में भी बहुत मदद मिल सकती है?
अगर नहीं पता तो चलिए आज हम आम खाने का सही ढंग और इसके भिगोने के फायदे खुद डाइटीशियन (फाउंडर सीमा सिंह न्यूट्रिशन क्लीनिक) सीमा सिंह से जान लें।
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डाइटीशियन सीमा सिंह कहती हैं कि आज के समय में हम डाल में पके हुए आम नहीं खाते हैं। आम ज्यादातर केमिकल्स से पकाए हुए होते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे नहीं होते। साथ ही आम की तासीर गर्म होती है, तो इसे खाकर पेट में गर्मी हो सकती, जिससे स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि स्किन की भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आम में फाइटिक एसिड, गर्मी और तमाम केमिकल्स को हटाने के लिए उन्हें पहले भिगोना जरूरी होता है।
आम में मौजूद फाइटिक एसिड शरीर द्वारा कुछ खनिजों जैसे लोहा, जस्ता, कैल्शियम और अन्य खनिजों के अवशोषण को रोकता है जिससे खनिजों की कमी होती है। जब आप आम को भिगोते हैं, तो यह शरीर में गर्मी पैदा करने वाले अतिरिक्त फाइटिक एसिड को निकालने में मदद करता है।
आम में गर्मी होने से पेट में गर्मी होगी, जिससे स्किन संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं। आम को पानी में भिगोने से उसकी गर्मी निकलती हैं, तो पेट की और स्किन की समस्याएं भी पैदा नहीं होती हैं। साथ ही भिगोने से इसके तने पर लगे दूधिया रस को हटा देता है जिसमें फाइटिक एसिड होता है।
आम शरीर के तापमान को भी बढ़ाते हैं जिससे थर्मोजेनेसिस का उत्पादन होता है। इसलिए, आमों को थोड़ी देर के लिए पानी में भिगोने से उनके थर्मोजेनिक गुण को कम करने में मदद मिलेगी। आम में फाइटोकेमिकल्स शक्तिशाली होते हैं, भिगोने से उनकी एकाग्रता कम हो जाती है, और वे प्राकृतिक वसा बस्टर के रूप में कार्य करते हैं।
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बहुत से लोग यह सोचते हैं कि आम खाने का क्या सही समय होगा, लेकिन आपको बता दें कि आम सही समय पर और सही ढंग से खाएं तो बहुत फायदेमंद हो सकता है। आम क्योंकि फाइबर का अच्छा स्रोत है, इसलिए आप उसे सुबह खा सकते हैं, मिड-लंच में खा सकते हैं। इस टाइम पर एक आम खा लेने से आपका पेट फुल रहेगा।
आम में बहुत अधिक प्राकृतिक शर्करा होती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि मधुमेह वाले लोग आम नहीं खा सकते हैं। आपको बस अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना है और उसका पूरा ध्यान देना है। हाई ब्लड ग्लूकोज, ब्लड शुगर मधुमेह का साइन है, इसलिए ब्लड शुगर लेवल की निगरानी और नियंत्रण जरूरी है।
कई शोध बताते हैं कि आम में बायोएक्टिव यौगिक और फाइटोकेमिकल्स फैट सेल्स और फैट से संबंधित जीन को दबा सकते हैं, यह दर्शाता है कि आम वजन कम करने के लिए फायदेमंद हो सकता है। आम में कैलोरी की मात्रा कम होती है लेकिन पानी और डायटरी फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। हाई फाइबर फूड खाने से आपका फेट फुल रहता है और आपको खाने की क्रेविंग नहीं होती है। आम विटामिन-सी का भी अच्छा स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार कर सकता है।
तो आज आपको आम के बारे में कई महत्वपूर्ण तथ्य मालूम हुए होंगे। अपनी डाइट में आम को इस तरह से शामिल करें और खाने से पहले भिगो जरूर लें।
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