एसिडिटी की समस्या आपको काफी परेशान कर सकती है। इसकी वजह से ब्लोटिंग से लेकर सीने में जलन की शिकायत हो सकती है। अक्सर लोग एसिडिटी होने पर तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं या फिर दवाइयों का सहारा लेते हैं। लेकिन आपको बार-बार ऐसा करने की जरूरत नहीं है। बस आपको अपनी डाइट में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता है। अगर आप अपनी डाइट में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करते हैं तो इससे आपको बार-बार होने वाली एसिडिटी से राहत मिलती है।
आपको शायद पता ना हो, लेकिन जब आप अपने खाने की आदतों में बदलाव करते है, तो आप नेचुरल तरीके से एसिडिटी को नियंत्रित कर सकते हैं। मसलन, अगर आप अपनी डाइट से मसालेदार, ऑयली और प्रोसेस्ड फूड आइटम्स का सेवन कम करते हैं तो इससे एसिडिटी की समस्या से बचा जा सकता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको डाइट में किए जाने वाले कुछ ऐसे ही बदलावों के बारे में बता रही हैं, जिन्हें अपनाकर आप एसिडिटी से राहत पा सकते हैं-
मसालेदार खाने से बचें
जिन लोगों को अक्सर एसिडिटी की शिकायत रहती है, उन्हें अपनी डाइट में बहुत अधिक मसालों जैसे लाल मिर्च व काली मिर्च का सेवन कम से कम करना चाहिए। इसके अलावा, बहुत अधिक ऑयली फूड भी एसिड प्रोडक्शन को बढ़ा सकता है, जिससे आपको एसिडिटी की शिकायत हो सकती है।
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खट्टे फलों का सीमित करें सेवन
यूं तो खट्टे फलों व टमाटर का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन अगर आपको एसिडिटी की शिकायत है तो ऐसे में आपको इनका सेवन कम से कम करना चाहिए। दरअसल, यह नेचुरली एसिडिक होते हैं और एसिडिटी को और भी बदतर बना सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इसके बजाय केले, सेब या खरबूजे खाएं।
पिएं अधिक पानी
अगर आपको एसिडिटी की शिकायत है तो आप पानी का सेवन थोड़ा अधिक करें। दरअसल, पानी पेट के एसिड को पतला करने में मदद करता है। हालांकि, भोजन के दौरान बहुत अधिक पीने से बचें। यह पाचन को धीमा कर सकता है और इससे आपको परेशानी हो सकती है।
हर्बल चाय का करें सेवन
हर्बल चाय को अक्सर अच्छी नींद या फिर वजन कम करने के लिए जाना जाता है। लेकिन इससे ब्लोटिंग व एसिडिटी से भी राहत मिलती है। आप अदरक की चाय, कैमोमाइल चाय व सौंफ़ की चाय आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। ये पाचन तंत्र को शांत करते हैं और स्वाभाविक रूप से एसिडिटी को कम करने में मदद करते हैं।
लें छोटे-छोटे मील्स
कुछ लोगों की यह आदत होती है कि वे दो मील्स के बीच में कई-कई घंटों का गैप करते हैं। लेकिन ऐसे लंबे गैप्स करने और एक बार में हैवी मील्स लेने से आपके पेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स और भी खराब हो जाता है। इसलिए, हर तीन-चार घंटे में मील लें और इस दौरान थोड़ा-थोड़ा करके खाएं। कम भोजन लेने से पाचन पर भी कम दबाव पड़ता है।
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