यह तो हम सभी जानते हैं कि डाइट और सेहत का आपस में गहरा कनेक्शन है। लेकिन बच्चों के लिए आहार का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। दरअसल, वह डेवलपिंग एज में होते हैं, जिसके कारण खानपान और उसे मिलने वाले पोषक तत्व उनकी ग्रोथ पर असर डालते हैं। यह बच्चों के स्वास्थ्य की नींव को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। बच्चों को अपने शारीरिक व मानसिक विकास के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इन्हीं में से एक है ओमेगा -3 फैटी एसिड।
यह बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण फैटी एसिड माने जाते हैं, क्योंकि वे वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इतना ही नहीं, इनसे बच्चों को और भी कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। चूंकि बच्चों का शरीर उन्हें अपने आप नहीं बना सकता है और उन्हें भोजन से प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। तो चलिए आज इस लेख में दिल्ली के सरोज अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. के के गुप्ता आपको बता रहे हैं कि बच्चों के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड क्यों आवश्यक है-
ओमेगा-3 फैटी एसिड मुख्य रूप से बच्चों के मस्तिष्क के विकास में मदद करता है। आमतौर पर, बच्चे के मस्तिष्क का 90 प्रतिशत विकास पांच साल तक की उम्र तक हो जाता है। अगर ऐसे में बच्चों को ओमेगा-3 फैटी एसिड पर्याप्त मिलता है, तो ब्रेन का डेवलपमेंट अच्छी तरह से होता है। यह बच्चों की मेमोरी को बूस्ट अप करने के साथ-साथ ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता का विकास भी करता है। चूंकि मां के दूध से बच्चे को ओमेगा-3 फैटी एसिड मिलता है, इसलिए शिशु को स्तनपान करवाने की सलाह दी जाती है।
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आमतौर पर, ओमेगा-3 फैटी एसिड तीन टाइप- ईपीए, एएलए और डीएचए के होते हैं। डीएचए बच्चों के दिमाग के विकास में सहायताकरता है। अध्ययनों में भी यह पाया गया है कि डीएचए का निम्न स्तर बच्चों में ऑटिज्म व एडीएचडी जैसी समस्याओं के विकसित होने की संभावना को बढ़ाता है। इसलिए बच्चों की डाइट में इसे शामिल करना बेहद आवश्यक है।
आपको शायद पता ना हो, लेकिन शरीर डीएचए का उपयोग उन कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करने के लिए करता है जो आंख की रेटिना बनाने के लिए आवश्यक हैं। इसलिए, बच्चों की आई हेल्थ के लिए उनकी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड का होना बेहद जरूरी माना गया है। डीएचए की अनुपस्थिति ने बच्चों में आंखों की समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है।
डीएचए एक हेल्दी फैट है, जो बच्चे के दिल का ख्याल रखने में भी मददगार है। ओमेगा -3 उच्च रक्तचाप की संभावना को कम करने के लिए रक्तचाप के स्तर को कम रखने में भी मदद करता है। ओमेगा -3 गुड कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ा सकता है और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है।
आज के समय में मधुमेह सिर्फ व्यस्क तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब बच्चे भी इसकी जद में आने लगे है। इसका एक कारण शरीर में एचडीएल का स्तर कम होना भी है। वहीं, ओमेगा -3 बच्चों में एचडीएल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, जो आगे चलकर बच्चों मेंमधुमेह की संभावनाको कम करता है।
ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक लाभ यह भी है कि यह वायुमार्ग में सूजन को कम करता है, जिससे अस्थमा से पीड़ित बच्चों को उनके वायु पाइप में किसी भी सूजन को कम करने से मदद मिलती है। साथ ही, यह कम उम्र में अस्थमा की संभावना को भी कम करने में सहायक है।
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तो अब आप भी बच्चे की डाइट में ओमेगा -3 फैटी एसिड रिच फूड्स को शामिल करें। आप चाहें तो डॉक्टर की सलाह पर बच्चे को कुछ सप्लीमेंट्स भी दे सकती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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