यह तो हम सभी जानते हैं कि फल खाना शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। लेकिन अधिकतर लोग या तो फल खाने से बचते हैं या फिर किसी भी मौसम में कोई भी फल खाने लग जाते हैं, क्योंकि वही फल उन्हें बहुत अधिक पसंद होता है। हो सकता है कि आप भी अब तक ऐसा ही करती आई हों। आज के समय में आपको अधिकतर फल हर मौसम में मिल जाते हैं, लेकिन मौसमी फल खाने की बात ही कुछ और होती है। आपने कभी नोटिस किया है कि आम गर्मियों में खाने में जितना लाजवाब लगता है, उतना मजा शायद बाहर से लाकर किसी और मौसम में खाने में ना आए। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्रकृति का अपना एक नियम होता है और अगर हम सभी उसी के अनुसार चलें तो इससे सेहत को लगभग दस गुना ज्यादा फायदा मिल सकता है।
आप जरा गौर कीजिए कि जब गर्मी में शरीर पानी की कमी से जूझता है, तो उस वक्त प्रकृति से तरबूज, ख़रबूजा और मिलती है। इसी तरह, जब सर्दियों में इम्युनिटी कमजोर पड़ती है, और तभी अमरूद और संतरे जैसे फलों को खाने से बहुत अधिक फायदा मिलता है। इसका सीधा सा अर्थ है कि कुदरत को अच्छी तरह पता है कि हमारे शरीर को कब क्या चाहिए। मौसमी फलों को खाना इसलिए भी अच्छा माना जाता है, क्योंकि इन्हें किसी केमिकल या आर्टिफिशियल तरीके से नहीं उगाया जाता। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि मौसमी फलों को खाना सेहत के लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है-
मौसमी फलों को खाने का फायदा यह होता है कि इन्हें पकाने के लिए किसी तरह के केमिकल या आर्टिफिशियल राइपनर की जरूरत नहीं पड़ती है। जिसकी वजह से इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स ज़्यादा होते हैं। इस लिहाज से यह सेहत के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं। फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन (2020) की रिपोर्ट में पाया गया कि लोकल और मौसमी फल खाने से शरीर में 40 प्रतिशत तक ज़्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स और पॉलीफिनॉल्स जाते हैं।
हर मौसम में हमारे शरीर की जरूरतें बदल जाती हैं। मसलन, गर्मी के मौसम में हीट बढ़ जाती है तो पेट को ठंडक और शरीर को अतिरिक्त पानी चाहिए होता है। वहीं, सर्दियों मे इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और ऐसे में बार-बार सर्दी-जुकाम की शिकायत होती है। ऐसे में जब आप मौसमी फल खाती हैं तो इससे आपको इन समस्याओं से निपटने में मदद मिलती है। मौसमी फल हमारे शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। गर्मी में तरबूज, खरबूजा और लीची ठंडक और हाइड्रेशन देता है, जबकि सर्दियों में विटामिन सी से भरपूर संतरा सर्दी-ज़ुकाम से बचाव करता है।
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मौसमी फल मौसम व शरीर की जरूरतों के अनुसार होते हैं, इसलिए इन्हें पचाना काफी आसान होता है। ऐसे में इनके सेवन से डाइजेशन पर भी अच्छा असर पड़ता है। वहीं, अगर आप गैर-मौसमी फल खाते हैं तो इससे आपको हैवीनेस या एसिडिटी की समस्या हो सकती है। मसलन, मानसून के दिनों में पपीता पाचन को बेहतर बनाने के साथ-साथ गैस व अपच को रोकता है। इसी तरह, गर्मी के मौसम में तरबूज डाइजेशन को बेहतर बनाने के साथ-साथ पेट को ठंडक भी पहुंचाता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंसेज एंड न्यूट्रिशन (2016) की स्टडी बताती है कि मौसमी फल आंतों के बैक्टीरिया से बेहतर मेल खाते हैं, जिससे पाचन सुधरता है और सूजन घटती है।
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