National Nutrition Month 2020: आखिर आयोडीन क्यों होता है हमारी डाइट का सबसे ज़रूरी हिस्सा? एक्‍सपर्ट से जानें

National Nutrition Month 2020 के मौके पर हम आपको डेली डाइट में आयोडीन के महत्व के बारे में बता रहे हैं। 

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एक हेल्‍दी डाइट और पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिशन का सेवन किसी की भी हेल्‍थ और ग्रोथ के लिए जरूरी होता है। पर्याप्त न्यूट्रिशन हेल्‍दी लाइफ की शर्त है और यह क्रोनिक बीमारियों के जोखिम को कम करता है। नेशनल न्‍यूट्रिशन वीक की शुरुआत वर्ष 1973 में अमेरिकन डाइटेटिक एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा जनता को न्‍यूट्रिशन के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए की गई थी। 1982 में भारत सरकार ने जागरूकता फैलाने और लोगों को न्‍यूट्रिशन के महत्व के बारे में बात करके हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नेशनल न्‍यूट्रिशन वीक की शुरुआत की। इस नेशनल न्‍यूट्रिशन वीक को मानने के पीछे एक और कारण भारत जैसे विकासशील देश में कुपोषण जैसी बड़ी बाधा पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

इस वर्ष नेशनल न्‍यूट्रिशन वीक या पोषण माह 2020 दो मुख्य उद्देश्य पर आधारित है। पहला अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित और उनकी मॉनिटरिंग करना और दूसरा किचन गार्डन को बढ़ावा देने के लिए पौधारोपण अभियान है। इस मौके पर हम आपको बताएंगे कि आयोडीन हमारी डाइट का सबसे ज़रूरी हिस्सा क्‍यों है? इस बारे में हमेंटाटा न्यूट्रीकॉर्नर की न्यूट्रिशन एक्सपर्ट कविता देवगन बता रही हैंं।

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आयोडीन एक आवश्यक डाइटरी माइक्रोन्‍यूट्रिएंट है जिसे अक्सर कई लोगों द्वारा अनदेखा किया जाता है। यह उम्र और जीवन शैली के बावजूद हमारी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। पर्याप्त आयोडीन प्राप्त करना सभी के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर शिशुओं और प्रेग्‍नेंट महिलाओं के लिए। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, यह अनुमान है कि लगभग 350 मिलियन लोगों को आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों (IDD) का खतरा रहता है क्योंकि वे अपर्याप्त आयोडीन के साथ नमक का सेवन करते हैं। भारत जैसे विशाल देश में आयोडीन की कमी के कारण जटिलताओं से बचने और आयोडीन की दैनिक आवश्यकता प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका आपके डेली डाइट के माध्यम से ब्रांडेड आयोडीन युक्त नमक की स्वीकार्य मात्रा की खपत है। भारत में मिट्टी में आयोडीन की कमी के कारण अतिरिक्त जोखिम होता है और फलस्वरूप इससे प्राप्त भोजन में भी।

महिलाओं के लिए जरूरी है आयोडीन

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महिलाओं और बच्चों को आयोडीन की कमी वाले विकार अधिक होते हैं। अधिकांश माताओं को प्रेग्‍नेंसी के दौरान अच्छे स्वास्थ्य रखने के महत्व के बारे में जानकारी होती है, लेकिन गर्भ में बच्चे के ब्रेन के विकास के लिए आवश्यक आयोडीन के महत्व के बारे में जागरूकता की कम होती है। फीटस की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से प्रेग्‍नेंसी के दौरान महिलाओं की आयोडीन की आवश्यकताएं काफी हद तक बढ़ जाती हैं। फिर भी प्रेग्‍नेंसी के शुरुआती हफ्तों से आयोडीन की बढ़ती मांग के कारण कई महिलाओं को आयोडीन की अनजाने में कमी हो जाती है। इससे पता चलता है कि आयोडीन की कमी और इससे जुड़े विकारों को रोकने के लिए हाई जोखिम वाली आबादी में आयोडीन की अतिरिक्त खुराक की आवश्यकता हो सकती है। डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के अनुसार, सभी प्रेग्‍नेंट और ब्रेस्‍टफीडिंग कराने वाली माताओं को आयोडीन (250 एमसीजी) की अपनी दैनिक आवश्यकता प्राप्त करनी चाहिए!

एक्‍सपर्ट की राय

कुछ न्यूट्रिशन टिप्‍स को शेयर करते हुए टाटा न्यूट्रीकॉर्नर की न्यूट्रिशन एक्सपर्ट कविता देवगन ने बताया, ''आयोडीन सबसे आसानी से प्राप्‍त होने वाले और महत्वपूर्ण माइक्रोन्‍यूट्रिएंट्स में से एक है, लेकिन अक्सर कई लोगों द्वारा इसकी उपेक्षा की जाती है। आज लोगों के पास भोजन के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन फिर भी वह पोषण में खराब आहार खा रहे हैं। विशेष रूप से प्रेग्‍नेंसी और युवा माताओं के लिए आयोडीन की आवश्यकता अधिक होती है। मां के गर्भ से लेकर 3-5 साल की उम्र तक, शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास में इसकी अहम भूमिका होती है। आयोडीन की कमी को अपने आहार में अच्छी गुणवत्ता वाले ब्रांडेड आयोडीन युक्त नमक की स्वीकार्य मात्रा को जोड़कर आसानी से रोका जा सकता है जो आयोडीन का सबसे आसान स्रोत है।"

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आयोडीन की कमी को कम लागत पर आसानी से रोका जा सकता है। नमक के आयोडीकरण ने महिलाओं और बच्चों सहित लाखों भारतीय लोगों के लिए स्वास्थ्य और स्वास्थ्य की विरासत को सुनिश्चित किया। आयोडीन एक बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी है और एक सफल और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की हमारी खोज में देश की भावी पीढ़ी को इस विकास में योगदान देने के लिए हेल्‍थ होने की आवश्यकता है। एक धनी भारत केवल हेल्‍दी भारत की उपस्थिति में हो सकता है। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।

Image Credit: Freepik.com

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