आयोडीन हमारी बॉडी के विकास के लिए बेहद जरूरी होती है, खासतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी ज्यादा जरूरत होती है। इसकी कमी से कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्यायें हो सकती हैं। आयोडीन आपके बढ़ते शिशु के दिमाग के विकास और थायरॉयड ग्रंथि को सुचारु करने के लिए बहुत जरूरी है। यह एक माइक्रोपोशक तत्व है जिसकी हमारी बॉडी के विकास और जीने के लिए बहुत थोड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। डाइटिशियन कविता देवगन का कहना है कि ''आयोडीन हमारी बॉडी के temperature को भी विनियमित करता है। इसलिए आयोडीन की कमी बॉडी में न होने दें, इसके लिए आयोडीन से भरपूर चीजों का सेवन करें।
आयोडीन की कमी से होने वाली समस्याएं
- आयोडीन की कमी से होने वाली सबसे आम समस्या Goiter है, इसमें थायरॉयड ग्लैंड में बडी गिल्टी बन जाती है।
- आयोडीन की कमी से गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं।
- प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी कमी होने पर बच्चा abnormal हो सकता है और abortion की स्थिति भी आ सकती है।
- मां के बॉडी में आयोडीन की कमी होने पर बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास हमेशा के लिए रूक जाता है।
- दिमागी विकास के लिए आयोडीन बहुत जरुरी है। जो महिलाएं आयोडीन नहीं खाती हैं उनके सोचने समझने की क्षमता और मानसिक एकाग्रता की कमी आ जाती है।
हालांकि, किसी की भी बॉडी को जीवनभर में एक छोटे चम्मच से भी कम आयोडीन की आवश्यकता पड़ती है। चूंकि आयोडीन शरीर में जमा नहीं रह सकता इसे दैनिक आधार पर लेना पड़ता है। इसीलिए आज डाइटिशियन कविता देवगन आपको कुछ आयोडीन से भरपूर फूड के बारे में बताने जा रहें हैं, जिन्हें अपने आहार में शामिल करना बेहद जरुरी है।
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आयोडीन युक्त नमक
अपने आहार में आयोडीन शामिल करने का सबसे बेहतर तरीका आयोडीन युक्त नमक है। एक औसत भारतीय प्रतिदिन लगभग 10-15 ग्राम नमक का सेवन करते हैं। अपनी रोजाना की डाइट में आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करने से आपकी आयोडीन की दैनिक मात्रा पूरी हो जाती है।
मुनक्का
यह एक ऐसा स्नैक्स है जो स्वाद में मीठा होने के बावजूद आयोडीन से भरपूर होता है। ऐसे में रोजाना तीन मुनक्के खाने से 34 माइक्रोग्राम आयोडीन की पूर्ति आपके शरीर में होती है। इसके अलावा मुन्नके को रोजाना खाने से विटामिन ए, आयोडीन और फाइबर भी मिलता है।
आलू
आलू में आयोडीन पाया जाता है, यह आयोडीन का प्राकृतिक स्रोत है। बिना छीले आलू को पकाकर या उबालकर सेवन करने से 60 माइक्रोग्राम आयोडीन मिलता है। हालांकि सभी प्रकार के आलू में आयोडीन पाया जाता है, लेकिन जैविक आलू को आयोडीन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। इसलिए अपने नियमित आाहर में आलू को शामिल करें, कोशिश करें इसका प्रयोग छिलकों के सहित करें।
करौंदा
करौंदा कई गुणों से युक्त एंटीबॉयटिक का अच्छा स्रोत माना जाता है, साथ ही इसमें आयोडीन की भरपूर मात्रा भी होती है। डाइटिशियन कविता कहती है कि इसके केवल 4 औंस में 400 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है। अपनी नियमित आयोडीन की जरूरत को पूरी करने के लिए आप इसके ताजे फलों का सेवन कर सकती हैं।
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दूध
एक कप दूध में 56 माइक्रोग्राम आयोडीन पाया जाता है, साथ ही इसमें कैल्शियम और विटामिन-डी भी मिलता है जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है।
ऐसे में, आयोडीन की जरूरत को पूरा करके महिलाएं कई प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम्स से बच सकती है। इससे महिलाओं में सबसे आम होने वाली समस्या यानि थायरॉयड नहीं होती जो कि जानलेवा है। इसके अलावा मानसिक विकार और कब्ज जैसी समस्यायें नहीं होती हैं।
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